नई दिल्ली: ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच लगातार आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं. दिल्ली सरकार लगातार आरोप लगा रही है कि केंद्र सरकार की तरफ से जरूरत के हिसाब से पर्याप्त सप्लाई नहीं मिल पा रही है. इसी बीच दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने आज एक डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली का ऑक्सीजन बुलेटिन जारी किया.
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'कल सिर्फ 433 टन ऑक्सीजन ही मिली'
राघव चड्ढा ने कहा कि 3 मई को दिल्ली में ऑक्सीजन की जरूरत 976 मीट्रिक टन थी, लेकिन इसकी तुलना में दिल्ली को मात्र 433 टन सप्लाई मिली. उन्होंने कहा कि यह हमारी कुल जरूरत की तुलना में 44 फीसदी ही थी. राघव ने कहा कि अगर साप्ताहिक एवरेज देखें, तो हमारी हर दिन की जरूरत 976 टन है, लेकिन हमें औसतन 393 टन ऑक्सीजन ही मिली है.
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'एक हफ्ते में मिली औसतन 40 फीसदी सप्लाई'
राघव चड्डा ने कहा कि एक हफ्ते की यह औसतन सप्लाई कुल मांग की सिर्फ 40 फीसदी ही है. उन्होंने बताया कि सप्लाई कम होती है, तो हम दिनरात मेहनत करके अस्पतालों में ऑक्सीजन पहुंचाने की कोशिश करते हैं. अगर सप्लायर की तरफ से सप्लाई नहीं मिलती है, तो टीम केजरीवाल उसे मुहैया कराते हैं. राघव ने बताया कि हम SOS रिजर्व बनाए हुए हैं, वहां से बड़ा डी-टाइप सिलेंडर हॉस्पिटल्स को दिया जाता है.
'सोमवार को आए थे 41 SOS मैसेज'
बीते दिन अस्पतालों को हुई आपातकालीन ऑक्सीजन सप्लाई का जिक्र करते हुए राघव ने कहा कि कल हमें कुल 41 अस्पतालों से SOS कॉल या मैसेज आए और सभी का हमने समाधान किया. इन अस्पतालों में कुल 7142 ऑक्सीजन बेड्स थे और हमने उन्हें 21.3 मीट्रिक टन सप्लाई की. राघव ने बताया कि हमारे SOS रिजर्व में सिलेंडर और लिक्विड ऑक्सीजन भी हैं.
'एक मां के फोन पर पहुंचाया ऑक्सीजन'
केंद्र पर निशाना साधते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि जरूरत से कम ऑक्सीजन दिल्ली को मिल रही है, उसके बावजूद हम सप्लाई सुनिश्चित करना चाहते हैं. टैंकर्स की लाइव ट्रेकिंग से लेकर हम सप्लाई चेन तक को मॉनिटर कर रहे हैं. राघव ने बताया कि कैसे कल एक मां का फोन आया, जिनका बेटा एक ऐसे अस्पताल में था, जहां ऑक्सीजन खत्म होने वाली थी. फिर वहां ऑक्सीजन टैंकर भेजा गया.