नई दिल्ली: अपनी मांगों को लेकर 21 मार्च को दिल्ली के सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले गेस्ट टीचर विधानसभा का घेराव करेंगे. ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन जनरल सेक्रेटरी शोएब राणा ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कार्यरत गेस्ट टीचर्स ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में अपने जीवन का बहुमूल्य समय दिया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 8 साल पहले गेस्ट टीचर्स को पक्का करने का वादा किया था, लेकिन आज तक 1 भी गेस्ट टीचर को पक्का नहीं किया गया है. समान कार्य समान वेतन देने का वादा किया, लेकिन आज तक किसी भी गेस्ट टीचर को समान कार्य समान वेतन नहीं दिया गया.
उन्होंने कहा कि गेस्ट टीचर्स को पक्का करना तो दूर आए दिन गेस्ट टीचर्स को नौकरी से निकाल दिया जाता है, पिछले 1 साल में 6000 से ज्यादा गेस्ट टीचर्स को नौकरी से निकाला जा चुका है. बीते 6 साल से गेस्ट टीचर्स को समान कार्य समान वेतन देना तो दूर गेस्ट टीचर्स की सैलरी में 1 रुपया तक नहीं बढ़ाया गया. जबकि, पूर्व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने दिसम्बर 2021 में गेस्ट टीचर्स की सैलरी बढ़ाने के आदेश दिया था लेकिन आजतक सैलरी नही बढ़ी.गेस्ट टीचर्स आज भी दिहाड़ी मज़दूरी पर काम करते हैं.इसलिए हम सभी गेस्ट टीचरों से अपील करते हैं कि 21 मार्च को विधानसभा पहुंचे.
यह है गेस्ट टीचरों की मांगेंः दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले गेस्ट टीचरों की मांग है कि वित्त मंत्रालय के आदेशानुसार सभी गेस्ट टीचर्स के लिए 2017 से समान कार्य समान वेतन लागू किया जाए.सभी गेस्ट टीचर्स को परमानेंट कर 60 साल तक जॉब सेक्युरिटी दी जाए.