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नए शैक्षणिक सत्र में स्कूलों के लिए दिल्ली सरकार का नया प्लान

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र एक अप्रैल से शुरू हो रहा है. ऐसे में यह पहली बार होगा, जब स्टूडेंट्स लॉकडाउन के दो साल बाद नए सत्र में भौतिक तौर पर कक्षाओं में शामिल होंगे. इस बाबत दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता ने सोमवार को सरकारी स्कूलों के सभी स्कूल प्रमुखों व डीओई के साथ समीक्षा बैठक की और उन्हें शैक्षणिक सत्र 2022-23 की पहली तिमाही में विशेष रूप से विद्यार्थियों के भावनात्मक वेल-बींग और आधारभूत कौशल पर ध्यान देने का निर्देश दिया.

दिल्ली सरकार का नया प्लान
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Published : Mar 21, 2022, 9:37 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे हैं, जिसके तहत स्कूल और कॉलेज भी पूरी तरह से खुलने लगे हैं. इस बीच दिल्ली सरकार के द्वारा कोरोना की वजह से बच्चों की शिक्षा में आई रुकावट और लर्निंग गैप के मद्देनजर शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने नए शैक्षणिक सत्र में स्टूडेंट्स में आए लर्निंग-गैप, लिखने- पढ़ने और बुनियादी गणित को लेकर उनमें आधारभूत कौशल को बेहतर करने के लिए पूरी तरह से तैयारियां पूरी कर ली हैं.

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र एक अप्रैल से शुरू हो रहा है. ऐसे में यह पहली बार होगा, जब स्टूडेंट्स लॉकडाउन के दो साल बाद नए सत्र में भौतिक तौर पर कक्षाओं में शामिल होंगे. इस बाबत दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता ने सोमवार को सरकारी स्कूलों के सभी स्कूल प्रमुखों व डीओई के साथ समीक्षा बैठक की और उन्हें शैक्षणिक सत्र 2022-23 की पहली तिमाही में विशेष रूप से विद्यार्थियों के भावनात्मक वेल-बींग और आधारभूत कौशल पर ध्यान देने का निर्देश दिया. छात्रों में आए लीर्निग-गैप को दूर करने के लिए शिक्षा निदेशालय द्वारा दो फेज का एक्शन प्लान तैयार किया गया है.

शिक्षा निदेशक ने कहा कि प्रत्येक बच्चे को न केवल अपने आधारभूत कौशल को फिर से वापस लाया जाएगा, बल्कि विषयों को लेने से पहले वैचारिक स्पष्टता का निर्माण करने का अवसर देने के लिए कक्षावार पाठ्यक्रम को कम किया जाएगा. नए सत्र में विद्यार्थियों के सीखने से संबंधित मुद्दों को चिन्हित करने और स्कूलों में दो फेज के एक्शन प्लान को लागू करने के लिए शिक्षकों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा. योजना के क्रियान्वयन की जांच करने के लिए शिक्षा निदेशक द्वारा इसकी साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी.

कोरोना के बाद नए सत्र में विद्यार्थियों के कौशल को बेहतर बनाने के लिए यह है दो फेज का एक्शन प्लान

फेज- एक (10 अप्रैल तक)
-> स्कूल स्तर पर मिशन बुनियाद से जुड़े शिक्षकों की री-फ्रेशर ट्रेनिंग.
-> कक्षा तीसरी से 9वीं तक के सभी विद्यार्थियों का बेसलाइन असेसमेंट.
-> अभिभावकों को मिशन बुनियाद के बारे में अवगत कराने और बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए अप्रैल के पहले सप्ताह में मेगा पीटीएम का आयोजन.
-> मिशन बुनियाद की सामग्री का वितरण.



-> स्कूल का पूरा समय निम्नलिखित गतिविधियों के लिए आवंटित किया जाएगा-

- पढ़ने, लिखने और अंक गणित के लिए मिशन बुनियाद कक्षा.
- हैप्पीनेस क्लास, खुशी वर्ग.
- पिछली वर्कशीट का रिवीजन.
- लाइब्रेरी व रीडिंग पीरियड.

फेज- दो (11 अप्रैल से 15 जून तक)

-> मिशन बुनियाद और हैप्पीनेस क्लासेस-:
- सुबह और जनरल शिफ्ट के स्कूलों में- सुबह 7 बजे से 9 बजे तक.
- इवनिंग शिफ्ट के स्कूलों में शाम 4 बजे से शाम 6 बजे तक.
- इन दो घंटे की क्लास को तीन हिस्से होंगे- हैप्पीनेस क्लास के लिए 30 मिनट, हिंदी पढ़ने-लिखने के लिए 45 मिनट और बेसिक मैथ के लिए 45 मिनट.
-> प्रोग्रेस ट्रैक करने के लिए हर शनिवार को मूल्यांकन.
-> वर्कशीट के माध्यम से छात्रों को पिछली कक्षाओं के अकेडमिक कॉन्सेप्ट्स से जोड़ने के लिए कैच-अप सेशन.

गौरतलब है कि इस साल, शिक्षा निदेशालय ने कक्षा 9वीं के विद्यार्थियों को विशेष रूप से हैप्पीनेस क्लास और मिशन बुनियाद कक्षाओं में शामिल करने का निर्णय लिया है क्योंकि पिछले दो सालों में उनकी पिछली सभी क्लासेज ऑनलाइन आयोजित की गई थीं और उन्हें पिछले दो सालों में हुए सीखने के नुकसान से उबरने के लिए सपोर्ट की जरूरत हो सकती है.

नई दिल्ली : कोरोना के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे हैं, जिसके तहत स्कूल और कॉलेज भी पूरी तरह से खुलने लगे हैं. इस बीच दिल्ली सरकार के द्वारा कोरोना की वजह से बच्चों की शिक्षा में आई रुकावट और लर्निंग गैप के मद्देनजर शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने नए शैक्षणिक सत्र में स्टूडेंट्स में आए लर्निंग-गैप, लिखने- पढ़ने और बुनियादी गणित को लेकर उनमें आधारभूत कौशल को बेहतर करने के लिए पूरी तरह से तैयारियां पूरी कर ली हैं.

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र एक अप्रैल से शुरू हो रहा है. ऐसे में यह पहली बार होगा, जब स्टूडेंट्स लॉकडाउन के दो साल बाद नए सत्र में भौतिक तौर पर कक्षाओं में शामिल होंगे. इस बाबत दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता ने सोमवार को सरकारी स्कूलों के सभी स्कूल प्रमुखों व डीओई के साथ समीक्षा बैठक की और उन्हें शैक्षणिक सत्र 2022-23 की पहली तिमाही में विशेष रूप से विद्यार्थियों के भावनात्मक वेल-बींग और आधारभूत कौशल पर ध्यान देने का निर्देश दिया. छात्रों में आए लीर्निग-गैप को दूर करने के लिए शिक्षा निदेशालय द्वारा दो फेज का एक्शन प्लान तैयार किया गया है.

शिक्षा निदेशक ने कहा कि प्रत्येक बच्चे को न केवल अपने आधारभूत कौशल को फिर से वापस लाया जाएगा, बल्कि विषयों को लेने से पहले वैचारिक स्पष्टता का निर्माण करने का अवसर देने के लिए कक्षावार पाठ्यक्रम को कम किया जाएगा. नए सत्र में विद्यार्थियों के सीखने से संबंधित मुद्दों को चिन्हित करने और स्कूलों में दो फेज के एक्शन प्लान को लागू करने के लिए शिक्षकों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा. योजना के क्रियान्वयन की जांच करने के लिए शिक्षा निदेशक द्वारा इसकी साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी.

कोरोना के बाद नए सत्र में विद्यार्थियों के कौशल को बेहतर बनाने के लिए यह है दो फेज का एक्शन प्लान

फेज- एक (10 अप्रैल तक)
-> स्कूल स्तर पर मिशन बुनियाद से जुड़े शिक्षकों की री-फ्रेशर ट्रेनिंग.
-> कक्षा तीसरी से 9वीं तक के सभी विद्यार्थियों का बेसलाइन असेसमेंट.
-> अभिभावकों को मिशन बुनियाद के बारे में अवगत कराने और बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए अप्रैल के पहले सप्ताह में मेगा पीटीएम का आयोजन.
-> मिशन बुनियाद की सामग्री का वितरण.



-> स्कूल का पूरा समय निम्नलिखित गतिविधियों के लिए आवंटित किया जाएगा-

- पढ़ने, लिखने और अंक गणित के लिए मिशन बुनियाद कक्षा.
- हैप्पीनेस क्लास, खुशी वर्ग.
- पिछली वर्कशीट का रिवीजन.
- लाइब्रेरी व रीडिंग पीरियड.

फेज- दो (11 अप्रैल से 15 जून तक)

-> मिशन बुनियाद और हैप्पीनेस क्लासेस-:
- सुबह और जनरल शिफ्ट के स्कूलों में- सुबह 7 बजे से 9 बजे तक.
- इवनिंग शिफ्ट के स्कूलों में शाम 4 बजे से शाम 6 बजे तक.
- इन दो घंटे की क्लास को तीन हिस्से होंगे- हैप्पीनेस क्लास के लिए 30 मिनट, हिंदी पढ़ने-लिखने के लिए 45 मिनट और बेसिक मैथ के लिए 45 मिनट.
-> प्रोग्रेस ट्रैक करने के लिए हर शनिवार को मूल्यांकन.
-> वर्कशीट के माध्यम से छात्रों को पिछली कक्षाओं के अकेडमिक कॉन्सेप्ट्स से जोड़ने के लिए कैच-अप सेशन.

गौरतलब है कि इस साल, शिक्षा निदेशालय ने कक्षा 9वीं के विद्यार्थियों को विशेष रूप से हैप्पीनेस क्लास और मिशन बुनियाद कक्षाओं में शामिल करने का निर्णय लिया है क्योंकि पिछले दो सालों में उनकी पिछली सभी क्लासेज ऑनलाइन आयोजित की गई थीं और उन्हें पिछले दो सालों में हुए सीखने के नुकसान से उबरने के लिए सपोर्ट की जरूरत हो सकती है.

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