नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही जिस तरह अस्पतालों में इंतजाम को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है. दिल्ली सरकार अधिकांश निजी अस्पतालों को अब पूरी तरह कोरोना अस्पताल घोषित करने जा रही है.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार के 5 बड़े अस्पताल हैं. वो पूरी तरह कोरोना मरीजों के लिए तब्दील कर दिए गए हैं. इसके अलावा 3 प्राइवेट अस्पताल को पूरी तरह कोरोना के इलाज के लिए अधिकृत कर दिया गया है. 61 निजी अस्पतालों में 20 फीसद बेड कोरोना के लिए मरीजों के इलाज के लिए आरक्षित हैं.
निजी अस्पतालों को हो रही परेशानी
दिल्ली सरकार ने अन्य निजी अस्पतालों को भी 20 फीसद बेड आरक्षित करने के निर्देश दिए थे. लेकिन उन अस्पतालों के सामने ये परेशानी आ रही है कि वो कोरोना के इलाज और सामान्य मरीजों के इलाज को साथ-साथ नहीं कर सकते.
इसलिए दिल्ली सरकार ने उन अस्पताल प्रशासन को एक दिन का समय दिया है. वो अगर इसके लिए तैयार नहीं हुए, तो जो 100 से अधिक प्राइवेट अस्पताल हैं. उनको पूरी तरह कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अधिकृत कर देंगे. इसमें फिर उन्हें कोई परेशानी नहीं आनी चाहिए.
'कोरोना अस्पताल के तौर पर अधिकृत किया जाएगा'
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी कहा कि कुछ अस्पतालों को दिक्कत आ रही है कि उन्हें कोरोना का इलाज और अन्य मरीजों के सामान्य मरीजों के इलाज करने में परेशानी है. तो जिस तरह गंगाराम, मूलचंद तथा सरोज हॉस्पिटल को कोरोना अस्पताल बनाया गया है.
बाकी निजी अस्पतालों को भी कोरोना अस्पताल के तौर पर अधिकृत कर दिया जाएगा. वहां पर सिर्फ कोरोना मरीजों का इलाज होगा.
स्वास्थ्य मंत्री की अपील
स्वास्थ्य मंत्री ने एक बार फिर अपील की है कि जिन लोगों कोरोना पॉजिटिव है और उन्हें मामूली लक्षण है तो वह अस्पताल ना जाएं, घर पर ही इसोलेशन में रहे. ठीक हो जाएंगे. निजी अस्पतालों में इंतजाम किए जा रहे हैं ताकि किसी दिल्ली वाले को गंभीर समस्या उत्पन्न होगी तो वह अस्पताल जाए तो वहां उनका इलाज हो सके.