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कोरोना मरीजों के लिए 80% बेड आरक्षित रखने के फैसले को चुनौती, HC करेगा सुनवाई - आईसीयू बेड का आरक्षण

दिल्ली के निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 80 फीसदी आईसीयू बेड आरक्षित रखने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई है. जस्टिस नवीन चावला की बेंच सुनवाई करेगी.

Delhi High Court
दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : Jan 8, 2021, 10:37 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट आज निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 80 फीसदी आईसीयू बेड आरक्षित रखने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वो आईसीयू बेड का आरक्षण 80 फीसदी से घटाकर 60 फीसदी करने की समीक्षा कर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें. जस्टिस नवीन चावला की बेंच सुनवाई करेगी.

28 दिसंबर को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने 26 दिसंबर को हुई बैठक का स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया था. दिल्ली सरकार ने कहा था कि सरकार आईसीयू बेड का आरक्षण 80 फीसदी से 60 फीसदी करने के फैसले की समीक्षा करेगी. तब कोर्ट ने दिल्ली सरकार को समीक्षा बैठक की रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.

24 दिसंबर को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा था कि विशेषज्ञ कमेटी ने 33 निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों के लिए आईसीयू बेड में आरक्षण 80 फीसदी से घटाकर 60 फीसदी करने का फैसला किया है.

'हर चीज का राष्ट्रीयकरण करना चाहते हैं'

पहले की सुनवाई के दौरान अस्पतालों की ओर से पेश वकील मनिंदर सिंह ने दिल्ली सरकार से कहा था कि आप कभी भी जहांगीरी फरमान जारी कर देते हैं. उन्होंने कहा था कि कोर्ट ने इस मामले में दो बार सुनवाई स्थगित की है. दिल्ली सरकार हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर सुनवाई टालना चाहती है. मनिंदर सिंह ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि आप खुद का इंफ्रास्ट्रक्चर क्यों नहीं मजबूत कर रहे हैं. आप कोरोना के नाम पर हर चीज का राष्ट्रीयकरण करना चाहते हैं.

पढ़ें- दिल्लीः सरकार ने दी मेडिकल कॉलेज खोलने की अनुमति, रेजिडेंट डॉक्टरों ने जताई खुशी

कोरोना मामलों को देखते हुए लगी थी रोक

बता दें कि सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में याचिका दायर की है. सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को फैसला करने को कहा. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगा दी थी.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट आज निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 80 फीसदी आईसीयू बेड आरक्षित रखने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वो आईसीयू बेड का आरक्षण 80 फीसदी से घटाकर 60 फीसदी करने की समीक्षा कर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें. जस्टिस नवीन चावला की बेंच सुनवाई करेगी.

28 दिसंबर को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने 26 दिसंबर को हुई बैठक का स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया था. दिल्ली सरकार ने कहा था कि सरकार आईसीयू बेड का आरक्षण 80 फीसदी से 60 फीसदी करने के फैसले की समीक्षा करेगी. तब कोर्ट ने दिल्ली सरकार को समीक्षा बैठक की रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.

24 दिसंबर को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा था कि विशेषज्ञ कमेटी ने 33 निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों के लिए आईसीयू बेड में आरक्षण 80 फीसदी से घटाकर 60 फीसदी करने का फैसला किया है.

'हर चीज का राष्ट्रीयकरण करना चाहते हैं'

पहले की सुनवाई के दौरान अस्पतालों की ओर से पेश वकील मनिंदर सिंह ने दिल्ली सरकार से कहा था कि आप कभी भी जहांगीरी फरमान जारी कर देते हैं. उन्होंने कहा था कि कोर्ट ने इस मामले में दो बार सुनवाई स्थगित की है. दिल्ली सरकार हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर सुनवाई टालना चाहती है. मनिंदर सिंह ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि आप खुद का इंफ्रास्ट्रक्चर क्यों नहीं मजबूत कर रहे हैं. आप कोरोना के नाम पर हर चीज का राष्ट्रीयकरण करना चाहते हैं.

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कोरोना मामलों को देखते हुए लगी थी रोक

बता दें कि सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में याचिका दायर की है. सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को फैसला करने को कहा. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगा दी थी.

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