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DU के 28 कॉलेजों का रुका फंड, शिक्षक संघ ने CM को पत्र लिख कहा- परिवार का जीवन यापन मुश्किल

केजरीवाल सरकार द्वारा डीयू के 28 कॉलेजों के फंड रोक देने के बाद इन कॉलेजों में वित्तीय संकट पैदा हो गया है. डूटा ने मुख्यमंत्री से अपना आदेश वापस लेने और जल्द-जल्द फंड रिलीज करने की मांग की है.

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Published : Jun 13, 2019, 9:53 AM IST

Updated : Jun 13, 2019, 2:53 PM IST

डूटा ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार द्वारा डीयू के 28 कॉलेजों के फंड रोक देने के बाद ये कॉलेज वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.

परेशानियों से सीएम को करवाया अवगत
इस पत्र में उन्होंने कॉलेज में कर्मचारियों को वेतन ना मिलने से लेकर अन्य सभी परेशानियों से मुख्यमंत्री को अवगत करवाया है. उनसे फंड ना देने वाले आदेश को वापस लेने की मांग भी की है.

12 कॉलेज दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी
बता दें कि दिल्ली के करीब 12 कॉलेज ऐसे हैं जिनका पूरी तरह वित्तपोषण दिल्ली सरकार करती है. इन कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी के गठन के मुद्दे पर दिल्ली विश्वविद्यालय और दिल्ली सरकार के बीच गतिरोध चल रहा है. दोनों ही एक दूसरे पर प्रक्रिया में देरी करने का आरोप लगाते रहते हैं.

इस रस्साकसी के बीच 16 अप्रैल को केजरीवाल सरकार द्वारा फरमान जारी किया गया था कि गवर्निंग बॉडी का गठन नहीं होने के कारण कॉलेजों को मिलने वाला फंड रोक दिया जाएगा.

फंड रोकने से बढ़ी परेशानी
केजरीवाल सरकार के इस फैसले का दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने विरोध किया है. डूटा अध्यक्ष राजीव रे ने बताया कि सरकार के इस फैसले से इन कॉलेजों में कार्यरत कर्मचारियों को खासी परेशानी हो रही है. पर्याप्त फंड न होने की वजह से ना ही उन्हें समय पर तनख्वाह मिल पा रही है और ना ही मेडिकल आदि बिल पास हो रहे हैं.

परिवारों का जीवन-यापन मुश्किल में
फंड रोक देने के बाद कर्मचारियों की ही नहीं बल्कि उनके पूरे परिवार का जीवन-यापन मुश्किल हो गया है. उन्होंने बताया कि डूटा ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में पर्याप्त वित्त न होने से हो रही सभी समस्याओं के बारे में लिखा है. डूटा ने कहा कि आपसी मतभेद का हवाला देकर दिल्ली सरकार अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला नहीं झाड़ सकती.

डूटा ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

जल्द फंड रिलीज करने की मांग
नियम के मुताबिक सरकार को कॉलेज का पूरा खर्चा वहन करना चाहिए, साथ ही सेमी गवर्नमेंट कॉलेज में 5 फीसदी का योगदान देना अनिवार्य है. इस पत्र के जरिए डूटा ने मुख्यमंत्री से अपना आदेश वापस लेने और जल्दी फंड रिलीज करने की मांग की है.

नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार द्वारा डीयू के 28 कॉलेजों के फंड रोक देने के बाद ये कॉलेज वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.

परेशानियों से सीएम को करवाया अवगत
इस पत्र में उन्होंने कॉलेज में कर्मचारियों को वेतन ना मिलने से लेकर अन्य सभी परेशानियों से मुख्यमंत्री को अवगत करवाया है. उनसे फंड ना देने वाले आदेश को वापस लेने की मांग भी की है.

12 कॉलेज दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी
बता दें कि दिल्ली के करीब 12 कॉलेज ऐसे हैं जिनका पूरी तरह वित्तपोषण दिल्ली सरकार करती है. इन कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी के गठन के मुद्दे पर दिल्ली विश्वविद्यालय और दिल्ली सरकार के बीच गतिरोध चल रहा है. दोनों ही एक दूसरे पर प्रक्रिया में देरी करने का आरोप लगाते रहते हैं.

इस रस्साकसी के बीच 16 अप्रैल को केजरीवाल सरकार द्वारा फरमान जारी किया गया था कि गवर्निंग बॉडी का गठन नहीं होने के कारण कॉलेजों को मिलने वाला फंड रोक दिया जाएगा.

फंड रोकने से बढ़ी परेशानी
केजरीवाल सरकार के इस फैसले का दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने विरोध किया है. डूटा अध्यक्ष राजीव रे ने बताया कि सरकार के इस फैसले से इन कॉलेजों में कार्यरत कर्मचारियों को खासी परेशानी हो रही है. पर्याप्त फंड न होने की वजह से ना ही उन्हें समय पर तनख्वाह मिल पा रही है और ना ही मेडिकल आदि बिल पास हो रहे हैं.

परिवारों का जीवन-यापन मुश्किल में
फंड रोक देने के बाद कर्मचारियों की ही नहीं बल्कि उनके पूरे परिवार का जीवन-यापन मुश्किल हो गया है. उन्होंने बताया कि डूटा ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में पर्याप्त वित्त न होने से हो रही सभी समस्याओं के बारे में लिखा है. डूटा ने कहा कि आपसी मतभेद का हवाला देकर दिल्ली सरकार अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला नहीं झाड़ सकती.

डूटा ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

जल्द फंड रिलीज करने की मांग
नियम के मुताबिक सरकार को कॉलेज का पूरा खर्चा वहन करना चाहिए, साथ ही सेमी गवर्नमेंट कॉलेज में 5 फीसदी का योगदान देना अनिवार्य है. इस पत्र के जरिए डूटा ने मुख्यमंत्री से अपना आदेश वापस लेने और जल्दी फंड रिलीज करने की मांग की है.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय

दिल्ली के 28 कॉलेजों में सरकार द्वारा फंड रोक दिए जाने को लेकर ये कॉलेज वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं. इस मामले को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने कॉलेज में कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने से लेकर अन्य सभी परेशानियों से मुख्यमंत्री को अवगत करवाया है और उनसे फंड ना देने का आदेश वापस लेने की मांग की है.


Body:बता दें कि दिल्ली के करीब 12 कॉलेज ऐसे हैं जिनका पूरी तरह वित्तपोषण दिल्ली सरकार करती है. वहीं इन कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी के गठन के मुद्दे पर दिल्ली विश्वविद्यालय और दिल्ली सरकार के बीच गतिरोध चल रहा है और दोनों ही एक दूसरे पर प्रक्रिया में देरी करने का आरोप लगाते रहते हैं. वहीं इस रसाकसी के बीच 16 अप्रैल को केजरीवाल सरकार द्वारा फरमान जारी किया गया था कि गवर्निंग बॉडी का गठन नहीं होने के कारण कॉलेजों को मिलने वाला फंड रोक दिया जाएगा.

वहीं केजरीवाल सरकार के इस फैसले का दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने विरोध किया है. डूटा अध्यक्ष राजीव रे ने बताया कि सरकार के इस फैसले से इन कॉलेजों में कार्यरत कर्मचारियों को खासी परेशानी हो रही है. पर्याप्त फंड न होने की वजह से ना ही उन्हें समय पर तनख्वाह मिल पा रही है ना ही मेडिकल आदि बिल पास हो रहे हैं. इससे केवल कर्मचारियों को ही नहीं बल्कि उनके पूरे परिवार का जीवनयापन मुश्किल हो गया है. उन्होंने बताया कि डूटा ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में पर्याप्त वित्त न होने से हो रही सभी समस्याओं के बारे में लिखा है. साथ ही डूटा का कहना है कि आपसी मतभेद का हवाला देकर दिल्ली सरकार अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला नहीं झाड़ सकती. नियम के मुताबिक सरकार को कॉलेज का पूरा खर्चा वहन करना चाहिए साथ ही सेमि गवर्नमेंट कॉलेज में 5 फीसदी का योगदान देना अनिवार्य है. इस पत्र के जरिये डूटा ने मुख्यमंत्री से अपना आदेश वापस लेने को कहा है साथ ही जल्द से जल्द फंड रिलीस करने की मांग की है जिससे कॉलेजों को दुबारा सुचारू रूप से चलाया जा सके. वहीं डूटा इस पूरे मामले को लेकर 17 जून को मुख्यमंत्री आवास पर धरना प्रदर्शन करने जा रही है.



Conclusion:
Last Updated : Jun 13, 2019, 2:53 PM IST
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