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Delhi Mayor Election: पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति को लेकर दिल्ली सरकार और LG के बीच टकराव के आसार

आम आदमी पार्टी ने मेयर चुनाव में पीठासीन अधिकारी के लिए पार्षद मुकेश गोयल के नाम की सिफारिश की है. ऐसे में एक बार फिर इस मामले पर केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल वीके सक्सेना आमने-सामने हो सकते हैं.

दिल्ली मेयर प्रत्याशी
दिल्ली मेयर प्रत्याशी
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Published : Apr 22, 2023, 5:22 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम में 26 अप्रैल को होने वाले मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति को लेकर एक बार फिर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच टकराव हो सकता है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के पार्षद मुकेश गोयल को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने की अनुशंसा की है. उन्होंने इस बाबत प्रस्ताव उपराज्यपाल को भेज दिया है. हालांकि इस पर बीजेपी ने कड़ा एतराज जताया है. बीजेपी का कहना है कि पीठासीन अधिकारी कौन होगा, इसका फैसला लेने के अधिकार केवल उपराज्यपाल के पास है. सरकार इसमें सुझाव नहीं भेज सकती है.

मुकेश गोयल के नाम की पहले भी सिफारिश: इससे पहले 22 फरवरी को आम आदमी पार्टी शासित एमसीडी में पहले मेयर का चुनाव हुए था. तब मेयर चुनाव के लिए दिल्ली सरकार ने पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति करने के लिए 5 नामों का प्रस्ताव उपराज्यपाल को भेजा था. उसमें भी मुकेश गोयल का नाम सबसे ऊपर था. तब उपराज्यपाल ने गोयल पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का हवाला देते हुए उन्हें पीठासीन अधिकारी बनाने से इनकार कर दिया था. पहले मेयर चुनाव के लिए उपराज्यपाल ने बीजेपी पार्षद सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया था. अब दोबारा मेयर चुनाव के लिए दिल्ली सरकार ने पीठासीन अधिकारी के तौर पर मुकेश गोयल के नाम की अनुशंसा की है. हालांकि, अभी इस पर उपराज्यपाल की तरफ से कोई फैसला नहीं हुआ है.

जनता को गुमराह कर रहे हैं केजरीवाल: दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि खेदजनक है कि केजरीवाल मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी जैसी संवैधानिक व्यवस्थाओं के मुद्दे पर भी जनता को गुमराह कर रहे हैं. बीजेपी प्रवक्ता का कहना है कि हमें किसी भी पार्टी के वरिष्ठ पार्षद के पीठासीन अधिकारी बनने पर कोई आपत्ति नहीं है. बीजेपी ने कहा कि पीठासीन अधिकारी कौन होगा ये उपराज्यपाल तय करेंगे. सरकार इसमें सुझाव नहीं भेज सकती है.

ये भी पढ़ें: Delhi Liquor Policy Case: AAP सांसद संजय सिंह ने ED को भेजा मानहानि का नोटिस

दिल्ली नगर निगम एक्ट 2022 में क्या लिखा?: बीजेपी नेता ने कहा कि दिल्ली नगर निगम एक्ट 2022 के सेकसन 77 में साफ लिखा है कि निगम प्रशासक अर्थात उपराज्यपाल मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करेंगे. एक्ट में कहीं नहीं लिखा कि उपराज्यपाल पर मुख्यमंत्री का सुझाव मानने की बाध्यता है. प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि बेहतर होगा कि निगम चुनाव के पीठासीन अधिकारी पर भ्रम फैलाने की बजाये मुख्यमंत्री आगे बढ़ कर निगम की स्थाई समिति गठित कराने में सहयोग दें. आम आदमी पार्टी ने मेयर चुनाव के लिए शैली ओबेरॉय को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं बीजेपी ने शिखा राय को उम्मीदवार बनाया है.

ये भी पढ़ें: आदेश गुप्ता को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत, सरकारी जमीन पर कब्जा और अवैध निर्माण का आरोप खारिज

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम में 26 अप्रैल को होने वाले मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति को लेकर एक बार फिर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच टकराव हो सकता है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के पार्षद मुकेश गोयल को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने की अनुशंसा की है. उन्होंने इस बाबत प्रस्ताव उपराज्यपाल को भेज दिया है. हालांकि इस पर बीजेपी ने कड़ा एतराज जताया है. बीजेपी का कहना है कि पीठासीन अधिकारी कौन होगा, इसका फैसला लेने के अधिकार केवल उपराज्यपाल के पास है. सरकार इसमें सुझाव नहीं भेज सकती है.

मुकेश गोयल के नाम की पहले भी सिफारिश: इससे पहले 22 फरवरी को आम आदमी पार्टी शासित एमसीडी में पहले मेयर का चुनाव हुए था. तब मेयर चुनाव के लिए दिल्ली सरकार ने पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति करने के लिए 5 नामों का प्रस्ताव उपराज्यपाल को भेजा था. उसमें भी मुकेश गोयल का नाम सबसे ऊपर था. तब उपराज्यपाल ने गोयल पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का हवाला देते हुए उन्हें पीठासीन अधिकारी बनाने से इनकार कर दिया था. पहले मेयर चुनाव के लिए उपराज्यपाल ने बीजेपी पार्षद सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया था. अब दोबारा मेयर चुनाव के लिए दिल्ली सरकार ने पीठासीन अधिकारी के तौर पर मुकेश गोयल के नाम की अनुशंसा की है. हालांकि, अभी इस पर उपराज्यपाल की तरफ से कोई फैसला नहीं हुआ है.

जनता को गुमराह कर रहे हैं केजरीवाल: दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि खेदजनक है कि केजरीवाल मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी जैसी संवैधानिक व्यवस्थाओं के मुद्दे पर भी जनता को गुमराह कर रहे हैं. बीजेपी प्रवक्ता का कहना है कि हमें किसी भी पार्टी के वरिष्ठ पार्षद के पीठासीन अधिकारी बनने पर कोई आपत्ति नहीं है. बीजेपी ने कहा कि पीठासीन अधिकारी कौन होगा ये उपराज्यपाल तय करेंगे. सरकार इसमें सुझाव नहीं भेज सकती है.

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दिल्ली नगर निगम एक्ट 2022 में क्या लिखा?: बीजेपी नेता ने कहा कि दिल्ली नगर निगम एक्ट 2022 के सेकसन 77 में साफ लिखा है कि निगम प्रशासक अर्थात उपराज्यपाल मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करेंगे. एक्ट में कहीं नहीं लिखा कि उपराज्यपाल पर मुख्यमंत्री का सुझाव मानने की बाध्यता है. प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि बेहतर होगा कि निगम चुनाव के पीठासीन अधिकारी पर भ्रम फैलाने की बजाये मुख्यमंत्री आगे बढ़ कर निगम की स्थाई समिति गठित कराने में सहयोग दें. आम आदमी पार्टी ने मेयर चुनाव के लिए शैली ओबेरॉय को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं बीजेपी ने शिखा राय को उम्मीदवार बनाया है.

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