नई दिल्ली: मानसून के दिनों में दिल्ली में जलजमाव की समस्या उत्पन्न न हो इसके लिए दिल्ली की राजस्व मंत्री आतिशी ने गुरुवार को बाढ़ एवं सिंचाई नियंत्रण विभाग और पीडब्ल्यूडी विभाग का फ्लड कंट्रोल ऑर्डर 2023 जारी किया. इस दौरान आतिशी ने कहा कि इस साल शहर में सेंट्रल कंट्रोल रूम सहित 16 कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, जो यमुना के जलस्तर सहित जलजमाव वाले इलाकों पर हर समय नजर बनाए रखेंगे. सभी विभाग की टीमों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है. ताकि मानसून के दौरान हर आपात परिस्थिति से निपटा जा सकें.
नोडल एजेंसीज को साथ मिलकर काम करने की जरूरत: आतिशी ने कहा कि दिल्ली में मानसून के दौरान जलजमाव व यमुना नदी के जलस्तर बढ़ जाने के कारण खादर क्षेत्र में बाढ़ जैसी समस्या उत्पन्न न हो इसके लिए सभी नोडल एजेंसीज को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पिछले साल भी सभी एजेंसीज के संयुक्त प्रयासों की मदद से इन समस्याओं से निपटने में काफी हद तक मदद मिली थी. इस बार भी राजस्व विभाग, बाढ़ एवं सिंचाई नियंत्रण विभाग, पीडब्ल्यूडी सहित अन्य संबंधित विभाग मानसून के दौरान बाढ़ जैसी आपदा से निपटने के लिए तैयार रहें.
पछले साल एजेंसीज ने अच्छा काम किया: आतिशी ने कहा कि पिछले साल मानसून के दौरान जलजमाव की समस्या से निपटने के लिए सभी संबंधित एजेंसीज ने शानदार काम किया था. डब्ल्यूएचओ हेड क्वार्टर, आईटीओ, पुल प्रहलादपुर जैसे बहुत से संवेदनशील जगहों पर जलजमाव की समस्या से निजात पा लिया था. लेकिन अप्रत्याशित वर्षा के कारण दिल्ली में जलजमाव के कई और संवेदनशील क्षेत्र सामने आए हैं. इस साल उन स्थानों पर जलजमाव को रोकने के लिए कई बड़े कदम उठाए गए है. उन्होंने सभी एजेंसीज को इन जगहों पर इस साल कड़ी निगरानी रखने के लिए कहा है.
पीडब्ल्यूडी विभाग की तैयारियां:
- दिल्ली में पीडब्ल्यूडी ने 128 पंप हाउस स्थापित किए है, जिनमें 700 से अधिक पंप है.
- 11 पंप हाउस पूरी तरह से आटोमेटिक है जो सेंसर के माध्यम से पानी के स्तर के बढ़ते ही स्वत शुरू हो जाते हैं.
- मानसून में जरूरत पड़ने पर पीडब्ल्यूडी अपने मोबाइल पंप यूनिट भी तैनात करेगी.
- पीडब्ल्यूडी के नालों की डी-सिल्टिंग का काम लगभग पूरा हो चूका है और मानसून के बाद दोबारा डी-सिल्टिंग का काम किया जाएगा.
- मानसून के दौरान पीडब्ल्यूडी का सेंट्रल कंट्रोल रूम गंभीर जलजमाव वाले स्थानों की 24 घंटे सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी कर रही है.
- लोग जलजमाव संबंधित शिकायतें दर्ज कर सकें, इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 8130188222, 1800110093 जारी किया है.
- पीडब्ल्यूडी ने 165 जलजमाव वाले क्षेत्र चिन्हित किए, यहाँ की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जलजमाव से निपटने की तैयारी की जा रही है.
बाढ़ और सिंचाई नियंत्रण विभाग की तैयारियां:: दिल्ली में सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के तहत कुल 57 ड्रेन है, जिनकी कुल लंबाई करीब 382 किमी है. इन नालों की सफाई के लिए 53 विभागीय मशीनें तैनात है. सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग की ओर से 15 जून 2023 तक 7,86,497 मीट्रिक टन की डी-सिल्टिंग की जा चुकी है. दिल्ली में एस्केप ड्रेन नंबर 1, बिहारीपुर नाला, बंद नाला, रिलिफ ड्रेन, किराड़ी सुलेमान नगर नाला, पंखा रोड नाला और नसीरपुर आदि मानसून में परेशानी पैदा करने वाले प्रमुख नाले हैं.
ऐसे में सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा नालियों और पुलियों के नीचे से गाद हटाने का कार्य किया जा चुका है. अब फ्लोटिंग सामग्री को नियमित रूप से नालों से निकाला जा रहा है. चिह्नित स्थानों पर बार स्क्रीन और पंप लगाए गए है. यहां जलभराव की समस्या न उत्पन्न हो पाए, इसे लेकर विभाग के अधिकारियों द्वारा निगरानी की जा रही है.
ये भी पढ़ें: IMD Weather Forecast: दिल्ली और राजस्थान में हो सकती है बारिश, इन राज्यों में रहेगा हीटवेव का प्रकोप
क्या है बाढ़ नियंत्रण आदेश: बाढ़ नियंत्रण आदेश में बाढ़ नियंत्रण से संबंधित सभी मशीनरी, संचालन की योजना और जल निकासी प्रणाली, नदी तटबंधों, नियामकों, पंपिंग स्टेशनों आदि से संबंधित सभी जरुरी जानकारी शामिल होती है. साथ ही इसमें सभी नोडल एजेंसीज के कंट्रोल सेंटर के संपर्क नंबर और संबंधित एजेंसियों व विभागों के बीच सक्रिय भागीदारी और समन्वय के साथ बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए आवश्यक जानकारी शामिल होती है.
ये भी पढ़ें: Weather Update: दिल्ली-NCR में फिर बदला मौसम का मिजाज, झमाझम बारिश