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थ्री लेयर सुरक्षा घेरे में होंगी EVM-VVPAT मशीनें, GPS से होगी निगरानी

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Published : May 7, 2019, 4:52 PM IST

वोटिंग के दिन ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को मतदान केंद्रों तक ले जाने और वहां से स्ट्रॉन्ग रूम तक लाने के लिए लगभग 3 हजार जीपीएस युक्त गाड़ियों की व्यवस्था की गई है. मतदान के बाद मशीनों की सुरक्षा के लिए थ्री-लेयर सुरक्षा का भी इंतजाम किया गया है.

दिल्ली में मतदान

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में 12 मई को मतदान है. निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए चुनाव कार्यालय ने पूरी तैयारी कर ली है. चुनाव आयोग ने ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की सुरक्षा के लिए कुछ खास इंतजाम किए हैं.

GPS के जरिए रहेगी निगरानी
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के मुख्य निर्वाचन कार्यालय ने परिवहन विभाग की मदद से कुल 1500 डीटीसी बसों के अलावा 1500 मिनी बस, ईको और ट्रेवलर गाड़ियों का इंतजाम किया है. इन बसों में चुनाव कार्यालय की ओर से ही जीपीएस लगवाया गया है जिसकी ट्रैकिंग कार्यालय में बैठकर की जा सकेगी.

मतदान के लिए चुनाव कार्यालय की खास तैयारी

13819 कंट्रोल यूनिट का इस्तेमाल
अधिकारियों के मुताबिक, उत्तर पश्चिमी सीट को छोड़ हर सीट पर दो-दो ईवीएम मशीनें लगाई जाएंगी. हालांकि इन मशीनों को एक कंट्रोल यूनिट हैंडल करती है. यहां कुल 13819 पोलिंग बूथ हैं. ऐसे में कंट्रोल यूनिट की संख्या 13819 ही रहेगी, जिसके साथ ईवीएम और वीवीपैट मशीनें अटैच होंगी. कंट्रोल यूनिट के अलावा दिल्ली के लिए 25146 बैलट यूनिट् का भी इंतजाम किया गया है.

थ्री-लेयर सिक्योरिटी का इंतजाम
सुबह के समय मशीनों को ले जाने के लिए पुलिस की तैनाती होगी. बूथ तक पहुंचने के बाद इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी बूथ पर मौजूद स्टाफ की होगी. शाम के समय जब मतदान की प्रक्रिया खत्म हो जाएगी तब इन मशीनों को थ्री-लेयर सिक्योरिटी के अधीन स्ट्रांगरूम तक ले जाया जाएगा.

सुरक्षा के तीनों लेयर में फर्स्ट लेयर सेंट्रल पुलिस की होगी जबकि दूसरी लेयर स्टेट आर्म्ड पुलिस की होती है. इसी सुरक्षा में तीसरी यूनिट लोकल पुलिस की होगी जो दिल्ली पुलिस की है.

हर संसदीय क्षेत्र में एक स्ट्रांगरूम
हर संसदीय क्षेत्र के लिए एक स्ट्रांगरूम उसी इलाके में बनाया गया है. यहां मतगणना तक किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित होता है और ये कड़ी सुरक्षा के अधीन होता है. 12 मई को चुनाव के बाद 23 मई को मतगणना होगी जिसमें प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होगा.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में 12 मई को मतदान है. निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए चुनाव कार्यालय ने पूरी तैयारी कर ली है. चुनाव आयोग ने ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की सुरक्षा के लिए कुछ खास इंतजाम किए हैं.

GPS के जरिए रहेगी निगरानी
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के मुख्य निर्वाचन कार्यालय ने परिवहन विभाग की मदद से कुल 1500 डीटीसी बसों के अलावा 1500 मिनी बस, ईको और ट्रेवलर गाड़ियों का इंतजाम किया है. इन बसों में चुनाव कार्यालय की ओर से ही जीपीएस लगवाया गया है जिसकी ट्रैकिंग कार्यालय में बैठकर की जा सकेगी.

मतदान के लिए चुनाव कार्यालय की खास तैयारी

13819 कंट्रोल यूनिट का इस्तेमाल
अधिकारियों के मुताबिक, उत्तर पश्चिमी सीट को छोड़ हर सीट पर दो-दो ईवीएम मशीनें लगाई जाएंगी. हालांकि इन मशीनों को एक कंट्रोल यूनिट हैंडल करती है. यहां कुल 13819 पोलिंग बूथ हैं. ऐसे में कंट्रोल यूनिट की संख्या 13819 ही रहेगी, जिसके साथ ईवीएम और वीवीपैट मशीनें अटैच होंगी. कंट्रोल यूनिट के अलावा दिल्ली के लिए 25146 बैलट यूनिट् का भी इंतजाम किया गया है.

थ्री-लेयर सिक्योरिटी का इंतजाम
सुबह के समय मशीनों को ले जाने के लिए पुलिस की तैनाती होगी. बूथ तक पहुंचने के बाद इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी बूथ पर मौजूद स्टाफ की होगी. शाम के समय जब मतदान की प्रक्रिया खत्म हो जाएगी तब इन मशीनों को थ्री-लेयर सिक्योरिटी के अधीन स्ट्रांगरूम तक ले जाया जाएगा.

सुरक्षा के तीनों लेयर में फर्स्ट लेयर सेंट्रल पुलिस की होगी जबकि दूसरी लेयर स्टेट आर्म्ड पुलिस की होती है. इसी सुरक्षा में तीसरी यूनिट लोकल पुलिस की होगी जो दिल्ली पुलिस की है.

हर संसदीय क्षेत्र में एक स्ट्रांगरूम
हर संसदीय क्षेत्र के लिए एक स्ट्रांगरूम उसी इलाके में बनाया गया है. यहां मतगणना तक किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित होता है और ये कड़ी सुरक्षा के अधीन होता है. 12 मई को चुनाव के बाद 23 मई को मतगणना होगी जिसमें प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होगा.

Intro:नई दिल्ली:
दिल्ली में चुनाव के महज कुछ ही दिन बचे हैं. चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्वक कराने के लिए चुनाव कार्यालय ने पूरी तैयारियां की हैं. इसी कड़ी में मतदान के दिन ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को मतदान केंद्रों तक ले जाने और वहां से स्ट्रांग रूम तक लाने के लिए लगभग 3 हजार जीपीएस युक्त गाड़ियों की व्यवस्था की गई है. मतदान के बाद मशीनों की सुरक्षा के लिए थ्री-लेयर सुरक्षा का भी इंतजाम किया गया है.


Body:जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के मुख्य निर्वाचन कार्यालय ने परिवहन विभाग की मदद से कुल 1500 डीटीसी बसों के अलावा 1500 मिनी बस, ईको और ट्रेवलर गाड़ियों का इंतजाम किया है. इन बसों में चुनाव कार्यालय की और से ही जीपीएस लगवाया गया है जिसकी ट्रैकिंग कार्यालय में बैठकर की जा सकेगी.

--कुल 13819 कंट्रोल यूनिट्स का होगा इस्तेमाल--
अधिकारियों के मुताबिक, उत्तर पश्चिमी सीट को छोड़ हर सीट पर दो-दो ईवीएम मशीनें लगाई जाएंगी. हालांकि इन मशीनों को एक कंट्रोल यूनिट हैंडल करती है. यहां कुल 13819 पोलिंग बूथ है ऐसे में कंट्रोल यूनिट की संख्या 13819 ही रहेगी जिसके साथ ईवीएम और वीवीपैट मशीनें अटैच होंगी. कंट्रोल यूनिट्स के अलावा दिल्ली के लिए 25146 बैलट यूनिट्स का भी इंतजाम किया गया है.

--कैसे होगी सुरक्षा--
सुबह के समय में मशीनों को ले जाने के लिए पुलिस की तैनाती होगी. बूथ तक पहुंचने के बाद इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी बूथ पर मौजूद स्टाफ की होगी. वहीं शाम के समय में जब मतदान की प्रक्रिया खत्म हो जाएगी तब इन मशीनों को थ्री-लेयर सिक्योरिटी के अधीन स्ट्रांगरूम तक ले जाया जाएगा. यहां इस लेयर में फर्स्ट लेयर सेंट्रल पुलिस की होगी जबकि दूसरी ले स्टेट आर्म्ड पुलिस की होती है. इसी सुरक्षा में तीसरी यूनिट लोकल पुलिस की होगी जो दिल्ली में दिल्ली पुलिस है.


Conclusion:हर संसदीय क्षेत्र के लिए एक स्ट्रांगरूम उसी इलाके में बनाया गया है. यहां मतगणना तक किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित होता है और ये कड़ी सुरक्षा के अधीन होता है. यहां 12 मई को चुनाव के बाद 23 मई को मतगणना होगी जिसमें प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होगा.

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