नई दिल्लीः दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने शुक्रवार को बजट की तैयारियों की समीक्षा की. व्यापार एवं कर विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार एक पारदर्शी व्यवस्था और डिफॉल्टरों की पहचान करने की दिशा में लगातार काम कर रही है. दिल्ली अप्रत्यक्ष कर प्रशासन में डीआईएन को लागू करने वाला देश का तीसरा राज्य बन गया है.
वित्त मंत्री ने दिल्ली में व्यापार को बढ़ावा देने के उपायों पर भी चर्चा की और दिल्ली में कर संग्रह से राजस्व बढ़ाने के प्रयासों का भी विश्लेषण किया. गहलोत ने कहा कि व्यापार और कर विभाग सरकार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. 2021-22 में जीएसटी और वैट का संयुक्त राजस्व संग्रह 27,000 करोड़ रुपये से अधिक था, जबकि इस वर्ष इसमें उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है. किसी भी राज्य में टैक्स डिफॉल्टर्स के अलावा टैक्स चोरी एक बड़ी समस्या है.
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समस्या के समाधान के लिए हो रही नियमित बैठकः उन्होंने कहा कि समस्याओं को कम करने के लिए आउटरीच कैंपों के माध्यम से बाजार और व्यापार संघ के साथ नियमित बैठकें की जा रही हैं. फरवरी 2023 तक कुल 31462.62 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में जुटाया गया था, जिसमें जीएसटी का योगदान 26096.79 रुपये और वैट का योगदान 5365.83 रुपये था. 2022-2023 में पेट्रोलियम उत्पादों से एकत्र किया गया कुल कर 4169.18 करोड़ रुपये था, जबकि 2021-2022 में यह 3739.41 करोड़ रुपये था.
दिल्ली में टैक्स से राजस्व बढ़ाने के लिए, दिल्ली सरकार कर बकाएदारों की पहचान कर उनके खिलाफ नियमित कार्रवाई कर रही है. साथ ही समय-समय पर सरकार संदिग्ध करदाताओं का अनिवार्य फील्ड सत्यापन भी किया जाता है. डीजीएसटी अधिनियम, 2017 के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाती है. इसके अलावा आउटरीच कैंप के माध्यम से बाजार और व्यापार संघों के साथ नियमित रूप से बैठकें होती हैं ताकि उन्हें नवीनतम अधिसूचनाओं, परिपत्रों, डीजीएसटी के संशोधित प्रावधानों के बारे में जागरूक किया जा सके.
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DIN लागू करने वाला तीसरा राज्यः मंत्री ने बताया कि आउटरीच कैंपों के दौरान उनकी शिकायतों का समाधान भी किया जाता है. वहीं, अप्रत्यक्ष कर प्रशासन में डॉक्युमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (DIN) को लागू करने वाला दिल्ली देश का तीसरा राज्य बन गया है. विभाग ने मंत्री को सूचित किया कि वे 2005 से लंबित वसूली मामलों के सभी डेटा (ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों) को एकत्रित कर रहे हैं. वे करदाताओं को कर जमा करने के लिए अनुस्मारक के रूप में एसएमएस भी भेज रहे हैं.