नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने हंसल मेहता की फिल्म "फ़राज़" की रिलीज़ पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. यह फिल्म शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने वाली है, जो ढाका में 2016 में हुए आतंकवादी हमले पर आधारित है. अदालत ने गुरुवार को यह स्पष्ट कर दिया कि निर्माता पूरी ईमानदारी से उस डिस्क्लेमर का पालन करेंगे, जो कहता है कि यह फिल्म ढाका में हुए आतंकवादी हमले से प्रेरित है और इसमें दिखाए गए तत्व पूरी तरह से काल्पनिक हैं.
अदालत 2016 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका स्थित होली आर्टिसन बेकरी पर हुए आतंकवादी हमले में जान गंवाने वाली अबिंटा कबीर तारिषी जैन के परिवार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. हमले के दो पीड़ितों की माताओं ने 3 फरवरी को रिलीज होने वाली फिल्म पर आपत्ति जताई थी. न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की पीठ ने इस मामले में अगलगी सुनाई 22 फरवरी को टाल दी है.
अदालत ने पाया कि फिल्म निर्माताओं के वकील ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अपीलकर्ताओं की बेटियों से संबंधित तस्वीरें या चित्र फिल्म में नहीं हैं. दोनों महिलाओं ने इस आधार पर फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी कि यह उनकी बेटियों को गलत चित्रित कर सकती है. जिससे यह मृतक की बदनामी का कारण बन सकती है. वहीं फिल्म निर्माताओं ने दोनों पीड़ितों के परिवार के सदस्यों को फिल्म दिखाने से इनकार कर दिया. फिल्म ने उनकी मृत बेटियों को तब दिखाया गया था जब इसकी स्क्रीनिंग लंदन में की गई थी.
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पिछले साल खारिज हो गई थी याचिकाः दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने इससे पहले 2022 में इस मामले को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने आदेश किया था कि सत्य घटना पर आधारित फिल्म पर रोक नहीं लगाई जा सकती. इसके बाद परिवार ने डबल बेंच में अपील किया.
(इनपुटः PTI)
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