नई दिल्ली: दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में एक अक्टूबर से नई दिल्ली में ग्रेप (ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान) लागू होने जा रहा है. इससे पहले दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करने के उपायों पर काम तेज कर दिया है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को सरकारी और निजी निर्माण एजेंसियों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और धूल प्रदूषण रोकने के लिए 14 सूत्रीय दिशा-निर्देशों का पालन करने के सख्त निर्देश दिए.
पालन नहीं करने वालों पर होगी कार्रवाई: पर्यावरण मंत्रालय की ओर से इन दिशा निर्देशों को लेकर सख्त चेतावनी भी दी गई है. मानदंडों का पालन नहीं करने वाली सरकारी और निजी एजेंसियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि सभी सरकारी और प्राइवेट निर्माण एजेंसी को गाइडलाइन के संदर्भ में कंस्ट्रक्शन कर्मचारियों को साइट पर ट्रेनिंग देना अनिवार्य है. ट्रेनिंग सामग्री डीपीसीसी द्वारा एजेंसी को उपलब्ध कराई जाएगी. निर्माण एजेंसियों के लिए 5 हजार वर्ग मीटर की निर्माण साइट पर एंटी स्मॉगगन लगाना अनिवार्य होगा. सरकार सर्दियों में प्रदूषण से निपटने के लिए 15 फोकस बिंदुओं पर विंटर एक्शन प्लान तैयार कर रही है, जिसमें धूल प्रदूषण पर अंकुश लगाना भी शामिल है.
-
#WATCH | Delhi: "The government is making efforts to formulate a Winter Action Plan to control the rise in pollution level in Delhi during winters. Around 28 departments of Delhi are making a Winter Action Plan to submit to the Environment Department. Delhi CM would announce it… pic.twitter.com/Gvoyosu8Kj
— ANI (@ANI) September 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">#WATCH | Delhi: "The government is making efforts to formulate a Winter Action Plan to control the rise in pollution level in Delhi during winters. Around 28 departments of Delhi are making a Winter Action Plan to submit to the Environment Department. Delhi CM would announce it… pic.twitter.com/Gvoyosu8Kj
— ANI (@ANI) September 25, 2023#WATCH | Delhi: "The government is making efforts to formulate a Winter Action Plan to control the rise in pollution level in Delhi during winters. Around 28 departments of Delhi are making a Winter Action Plan to submit to the Environment Department. Delhi CM would announce it… pic.twitter.com/Gvoyosu8Kj
— ANI (@ANI) September 25, 2023
जानें क्या हैं 14 सूत्री दिशा निर्देश:
- निर्माण स्थल के चारों ओर उचित ऊंचाई पर टीन की दीवार खड़ी करनी होगी और निर्माण स्थल चारों तरफ से ढका होना चाहिए.
- 5 हजार वर्गमीटर से लेकर उससे अधिक के एरिया के निर्माण साइट पर एंटी स्मोग गन लगाना अनिवार्य होगा.
- ध्वस्तीकरण या निर्माण का कार्य होने पर उसे त्रिपाल या ग्रीन नेट से ढकना अनिवार्य होगा.
- निर्माण स्थल तक निर्माण सामग्री को लाने-ले जाने वाले वाहनों की सफाई करना अनिवार्य होगा.
- निर्माण सामग्री ले जा रहे वाहनों को पूरी तरह से ढकना होगा और इस बात का ध्यान रखना होगा कि रास्ते में वह न गिरे.
- निर्माण सामग्री और ध्वस्तीकरण के अवशिष्ट को केवल आवंटित क्षेत्र के अंदर संग्रहित करना होगा और निर्माण सामग्री या अवशिष्ट का सड़क के किनारे भंडारण पर प्रतिबंध रहेगा.
- मिट्टी या बालू को बिना ढके नहीं रखा जाएगा. कई जगह निर्माण साइट पर बालू या मिट्टी को खुला छोड़ दिया जाता है.
- निर्माण कार्य में जो पत्थरों की कटिंग की जाती है, वह खुले में नहीं होनी चाहिए.
- निर्माण स्थल पर धूल से बचाव के लिए लगातार पानी का छिड़काव करना होगा.
- बड़े निर्माण स्थल (20 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र) में निर्माण और ध्वस्तीकरण स्थल पर जाने के लिए सड़क पक्की हो या ब्लैकडाक्स की बनाई जाए.
- निर्माण या ध्वस्तीकरण से उत्पन्न अपशिष्ट को प्रसंस्करण साइट या चिन्हित साइट पर ही निस्तारण किया जाए और रिकार्ड भी रखा जाए, जिससे यह रिकार्ड में रहे कि निर्माण साइट से कूड़ा निकला है, तो वह कहां गया.
- निर्माण स्थल पर लोडिंग या अनलोडिंग में जितने कर्मचारी काम करते हैं, निर्माण कंपनी को उन्हें डस्ट मास्क देना अनिवार्य है.
- निर्माण स्थल पर श्रमिकों की चिकित्सा की उचित व्यवस्था की जाए.
- निर्माण स्थल पर धूल कम करने के उपायों को प्रमुखता से प्रदर्शित करना.
ये भी पढ़ें:
2. Pollution Minister Gopal Rai ने कहा- समर एक्शन प्लान के तहत एंटी डस्ट अभियान चलाएगी केजरीवाल सरकार