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Mehrauli Demolition Drive: बेघर परिवारों के पक्ष में केजरीवाल सरकार, बुनियादी सुविधाओं के लिए LG के पास भेजा प्रस्ताव

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Published : Feb 16, 2023, 6:31 PM IST

Updated : Feb 16, 2023, 6:49 PM IST

महरौली में डेमोलिशन के शिकार हुए पीड़ित परिवारों के लिए दिल्ली सरकार ने बुनियादी सुविधाएं जैसे टेंट, खाना, कंबल आदि मुहैया कराने के लिए एक प्रस्ताव एलजी के पास भेजा है. इसका प्रस्ताव दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने सीएम के समक्ष रखा था. अब एलजी से हरी झंडी मिलते ही इसे पीड़ित परिवारों तक पहुंचाया जाएगा.

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नई दिल्लीः महरौली में डीडीए द्वारा किए गए डेमोलिशन से बेघर हुए परिवारों के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुनियादी सुविधाओं के साथ टेंट, खाना, कंबल मुहैया कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. अब यह फाइल एलजी के पास लंबित है. दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत और मदद पहुंचाने को लेकर मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्ताव रखा था. डीडीए ने महरौली पुरातत्व पार्क के विवादित सीमांकन के बहाने लाडो सराय गांव में कई घरों को गिरा दिया है. इसके चलते कई परिवार बेघर हो गए हैं और उनके पास बुनियादी सुविधाओं का अभाव है.

इससे पहले राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने डेमोलिशन से प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल के समक्ष प्रस्ताव रखा था. बैठक में उन्हें बताया गया कि डीडीए के अनुरोध पर दिसंबर 2021 में सीमांकन किया गया. तब उन्होंने डीएम से पूछा कि क्या वहां के प्रभावित लोगों को सीमांकन के बारे में पहले सूचित किया गया था? क्योंकि उन्हें बताया गया है कि प्रभावित लोगों को सीमांकन की कोई जानकारी नहीं दी गई थी.

राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि 11 फरवरी 2023 को मैंने साउथ दिल्ली के डीएम को लाडो सराय, महरौली पुरातत्व पार्क का नए सिरे से सीमांकन कराने को कहा था. साथ ही, डीएम को सरकार के आदेश से डीडीए अधिकारियों को अवगत कराने का निर्देश दिया था कि इसका फिर से सीमांकन किया जाएगा, लेकिन इन निर्देशों का साउथ दिल्ली के डीएम द्वारा पालन नहीं किया गया. इसके बाद 14 फरवारी 2023 को फिर साउथ दिल्ली के डीएम को पत्र के जरिए निर्देशित किया कि सरकार के आदेश से डीडीए अधिकारियों को अवगत कराया जाए. राजस्व मंत्री बताया कि डीडीए द्वारा डेमोलिशन को रोक दिया गया है.

अरविंद केजरीवाल ने प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता एवं राहत प्रदान करने के लिए राजस्व मंत्री द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी. दिल्ली सरकार प्रभावित परिवारों को टेंट, भोजन, कंबल के साथ-साथ बुनियादी सुविधाओं के प्रावधान सहित हरसंभव मदद पहुंचाना चाहती है. दिल्ली सरकार की यह पहल उन पीड़ितों के लिए एक स्वागत योग्य कदम है, जो डेमोलिशन अभियान से अपना गुजारा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

दिल्ली सरकार ने इन कारणों से डीडीए के अनुरोध पर राजस्व विभाग के सीमांकन को गलत बतायाः

  1. लाडो सराय गांव घनी आबादी वाला क्षेत्र है और गांव में भवन व आवासीय घर बहुत पुराने हैं। यह एक स्वीकृत स्थिति है.
  2. 10 फरवरी की बैठक में राजस्व अधिकारियों द्वारा यह स्वीकार किया गया है कि प्रभावित क्षेत्र में सीमांकन से पहले कब्जाधारियों को कोई नोटिस नहीं दिया गया था. जाहिर तौर पर सीमांकन करते समय कब्जाधारियों को शामिल नहीं किया गया. यह स्पष्ट है कि कब्जाधारियों को अंधेरे में रखकर सीमांकन किया गया और पीड़ित व्यक्तियों की कोई सुनवाई नहीं हुई थी.
  3. लाडो सराय गांव का शहरीकरण बहुत पहले ही हो गया था और इसलिए राजस्व विभाग राजस्व रिकॉर्ड को अपडेट नहीं कर रहा है.
  4. राजस्व अधिकारी इस तथ्य से अवगत थे कि डीडीए ने उनसे प्रभावित क्षेत्र के सीमांकन के लिए अनुरोध किया था, क्योंकि उनका इरादा उस क्षेत्र में डेमोलिशन अभियान चलाने का था. राजस्व अधिकारी डीयूएसआईबी अधिनियम 2010, दिल्ली स्लम और जेजे पुनर्वास और स्थानांतरण नीति 2015 के प्रावधानों से अच्छी तरह से अवगत हैं. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (विशेष प्रावधान) संशोधन अध्यादेश अभी भी प्रचलन में है और इसे समय-समय पर विस्तारित किया जा रहा है. राजस्व अधिकारियों को इसकी भी स्पष्ट जानकारी है.
  5. यह स्पष्ट है कि राजस्व अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्र का सीमांकन करने से पहले उपरोक्त प्रावधानों पर विचार नहीं किया.
  6. सर्वोच्च न्यायालय ने 5 जनवरी 2023 को दिए एक निर्णय में डेमोलिशन के आदेश पर रोक लगाया है. सुप्रीम कोर्ट ने यह रोक उत्तराखंड राज्य में ध्वस्तीकरण अभियान पर लगाया है, जहां रेलवे के अंतर्गत आने वाली भूमि पर राज्य सरकार डेमोलिशन अभियान चलाने जा रही थी.
  7. यदि डीडीए के अनुरोध पर सीमांकन करने से पहले राजस्व अधिकारियों ने उपरोक्त बातों का ध्यान रखा होता तो निश्चित रूप से सीमांकन रिपोर्ट के अलग-अलग परिणाम सामने आते.

ये भी पढ़ेंः CM केजरीवाल ने कहा- टॉप 10 प्रदूषित शहरों की सूची में दिल्ली नहीं, BJP बोली- जनता को गुमराह न करें

नई दिल्लीः महरौली में डीडीए द्वारा किए गए डेमोलिशन से बेघर हुए परिवारों के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुनियादी सुविधाओं के साथ टेंट, खाना, कंबल मुहैया कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. अब यह फाइल एलजी के पास लंबित है. दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत और मदद पहुंचाने को लेकर मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्ताव रखा था. डीडीए ने महरौली पुरातत्व पार्क के विवादित सीमांकन के बहाने लाडो सराय गांव में कई घरों को गिरा दिया है. इसके चलते कई परिवार बेघर हो गए हैं और उनके पास बुनियादी सुविधाओं का अभाव है.

इससे पहले राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने डेमोलिशन से प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल के समक्ष प्रस्ताव रखा था. बैठक में उन्हें बताया गया कि डीडीए के अनुरोध पर दिसंबर 2021 में सीमांकन किया गया. तब उन्होंने डीएम से पूछा कि क्या वहां के प्रभावित लोगों को सीमांकन के बारे में पहले सूचित किया गया था? क्योंकि उन्हें बताया गया है कि प्रभावित लोगों को सीमांकन की कोई जानकारी नहीं दी गई थी.

राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि 11 फरवरी 2023 को मैंने साउथ दिल्ली के डीएम को लाडो सराय, महरौली पुरातत्व पार्क का नए सिरे से सीमांकन कराने को कहा था. साथ ही, डीएम को सरकार के आदेश से डीडीए अधिकारियों को अवगत कराने का निर्देश दिया था कि इसका फिर से सीमांकन किया जाएगा, लेकिन इन निर्देशों का साउथ दिल्ली के डीएम द्वारा पालन नहीं किया गया. इसके बाद 14 फरवारी 2023 को फिर साउथ दिल्ली के डीएम को पत्र के जरिए निर्देशित किया कि सरकार के आदेश से डीडीए अधिकारियों को अवगत कराया जाए. राजस्व मंत्री बताया कि डीडीए द्वारा डेमोलिशन को रोक दिया गया है.

अरविंद केजरीवाल ने प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता एवं राहत प्रदान करने के लिए राजस्व मंत्री द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी. दिल्ली सरकार प्रभावित परिवारों को टेंट, भोजन, कंबल के साथ-साथ बुनियादी सुविधाओं के प्रावधान सहित हरसंभव मदद पहुंचाना चाहती है. दिल्ली सरकार की यह पहल उन पीड़ितों के लिए एक स्वागत योग्य कदम है, जो डेमोलिशन अभियान से अपना गुजारा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

दिल्ली सरकार ने इन कारणों से डीडीए के अनुरोध पर राजस्व विभाग के सीमांकन को गलत बतायाः

  1. लाडो सराय गांव घनी आबादी वाला क्षेत्र है और गांव में भवन व आवासीय घर बहुत पुराने हैं। यह एक स्वीकृत स्थिति है.
  2. 10 फरवरी की बैठक में राजस्व अधिकारियों द्वारा यह स्वीकार किया गया है कि प्रभावित क्षेत्र में सीमांकन से पहले कब्जाधारियों को कोई नोटिस नहीं दिया गया था. जाहिर तौर पर सीमांकन करते समय कब्जाधारियों को शामिल नहीं किया गया. यह स्पष्ट है कि कब्जाधारियों को अंधेरे में रखकर सीमांकन किया गया और पीड़ित व्यक्तियों की कोई सुनवाई नहीं हुई थी.
  3. लाडो सराय गांव का शहरीकरण बहुत पहले ही हो गया था और इसलिए राजस्व विभाग राजस्व रिकॉर्ड को अपडेट नहीं कर रहा है.
  4. राजस्व अधिकारी इस तथ्य से अवगत थे कि डीडीए ने उनसे प्रभावित क्षेत्र के सीमांकन के लिए अनुरोध किया था, क्योंकि उनका इरादा उस क्षेत्र में डेमोलिशन अभियान चलाने का था. राजस्व अधिकारी डीयूएसआईबी अधिनियम 2010, दिल्ली स्लम और जेजे पुनर्वास और स्थानांतरण नीति 2015 के प्रावधानों से अच्छी तरह से अवगत हैं. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (विशेष प्रावधान) संशोधन अध्यादेश अभी भी प्रचलन में है और इसे समय-समय पर विस्तारित किया जा रहा है. राजस्व अधिकारियों को इसकी भी स्पष्ट जानकारी है.
  5. यह स्पष्ट है कि राजस्व अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्र का सीमांकन करने से पहले उपरोक्त प्रावधानों पर विचार नहीं किया.
  6. सर्वोच्च न्यायालय ने 5 जनवरी 2023 को दिए एक निर्णय में डेमोलिशन के आदेश पर रोक लगाया है. सुप्रीम कोर्ट ने यह रोक उत्तराखंड राज्य में ध्वस्तीकरण अभियान पर लगाया है, जहां रेलवे के अंतर्गत आने वाली भूमि पर राज्य सरकार डेमोलिशन अभियान चलाने जा रही थी.
  7. यदि डीडीए के अनुरोध पर सीमांकन करने से पहले राजस्व अधिकारियों ने उपरोक्त बातों का ध्यान रखा होता तो निश्चित रूप से सीमांकन रिपोर्ट के अलग-अलग परिणाम सामने आते.

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Last Updated : Feb 16, 2023, 6:49 PM IST
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