ETV Bharat / state

AAP मंत्रियों का आदेश नहीं मान रहे दिल्ली सरकार के अधिकारी, अतिशी ने किया विरोध

दिल्ली सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों के बीच तकरार जारी है. बुधवार को मंत्री अतिशी ने एक फिर दिल्ली सरकार के अधिकारियों पर मंत्रियों का आदेश नहीं मानने का आरोप लगाया है.

AAP मंत्री अतिशी
AAP मंत्री अतिशी
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 30, 2023, 6:53 PM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के अधिकारियों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा. अब मंत्री अतिशी ने बुधवार को प्रेस वार्ता कर दिल्ली सरकार के अधिकारियों पर मंत्रियों का आदेश न मानने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अधिकारी केंद्र सरकार द्वारा लाए गए एनसीटीडी (संशोधन) कानून 2023 का हवाला देकर आदेश मानने से इनकार कर रहे हैं. आतिशी ने इसका पुरजोर विरोध किया और कहा कि इस तरह सरकार दिल्ली के लोगों के लिए कैसे कम कर पाएगी.

जीएनसीटीडी अमेंडेमेंट एक्ट: अतिशी ने कहा कि केंद्र ने एनसीटीडी (संशोधन) कानून 2023 लाकर चुनी हुई सरकार के प्रति अफसरों की जवाबदेही को खत्म कर दिया है. यह कानून सेक्शन 45 के तहत चीफ सेक्रेटरी या किसी विभाग के सेक्रेटरी को पावर देता है कि वह चुने हुए मंत्री की बात माने या ना माने. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पूर्व दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने भी 10 पेज की चिट्ठी लिखकर कहा था कि वह चुनी हुई सरकार के आदेश का पालन नहीं करेंगे. यह कानून में संशोधन का पहला परिणाम था.

अधिकारी ने 40 पेज का चिठ्ठी लिखी: अतिशी ने कहा कि फाइनेंस मिनिस्टर के तौर पर 12 जुलाई को एक पत्र लिखकर एक आदेश दिया था जिस पर अब प्रिंसिपल सेक्रेट्री फाइनेंस आशीष चंद्र वर्मा ने 40 पेज का पत्र लिखकर चुनी हुई सरकार के मंत्री का आदेश मानने से इनकार कर दिया. अब दिल्ली सरकार के एक के बाद एक अधिकारी सरकार का आदेश नहीं मान रहे हैं. जिस मामले में आशीष चंद्र वर्मा ने चिट्ठी लिखी है वह जीएसटी का मामला था, जिसमें हाईकोर्ट ने फैसला दिल्ली सरकार के खिलाफ दिया था. इसके बाद सरकार ने फैसला लिया कि वह इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट लेकर जाएंगे. इसके लिए पत्र लिखा गया. जिसमें बताया गया कि दिल्ली सरकार के इस वकील के जरिए सुप्रीम कोर्ट में केस फाइल किया जाए.

मंत्री अतिशी ने कहा कि मंत्री कैलाश गहलोत ने यह आदेश 5 जून को पत्र लिखकर दिया था. इसके बाद दिल्ली के अधिकारी इस फाइल को घुमाते रहे. वकील अप्वॉइंट कर सुप्रीम कोर्ट में केस नहीं दायर किया गया. 12 जुलाई को फाइल मेरे पास आई तो मैंने दोबारा केस फाइल करने का आदेश दिया था, जिसके बाद अब 40 पेज का जवाब आया है. एलजी चाहते हैं कि उनके अनुसार केस में वकील अप्वॉइंट हो जबकि यह अधिकार दिल्ली सरकार के पास है.

ये भी पढ़ें:

  1. AAP मंत्री आतिशी ने LG को लिखा पत्र, बोलीं- मुख्य सचिव ने दिल्ली सरकार के आदेशों को मानने से किया इनकार
  2. आतिशी के सवालों पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष का पलटवार, सचदेवा ने कहा- पैसा वसूल सरकार चला रहे केजरीवाल

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के अधिकारियों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा. अब मंत्री अतिशी ने बुधवार को प्रेस वार्ता कर दिल्ली सरकार के अधिकारियों पर मंत्रियों का आदेश न मानने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अधिकारी केंद्र सरकार द्वारा लाए गए एनसीटीडी (संशोधन) कानून 2023 का हवाला देकर आदेश मानने से इनकार कर रहे हैं. आतिशी ने इसका पुरजोर विरोध किया और कहा कि इस तरह सरकार दिल्ली के लोगों के लिए कैसे कम कर पाएगी.

जीएनसीटीडी अमेंडेमेंट एक्ट: अतिशी ने कहा कि केंद्र ने एनसीटीडी (संशोधन) कानून 2023 लाकर चुनी हुई सरकार के प्रति अफसरों की जवाबदेही को खत्म कर दिया है. यह कानून सेक्शन 45 के तहत चीफ सेक्रेटरी या किसी विभाग के सेक्रेटरी को पावर देता है कि वह चुने हुए मंत्री की बात माने या ना माने. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पूर्व दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने भी 10 पेज की चिट्ठी लिखकर कहा था कि वह चुनी हुई सरकार के आदेश का पालन नहीं करेंगे. यह कानून में संशोधन का पहला परिणाम था.

अधिकारी ने 40 पेज का चिठ्ठी लिखी: अतिशी ने कहा कि फाइनेंस मिनिस्टर के तौर पर 12 जुलाई को एक पत्र लिखकर एक आदेश दिया था जिस पर अब प्रिंसिपल सेक्रेट्री फाइनेंस आशीष चंद्र वर्मा ने 40 पेज का पत्र लिखकर चुनी हुई सरकार के मंत्री का आदेश मानने से इनकार कर दिया. अब दिल्ली सरकार के एक के बाद एक अधिकारी सरकार का आदेश नहीं मान रहे हैं. जिस मामले में आशीष चंद्र वर्मा ने चिट्ठी लिखी है वह जीएसटी का मामला था, जिसमें हाईकोर्ट ने फैसला दिल्ली सरकार के खिलाफ दिया था. इसके बाद सरकार ने फैसला लिया कि वह इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट लेकर जाएंगे. इसके लिए पत्र लिखा गया. जिसमें बताया गया कि दिल्ली सरकार के इस वकील के जरिए सुप्रीम कोर्ट में केस फाइल किया जाए.

मंत्री अतिशी ने कहा कि मंत्री कैलाश गहलोत ने यह आदेश 5 जून को पत्र लिखकर दिया था. इसके बाद दिल्ली के अधिकारी इस फाइल को घुमाते रहे. वकील अप्वॉइंट कर सुप्रीम कोर्ट में केस नहीं दायर किया गया. 12 जुलाई को फाइल मेरे पास आई तो मैंने दोबारा केस फाइल करने का आदेश दिया था, जिसके बाद अब 40 पेज का जवाब आया है. एलजी चाहते हैं कि उनके अनुसार केस में वकील अप्वॉइंट हो जबकि यह अधिकार दिल्ली सरकार के पास है.

ये भी पढ़ें:

  1. AAP मंत्री आतिशी ने LG को लिखा पत्र, बोलीं- मुख्य सचिव ने दिल्ली सरकार के आदेशों को मानने से किया इनकार
  2. आतिशी के सवालों पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष का पलटवार, सचदेवा ने कहा- पैसा वसूल सरकार चला रहे केजरीवाल
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.