नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने ओमान में तीन नाबालिग बच्चों समेत परिवार की हत्या के आरोपी के प्रत्यर्पण के केंद्र सरकार के फैसले पर मुहर लगा दी है. जस्टिस अमित बंसल की बेंच ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ आरोपी मजीबुल्लाह मोहम्मद हनीफ की याचिका खारिज कर दी. कोर्ट के इस फैसले से आरोपी को ओमान प्रत्यर्पित कर ले जाया जा सकेगा.
दरअसल 31 जुलाई 2019 को ओमान की पुलिस को खबर मिली कि एक नागरिक, उसकी पत्नी और तीन नाबालिग बच्चों को उनके घर में मृत पाया गया. प्रारंभिक जांच के बाद ओमान प्रशासन ने हनीफ समेत तीन दूसरे आरोपियों का फिंगर प्रिंट पाया. जांच में पता चला कि चारों ने मिलकर हत्या की इस वारदात को अंजाम दिया है. उसके बाद चारों ओमान से भागकर भारत आ गए.
ये भी पढ़ें: 7 दिन में फंड जारी करें नहीं तो रोक देंगे विज्ञापन का पैसा, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दिल्ली सरकार को लगाई फटकार?
ओमान प्रशासन ने 5 अगस्त को भारतीय प्रशासन को प्रत्यर्पण संधि के तहत इन चारों भगोड़े आरोपियों को गिरफ्तार करने का आग्रह किया. जिसके बाद इनके प्रत्यर्पण की कार्रवाई शुरू की गई. 17 अगस्त 2019 को इनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया. इसके लिए सीबीआई और इंटरपोल की मदद ली गई. 12 सितंबर 2019 को हनीफ को गिरफ्तार कर लिया गया. इस बीच ओमान ने भारत सरकार से 20 सितंबर 2019 को हनीफ के प्रत्यर्पण की मांग की.
ओमान के प्रत्यर्पण की मांग के बाद केंद्र सरकार ने पटियाला हाउस कोर्ट में प्रत्यर्पण कानून की धारा 5 के तहत जांच की मांग की. इस मामले में बाकी तीन आरोपी अभी फरार थे लिहाजा जांच केवल हनीफ के खिलाफ चली. पटियाला हाउस कोर्ट में ट्रायल के दौरान हनीफ ने कहा कि वह निर्दोष है और उसे जान बूझकर फंसाया गया है. पटियाला हाउस कोर्ट ने हनीफ को ओमान प्रत्यर्पित करने की अनुमति दे दी. पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को हनीफ ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. बता दें कि हनीफ उत्तर प्रदेश का रहनेवाला है और ओमान में मजदूरी करने गया था.