नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल में तिहाड़ जेल के चिकित्सा अधीक्षक से सभी दोषियों और 75 वर्ष से अधिक आयु के विचाराधीन कैदियों की वर्तमान चिकित्सा स्थिति के बारे में स्थिति रिपोर्ट मांगी है. न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की खंडपीठ ने कहा कि स्थिति रिपोर्ट अवश्य होनी चाहिए. इसमें कैदियों के इलाज का पूरा विवरण भी शामिल करें और 29 मई या उससे पहले प्रस्तुत करें.
पीठ 2005 में '92 वर्षीय तिहाड़ अंडरट्रायल' शीर्षक से प्रकाशित एक समाचार के आधार पर दर्ज एक मामले की सुनवाई कर रही थी. बुजुर्ग महिला माया देवी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420, 467, 471 और 120 के तहत मामला दर्ज किया गया था. अदालत ने 2005 में उनकी वृद्धावस्था और तिहाड़ जेल के चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा गया था कि वो कई बीमारियों से पीड़ित हैं. इसे देखते हुए उसे जमानत दे दी गई थी. अदालत तब से तिहाड़ जेल में बुजुर्ग कैदियों की चिकित्सा स्थिति की निगरानी कर रही है.
बता दें, 11 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल में औचक निरीक्षण करने के लिए समिति का गठन किया था. कमेटी से कैदियों को दिए जा रहे भोजन और बैठने की जगह और कैंटीन में स्वच्छता के स्तर पर रिपोर्ट मांगी गई है. जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कैदियों को हर समय प्रदान किए जाने वाले भोजन की प्रकृति, यानी नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना और कैंटीन में उपलब्ध कराए जाने वाले खाद्य पदार्थों के विवरण पर रिपोर्ट मांगी.
2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली की तिहाड़ जेल में लगभग 50% -60% कैदी व्यक्तित्व विकार और व्यवहार संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं. कम से कम 6% को मनोरोग संबंधी समस्याएं हैं.