ETV Bharat / state

दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने मांगा शिक्षकों का डाटा, शिक्षक संघ ने जताई हैरानी

दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का डाटा मांगा गया है. इसको लेकर दिल्ली शिक्षा निदेशालय की तरफ से एक सर्कुलर जारी किया गया है.

Delhi Education Directorate
दिल्ली शिक्षा निदेशालय
author img

By

Published : May 13, 2021, 6:13 PM IST

नई दिल्लीः सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का दिल्ली शिक्षा निदेशालय द्वारा डाटा मांगा गया है. इसको लेकर शिक्षा निदेशालय ने एक सर्कुलर जारी किया है. इसमें कहा गया है कि जितने भी शिक्षक स्कूल में कार्यरत हैं. उनका विवरण 19 मई शाम 5 बजे तक भेजना अनिवार्य है. शिक्षा निदेशालय के सर्कुलर पर शिक्षक संघ ने सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि जब निदेशालय के पास हर शिक्षक का ब्यौरा मौजूद, तो क्यों मांगा जा रहा है डाटा.

डीओई ने मांगा शिक्षकों का डाटा
शिक्षा निदेशालय ने मांगा शिक्षकों का डाटा दिल्ली शिक्षा निदेशालय द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया है. इसके तहत सभी सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का ब्यौरा मांगा गया है. वहीं, जारी सर्कुलर में कहा गया है कि एक गूगल फॉर्म दिया जा रहा है. इसे सभी शिक्षकों तक पहुंचाया जाए. इसके साथ ही सभी एचओएस यह सुनिश्चित करें कि शिक्षक इस फॉर्म को अनिवार्य रूप से भरकर 19 मई शाम 5 बजे तक जमा कराए. ये भी पढ़ें- 700 से घटकर 582 मीट्रिक टन रह गई है दिल्ली की ऑक्सीजन जरूरत: सिसोदिया

शिक्षक संघ ने डाटा मांगे जाने को लेकर जताया संदेह

शिक्षा निदेशालय द्वारा नए सिरे से शिक्षकों का डाटा इकट्ठा किए जाने पर शिक्षक संघ ने सवाल उठाया है. इसको लेकर संतराम, सेक्रेटरी डिस्ट्रिक्ट वेस्ट ए, जीएसटीए ने कहा कि शिक्षा निदेशालय के पास हर एक शिक्षक की पूरी जानकारी मौजूद है. ऐसे में दोबारा डाटा मांगने का क्या मतलब होता है.

'मृत शिक्षकों की जानकारी के लिए शिक्षा निदेशालय मांग रहा है डाटा'

उन्होंने कहा कि इस तरह डाटा मांगे जाने से यह अंदेशा हो रहा है कि शिक्षा निदेशालय यह पता करना चाहता है कि कितने शिक्षकों ने इस कोरोना महामारी से जान गंवाई है. संतराम का कहना है कि कोविड-19 के चलते कितने शिक्षक, इसका शिकार हुए हैं. इसको लेकर जब शिक्षा निदेशालय से ब्यौरा मांगा गया, तो या तो उनके पास डाटा था ही नहीं या वह देना नहीं चाहते. इस चुप्पी के बाद अब इस तरह से सर्कुलर जारी करना, मन में संदेह लाता है कि शिक्षा निदेशालय यह जानने की कोशिश कर रहा है कि कितने शिक्षक ऐसे हैं जो कोविड-19 का शिकार होकर जिंदगी की जंग हार चुके हैं. वहीं, संतराम ने यह भी आरोप लगाया कि कई शिक्षक तो ऐसे रहे हैं, जिनके दिवंगत होने के बाबत उनके खिलाफ शो कॉज नोटिस जारी किया गया है क्योंकि शिक्षा निदेशालय तक यह बात पहुंची ही नहीं कि उस शिक्षक की मृत्यु हो चुकी है.



'सबसे संपर्क बना रहे, इसलिए कर रहे हैं डाटा अपडेट'

वहीं, दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने जारी सर्कुलर में शिक्षकों का डाटा मांगने की वजह बताई. शिक्षा निदेशालय का कहना है कि कोविड-19 की दूसरी लहर को देखते हुए अभी स्कूल खोलने में देरी हो सकती है. ऐसे में यह जरूरी है कि सभी सरकारी शिक्षकों की जानकारी शिक्षा निदेशालय के पास अपडेट रहे, जिससे शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों से बिना किसी बाधा के संपर्क स्थापित किया जा सके.

नई दिल्लीः सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का दिल्ली शिक्षा निदेशालय द्वारा डाटा मांगा गया है. इसको लेकर शिक्षा निदेशालय ने एक सर्कुलर जारी किया है. इसमें कहा गया है कि जितने भी शिक्षक स्कूल में कार्यरत हैं. उनका विवरण 19 मई शाम 5 बजे तक भेजना अनिवार्य है. शिक्षा निदेशालय के सर्कुलर पर शिक्षक संघ ने सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि जब निदेशालय के पास हर शिक्षक का ब्यौरा मौजूद, तो क्यों मांगा जा रहा है डाटा.

डीओई ने मांगा शिक्षकों का डाटा
शिक्षा निदेशालय ने मांगा शिक्षकों का डाटा दिल्ली शिक्षा निदेशालय द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया है. इसके तहत सभी सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का ब्यौरा मांगा गया है. वहीं, जारी सर्कुलर में कहा गया है कि एक गूगल फॉर्म दिया जा रहा है. इसे सभी शिक्षकों तक पहुंचाया जाए. इसके साथ ही सभी एचओएस यह सुनिश्चित करें कि शिक्षक इस फॉर्म को अनिवार्य रूप से भरकर 19 मई शाम 5 बजे तक जमा कराए. ये भी पढ़ें- 700 से घटकर 582 मीट्रिक टन रह गई है दिल्ली की ऑक्सीजन जरूरत: सिसोदिया

शिक्षक संघ ने डाटा मांगे जाने को लेकर जताया संदेह

शिक्षा निदेशालय द्वारा नए सिरे से शिक्षकों का डाटा इकट्ठा किए जाने पर शिक्षक संघ ने सवाल उठाया है. इसको लेकर संतराम, सेक्रेटरी डिस्ट्रिक्ट वेस्ट ए, जीएसटीए ने कहा कि शिक्षा निदेशालय के पास हर एक शिक्षक की पूरी जानकारी मौजूद है. ऐसे में दोबारा डाटा मांगने का क्या मतलब होता है.

'मृत शिक्षकों की जानकारी के लिए शिक्षा निदेशालय मांग रहा है डाटा'

उन्होंने कहा कि इस तरह डाटा मांगे जाने से यह अंदेशा हो रहा है कि शिक्षा निदेशालय यह पता करना चाहता है कि कितने शिक्षकों ने इस कोरोना महामारी से जान गंवाई है. संतराम का कहना है कि कोविड-19 के चलते कितने शिक्षक, इसका शिकार हुए हैं. इसको लेकर जब शिक्षा निदेशालय से ब्यौरा मांगा गया, तो या तो उनके पास डाटा था ही नहीं या वह देना नहीं चाहते. इस चुप्पी के बाद अब इस तरह से सर्कुलर जारी करना, मन में संदेह लाता है कि शिक्षा निदेशालय यह जानने की कोशिश कर रहा है कि कितने शिक्षक ऐसे हैं जो कोविड-19 का शिकार होकर जिंदगी की जंग हार चुके हैं. वहीं, संतराम ने यह भी आरोप लगाया कि कई शिक्षक तो ऐसे रहे हैं, जिनके दिवंगत होने के बाबत उनके खिलाफ शो कॉज नोटिस जारी किया गया है क्योंकि शिक्षा निदेशालय तक यह बात पहुंची ही नहीं कि उस शिक्षक की मृत्यु हो चुकी है.



'सबसे संपर्क बना रहे, इसलिए कर रहे हैं डाटा अपडेट'

वहीं, दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने जारी सर्कुलर में शिक्षकों का डाटा मांगने की वजह बताई. शिक्षा निदेशालय का कहना है कि कोविड-19 की दूसरी लहर को देखते हुए अभी स्कूल खोलने में देरी हो सकती है. ऐसे में यह जरूरी है कि सभी सरकारी शिक्षकों की जानकारी शिक्षा निदेशालय के पास अपडेट रहे, जिससे शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों से बिना किसी बाधा के संपर्क स्थापित किया जा सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.