नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने गढ़ी मांडू सिटी फॉरेस्ट में दिल्ली का पहला 'गौरैया ग्राम' विकसित किया है. दिल्ली के राज्य पक्षी 'गौरैया' को संरक्षित करने के उद्देश्य गढ़ी मांडू में 'गौरैया ग्राम' बनाया गया है. गौरैया ग्राम में कीट घर और तितलियों के लिए नेचुरल हैबिटैट को भी विकसित किया गया है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को वन एवं वन्यजीव विभाग के अधिकारियों के साथ 'गौरैया ग्राम' का दौरा किया.
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि "दिल्ली में पहले फेज में तैयार किए जाने वाले वर्ल्ड क्लास लेवल के चार सिटी फॉरेस्ट में से एक गढ़ी मांडू सिटी फॉरेस्ट में दिल्ली का पहला 'गौरैया ग्राम' तैयार किया गया है. इस 'गौरैया ग्राम' में दिल्ली के राज्य पक्षी गौरैया के जीवन चक्र का चित्रण किया गया है. उन्होंने कहा कि यहां गौरैया पक्षियों के खाने के लिए कीट घर बनाए गए हैं. ताकि पक्षियों को भोजन के लिए भटकना न पड़े. शहरों में नेस्टिंग होल की कमी को देखते हुए यहां नेस्टिंग होल का निर्माण भी किया गया है. इसके अलावा गौरैया के लिए यहां विभाग द्वारा करोंदा और कुंडली जैसे देशी जामुन, घास और झाड़ियां लगाई हैं. इसके साथ ही 'गौरैया ग्राम' में फीडर बाक्स, कृत्रिम घोंसले और मिट्टी के बर्तन भी रखे गए हैं. इसके साथ-साथ तितलियों के लिए भी नेचुरल हैबिटैट को विकसित किया गया है, जिसके कारण उनकी संख्या में पहले से काफी वृद्धि देखी गई है.
दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए वन एवं वन्य जीव विभाग ने दिल्ली के चारों कोनों में मौजूद मुख्य चार सिटी फॉरेस्ट को पहले प्रारंभिक फेज में विकसित करने का लक्ष्य तय किया गया है. इनमें दक्षिण पश्चिम दिल्ली का मित्राऊ सिटी फॉरेस्ट, उत्तरी दिल्ली का अलीपुर सिटी फॉरेस्ट, पूर्वी दिल्ली का गढ़ी मांडू सिटी फॉरेस्ट और दक्षिण दिल्ली का जौनापुर सिटी फॉरेस्ट शामिल है. यह चारों सिटी फॉरेस्ट दिल्ली के लगभग 286 एकड़ में फैले हुए हैं. इस परियोजना के तहत मित्राऊ सिटी फॉरेस्ट के पॉकेट ए और बी का 98 एकड़, अलीपुर सिटी फॉरेस्ट का 48 एकड़, गढ़ी मांडु सिटी फॉरेस्ट का 42 एकड़ और जौनापुर सिटी फॉरेस्ट का 98 एकड़ में विकास किया जाएगा.
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