नई दिल्ली: मार्च, 2020 में लॉकडाउन के समय दिल्ली सरकार ने श्रमिक कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकृत 39,600 श्रमिकों को राहत राशि मुहैया कराई थी. सुनील कुमार अलेडिया बनाम दिल्ली सरकार मामले में उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए बोर्ड की तरफ से उन्हें यह सहायता राशि दी गई थी. इसमें 30 सितम्बर, 2018 तक पंजीकृत सभी श्रमिक शामिल थे.
डिप्टी सीएम का था आदेश
तब सरकार की तरफ से यह भी कहा गया था कि ये सभी श्रमिक आगामी समय में ऐसी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए अपने रजिस्ट्रेशन को रिन्यू करा लें. ऐसे रजिस्टर्ड 407 निर्माण श्रमिकों को बुधवार को दिल्ली बिल्डिंग और निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड की तरफ से प्रति 10 हजार की कोरोना सहायता राशि दी गई. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के निर्देश पर यह राशि निर्गत की गई.
'जल्द करा लें रजिस्ट्रेशन'
मनीष सिसोदिया ने सभी निर्माण श्रमिकों से अपील है कि वे स्वंय को दिल्ली बिल्डिंग और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के साथ रजिस्टर करा लें, ताकि उन्हें बोर्ड द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ मिलता रहे. आपको बता दें कि नवंबर महीने में श्रम मंत्रालय का चार्ज लेने के बाद से मनीष सिसोदिया ने कई श्रम कार्यालयों का औचक निरिक्षण किया था. उसके आधार पर श्रम विभाग में काफी नए बदलाव हुए.
किए गए कई बदलाव
इन बदलावों में डोर स्टेप डिलीवरी द्वारा निर्माण श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन, आवेदन प्रस्तुत करने के 72 घंटे के भीतर निर्माण श्रमिकों का दावा संवितरण और दावों के भुगतान की सुधार प्रक्रिया शामिल हैं. बताया जा रहा है कि आने वाले समय में 2000 से अधिक निर्माण श्रमिक ऐसे राहत फंड से लाभान्वित होंगे. ये निर्माण श्रमिक समाज के सबसे गरीब तबके के हैं और कोरोना महामारी के दौरान सबसे मुश्किल परिस्थितियों में थे.
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