नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम में नेता विपक्ष व पूर्व महापौर राजा इकबाल सिंह ने कहा है कि निगम के सदन में जहां आम नागरिकों के हितों व विकास कार्यों पर चर्चा होनी चाहिए, वहां पर आम आदमी पार्टी अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करने के लिए चर्चा से भागते नजर आती है. आप ने निगम सदन में शोक प्रस्ताव की परंपरा को भी तार-तार कर दिया और शोक प्रस्ताव रखने के बाद नेता विपक्ष को शोक प्रस्ताव पढ़ने का मौका तक नहीं दिया गया.
भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जाने पर आप मेयर शैली ओबरॉय, निगम सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर कर चली गईं और सदन जब दोबारा प्रारंभ हुआ तो उन्होंने प्रदर्शन के बीच में बिना चर्चा के सीधा एजेंडा पास करवा दिया. ये पूरा घटनाक्रम यह दर्शाता है कि आम आदमी पार्टी नागरिकों के हितों में लिए जाने वाले फैसलों पर चर्चा नहीं करना चाहती. राजा इकबाल सिंह ने कहा कि सोमवार को कई चीजों पर चर्चा होनी थी. इसमें केजरीवाल सरकार द्वारा अपने बजट में दिल्ली नगर निगम को कूड़े के पहाड़ों के निस्तारण के लिए 850 करोड़ रुपये ऋण देने का वादा, ट्रांसफर ड्यूटी में बढ़ाए गए 1% कर के कारण नागरिकों पर पड़े बोझ, मच्छरजनित डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया का बढ़ता प्रकोप, डीबीसी कर्मचारियों की हड़ताल पर व स्थायी समिति व वार्ड समिति पर चर्चा शामिल थी. लेकिन महापौर व पार्षद इन चर्चाओं से भागते नजर आए.
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उन्होंने बताया कि दिल्ली नगर निगम ने अभी तक सायफेनोथ्रिन डी-लार्वा मच्छर रोधी दवाएं अभी तक नहीं खरीदी है. इतना ही नहीं निगम द्वारा अभी तक मात्र 12,000 लीटर केरोसिन ही खरीदा गया है, जबकि पार्टी आंकड़ों के अनुसार 5,68,000 घरों में केरोसिन और सायफेनोथ्रिन डी का छिड़काव किया गया है. ये केवल कागजी दावे हैं. केजरीवाल सरकार मच्छर रोधी दवाइयां नहीं खरीद रही और बड़े-बड़े विज्ञापनों से अपनी राजनीति चमकाने में लगे हुए हैं और निगम का पैसा नागरिक को जागरूक करने में नहीं विज्ञापनों में पर बर्बाद किया जा रहा है. राजा इकबाल सिंह ने आगे कहा कि मुद्दों पर चर्चा करने से बचने के लिए महापौर सदन से चली गईं. आम आदमी पार्टी को नागरिक हितों से कोई सरोकार नहीं है और ये लोग चुनाव में बड़े बड़े वादे करते हैं और समय आने पर उन वादों को पूरा करने से भागते हैं.
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