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Modi Govt. Ordinance: केंद्र पर जमकर बरसीं मंत्री आतिशी, कहा- केजरीवाल से मोदी को लगता है डर - केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश

दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को मंत्री आतिशी ने गैर-संवैधानिक बताया है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि ये अध्यादेश दिखाता है कि मोदी को केजरीवाल से कितना डर लगता है. वे केजरीवाल को छह महीने की भी ताकत नहीं देना चाहते हैं. वहीं, राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी केंद्र को आड़े हाथों लिया.

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Published : May 20, 2023, 12:33 PM IST

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नई दिल्ली: अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार से छिन जाने के बाद आम आदमी पार्टी के कई नेता भाजपा और पीएम मोदी को निशाना बना रहे हैं. दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बोलीं कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास पूरी ताकत है और यह ताकत है अफसरों की जवाबदेही, अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग, भ्रष्ट अफसरों पर एक्शन लेने की. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मतलब हुआ कि अगर दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को चुना है तो निर्णय लेने की ताकत अरविंद केजरीवाल के पास है.

उन्होंने कहा कि लैंड, लॉ-एंड ऑर्डर और पुलिस को छोड़कर निर्णय लेने की ताकत अरविंद केजरीवाल की है लेकिन भाजपा से यह सहन नहीं हुआ. ये अध्यादेश दिखाता है कि मोदी को केजरीवाल से कितना डर लगता है. वो छोटे से राज्य में 6 महीने के लिए केजरीवाल को ताकत नहीं देना चाहते, क्योंकि उन्हें पता है कि केजरीवाल सरकार 6 महीने में वो चमत्कारी काम करके दिखाएगी, जिसे पूरा देश देखेगा.

हम जीते पर दिल्ली वहीं चलाने जा रहे हैं
आतिशी ने कहा कि रात के अंधेरे में लाया गया यह ऑर्डर क्या कहता है. चाहे दिल्ली की जनता 90% से ज्यादा सीटें देकर अरविंद केजरीवाल को सीएम बनाए लेकिन दिल्ली को हम नहीं केंद्र सरकार चलाएगी. आतिशी ने सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर पढ़कर बताया कि ऐसा अध्यादेश लाने का हक भी केंद्र के पास नहीं है. यह ऑर्डर ही गैर कानूनी है. अध्यादेश के सेक्शन 3ए में कहा गया है- दिल्ली विधानसभा को सर्विसेज पर कोई भी कानून बनाने का अधिकार नहीं है. ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी बनाई जाएगी, जिसमें सीएम चेयरपर्सन होंगे, चीफ सचिव, गृह सचिव सदस्य होंगे. केंद्र सरकार उन्हें चुनकर भेजेगी. अगर कोई ऐसा निर्णय जो केंद्र सरकार को पसंद नहीं होगा तो उसे पलटने की ताकत एलजी के पास होगी.

ये भी पढ़ेंः NIA Conducts Searches : आतंकवाद से जुड़े दो मामलों में 15 जगहों पर NIA की छापेमारी

आतिशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तीन संवैधानिक सिद्धान्तों के आधार पर दिल्ली सरकार के पास ताकत है- 'संघीय ढांचा' सिद्धांत के आधार पर किसी सरकार की ताकत छीनी नहीं जा सकती. 'लोकतंत्र' सिद्धांत के आधार पर दिल्ली सरकार के पास ताकत है. संवैधानिक सिद्धांत है कि अफसरों की चुनी हुई सरकार के प्रति जवाबदेही हो. लोकतंत्र और संविधान की हत्या करने वाला ये मोदी सरकार का अध्यादेश है. जो ताकत उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने चुनी हुई सरकार को दी, ये उसकी ताकत को गैर-संवैधानिक तरीके से छीनने का प्रयास है.

संजय सिंह ने भी केंद्र पर साधा निशानाः वहीं, आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि देश में आपातकाल की स्थिति है. इनका जो मन कर रहा है, वह कर रहे हैं. लाठी के जोर पर यह सरकार चलाना चाहते हैं. संजय ने कहा कि रातों रात जिस अध्यादेश को लेकर केंद्र सरकार ने चुनी हुई सरकार से फैसले लेने की ताकत छीनी है, इसे लेकर हम सर्वोच्च न्यायालय में जाएंगे. हमें उम्मीद है कि न्यायालय में हमारी बात सुनी जाएगी.

संजय ने कहा कि दिल्ली की जनता ने मोदी को नहीं केजरीवाल को चुना है. 2 करोड़ की जनता ने अपना कीमती वोट देकर सीएम चुना है. अब जब दिल्ली में हमें भाजपा नहीं हरा सकी तो अपने पावर का गलत इस्तेमाल कर हमारी सरकार को खत्म करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. यह अध्यादेश इसी ओर उठाया गया एक कदम है. संजय ने कहा कि 8 साल से ट्रांसफर पोस्टिंग के मसले पर मामला कोर्ट में था. कुछ दिनों पहले ही तो सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कर दिया कि दिल्ली सरकार को ट्रांसफर और पोस्टिंग के मामले लेने के अधिकार हैं, लेकिन भाजपा इसे पचा नहीं पाई और आनन फानन में यह ऑर्डर के आती है.

ये भी पढ़ेंः Karnataka: CM के रूप में सिद्धारमैया और DCM के तौर पर शिवकुमार समेत 8 विधायक आज लेंगे शपथ

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नई दिल्ली: अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार से छिन जाने के बाद आम आदमी पार्टी के कई नेता भाजपा और पीएम मोदी को निशाना बना रहे हैं. दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बोलीं कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास पूरी ताकत है और यह ताकत है अफसरों की जवाबदेही, अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग, भ्रष्ट अफसरों पर एक्शन लेने की. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मतलब हुआ कि अगर दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को चुना है तो निर्णय लेने की ताकत अरविंद केजरीवाल के पास है.

उन्होंने कहा कि लैंड, लॉ-एंड ऑर्डर और पुलिस को छोड़कर निर्णय लेने की ताकत अरविंद केजरीवाल की है लेकिन भाजपा से यह सहन नहीं हुआ. ये अध्यादेश दिखाता है कि मोदी को केजरीवाल से कितना डर लगता है. वो छोटे से राज्य में 6 महीने के लिए केजरीवाल को ताकत नहीं देना चाहते, क्योंकि उन्हें पता है कि केजरीवाल सरकार 6 महीने में वो चमत्कारी काम करके दिखाएगी, जिसे पूरा देश देखेगा.

हम जीते पर दिल्ली वहीं चलाने जा रहे हैं
आतिशी ने कहा कि रात के अंधेरे में लाया गया यह ऑर्डर क्या कहता है. चाहे दिल्ली की जनता 90% से ज्यादा सीटें देकर अरविंद केजरीवाल को सीएम बनाए लेकिन दिल्ली को हम नहीं केंद्र सरकार चलाएगी. आतिशी ने सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर पढ़कर बताया कि ऐसा अध्यादेश लाने का हक भी केंद्र के पास नहीं है. यह ऑर्डर ही गैर कानूनी है. अध्यादेश के सेक्शन 3ए में कहा गया है- दिल्ली विधानसभा को सर्विसेज पर कोई भी कानून बनाने का अधिकार नहीं है. ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी बनाई जाएगी, जिसमें सीएम चेयरपर्सन होंगे, चीफ सचिव, गृह सचिव सदस्य होंगे. केंद्र सरकार उन्हें चुनकर भेजेगी. अगर कोई ऐसा निर्णय जो केंद्र सरकार को पसंद नहीं होगा तो उसे पलटने की ताकत एलजी के पास होगी.

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आतिशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तीन संवैधानिक सिद्धान्तों के आधार पर दिल्ली सरकार के पास ताकत है- 'संघीय ढांचा' सिद्धांत के आधार पर किसी सरकार की ताकत छीनी नहीं जा सकती. 'लोकतंत्र' सिद्धांत के आधार पर दिल्ली सरकार के पास ताकत है. संवैधानिक सिद्धांत है कि अफसरों की चुनी हुई सरकार के प्रति जवाबदेही हो. लोकतंत्र और संविधान की हत्या करने वाला ये मोदी सरकार का अध्यादेश है. जो ताकत उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने चुनी हुई सरकार को दी, ये उसकी ताकत को गैर-संवैधानिक तरीके से छीनने का प्रयास है.

संजय सिंह ने भी केंद्र पर साधा निशानाः वहीं, आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि देश में आपातकाल की स्थिति है. इनका जो मन कर रहा है, वह कर रहे हैं. लाठी के जोर पर यह सरकार चलाना चाहते हैं. संजय ने कहा कि रातों रात जिस अध्यादेश को लेकर केंद्र सरकार ने चुनी हुई सरकार से फैसले लेने की ताकत छीनी है, इसे लेकर हम सर्वोच्च न्यायालय में जाएंगे. हमें उम्मीद है कि न्यायालय में हमारी बात सुनी जाएगी.

संजय ने कहा कि दिल्ली की जनता ने मोदी को नहीं केजरीवाल को चुना है. 2 करोड़ की जनता ने अपना कीमती वोट देकर सीएम चुना है. अब जब दिल्ली में हमें भाजपा नहीं हरा सकी तो अपने पावर का गलत इस्तेमाल कर हमारी सरकार को खत्म करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. यह अध्यादेश इसी ओर उठाया गया एक कदम है. संजय ने कहा कि 8 साल से ट्रांसफर पोस्टिंग के मसले पर मामला कोर्ट में था. कुछ दिनों पहले ही तो सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कर दिया कि दिल्ली सरकार को ट्रांसफर और पोस्टिंग के मामले लेने के अधिकार हैं, लेकिन भाजपा इसे पचा नहीं पाई और आनन फानन में यह ऑर्डर के आती है.

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