नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुरानी दिल्ली में जामा मस्जिद के बगल में दो सार्वजनिक पार्कों का कब्जा नहीं लेने के लिए शुक्रवार को नगर निगम (एमसीडी) से सवाल किया. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने एमसीडी को कानून के अनुसार दोनों सार्वजनिक पार्कों का कब्जा लेने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया. कोर्ट जामा मस्जिद के आसपास सार्वजनिक पार्कों में अनधिकृत अतिक्रमण के मुद्दे पर मोहम्मद अर्सलान की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
एमसीडी के वकील ने अदालत को सूचित किया कि जामा मस्जिद से सटे उत्तरी पार्क और दक्षिणी पार्क उनके कब्जे में नहीं हैं. वहींं, जिन पार्कों पर ताला लगा है, उन पर मस्जिद अधिकारियों का कथित तौर पर अवैध कब्जा है. पीठ ने कहा, "सार्वजनिक पार्क हैं, यह अदालत एमसीडी को कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश देती है. यदि कोई पुलिस सहायता मांगी जाती है, तो वह नागरिक प्राधिकरण को प्रदान की जाएगी."
पीठ ने आगे कहा, "अगर यह एक सार्वजनिक पार्क है तो यह बड़े पैमाने पर जनता के लिए खुला होना चाहिए. आप इसे दिल्ली के नागरिकों के लिए सार्वजनिक ट्रस्ट में रखते हैं. ऐसा लगता है कि आपके अधिकारी किसी और दुनिया में रह रहे हैं. आप इसका कब्जा नहीं खो सकते."
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बता दें, अदालत ने पहले दिल्ली वक्फ बोर्ड को याचिका में एक पक्ष बनाया था और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि सार्वजनिक पार्कों में अनधिकृत अतिक्रमण हटा दिया जाए. पार्कों को स्वच्छ स्थिति में रखा जाए. इसने अधिकारियों को की गई कार्रवाई पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया था.
सुनवाई के दौरान एमसीडी के वकील ने कहा कि एजेंसी को साउथ पार्क के रख-रखाव के लिए प्रवेश की अनुमति दी गई है, लेकिन नॉर्थ पार्क में नहीं. अदालत ने कहा कि 28 जुलाई को जामा मस्जिद के शाही इमाम/प्रबंध समिति के वकील ने मामले में निर्देश लेने के लिए समय मांगा था. हालांकि, शुक्रवार को शाही इमाम या प्रबंध समिति की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ.
(PTI)