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ब्लैक मनी को व्हाइट करने के नाम पर करोड़ों की ठगी, तीन गिरफ्तार

क्राइम ब्रांच ने अंगड़िया (financier) बनकर बड़े कारोबारियों से ठगी करने वाले तीन ठगों को गिरफ्तार किया है. ये ठग कारोबारियों की ब्लैक मनी को व्हाइट करने के नाम पर ठगी को अंजाम देते थे. आरोपी बीते डेढ़ साल में लगभग 10 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके थे. गिरफ्तारी के दौरान आरोपियों के पास से 45 लाख रुपये बरामद हुए हैं.

delhi Crime branch busted cheaters gang in the name of change black money into white
अंगड़िया बनकर कारोबारियों से ठगी का आरोपी गिरफ्तार
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Published : Aug 3, 2021, 11:56 AM IST

नई दिल्ली: क्राइम ब्रांच ने अंगड़िया (financier) बनकर बड़े कारोबारियों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले तीन ठगों को गिरफ्तार किया है. इन ठगों ने कारोबारियों की ब्लैक मनी को व्हाइट करने के नाम पर उन्होंने ठगी को अंजाम दिया. बीते डेढ़ साल में वह लगभग 10 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके थे. आरोपियों के पास से 45 लाख रुपये बरामद हुए हैं. तीनों आरोपी पंजाब भागने की फिराक में थे.

संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार के अनुसार क्राइम ब्रांच की टीम को सूचना मिली थी कि रविंद्र शाह और उसका गैंग ठगी की कई वारदातों में शामिल है. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने उसके बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया. पुलिस टीम ने गुप्त सूचना पर रविंद्र, नबील अहमद और जोबनजीत सिंह को जीटी करनाल रोड से गिरफ्तार कर लिया है.

रिमांड पर आए चोर ने बरामद कराया 50 लाख का सोना

आरोपियों की गाड़ी से 45 लाख रुपए नगद एवं फर्जी दस्तावेज बरामद हुए. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनके खिलाफ ठगी के दो दर्जन से ज्यादा मामले अलग-अलग राज्यों में दर्ज हैं. उनके पास मौजूद रुपए प्रेम नगर और राजस्थान के भिवाड़ी में दर्ज दो मामलों से संबंधित पाए गए हैं. आरोपी वारदात के बाद रुपये लेकर पंजाब भागने की फिराक में थे.


गोहत्या के लिए गायों को उठाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का सदस्य गिरफ्तार


पुलिस टीम को पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनके गैंग में एक दर्जन से ज्यादा सदस्य हैं. वह खुद को अंगड़िया बता कर कारोबार वाले इलाके जैसे चांदनी चौक, जयपुर के चांदपोल, अहमदाबाद, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई आदि जगह पर दफ्तर खोलते हैं. इन जगहों पर बड़े कारोबारियों को उनका काला धन प्रॉपर्टी के जरिए सफेद करने का वह झांसा देते हैं.

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आरोपी करोबारियों को बताते हैं कि NGO या RTGS के जरिए उनकी काली कमाई को सफेद कर दिया जाएगा. जब शिकार उनके जाल में फंस जाता तो वह उसकी रकम लेकर इस दफ्तर को बंद कर फरार हो जाते थे. प्रेम नगर इलाके में दर्ज मामले में आरोपियों ने चांदनी चौक के कारोबारी को प्रेम नगर में प्रॉपर्टी दिलाने के नाम पर उससे 22 लाख रुपये ठगे थे. वहीं भिवाड़ी के मामले में एक कारोबारी से 2.78 करोड़ रुपए उन्होंने लिए थे, जिसमें से 23 लाख रुपये पुलिस ने बरामद कर लिए हैं.


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संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार के अनुसार यह गैंग लगभग डेढ़ साल से चल रहा था और अब तक करोड़ों रुपए की ठगी कर चुका था. ठगी की रकम से उन्होंने शॉपिंग मॉल में कई जगह हुक्का पार्लर और दुकानें खरीदी थीं. 6 माह पहले आरोपियों ने चांदनी चौक में दफ्तर खोल कर एक कारोबारी से दो करोड़ रुपये की ठगी की थी. 3 महीने पहले भागीरथ प्लेस के पास उन्होंने दफ्तर खोला और एक कारोबारी से एक करोड़ रुपये ठग लिए. 2 महीने पहले उन्होंने अहमदाबाद में एक कारोबारी से एक करोड़ रुपये ठगे. एक महीने पहले ही उन्होंने मध्य प्रदेश के रीवा कारोबारी से एक करोड़ रुपये ठगे थे.


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आरोपी रविंद्र शाह नौवीं कक्षा तक पढ़ा है. वह पहले हुड्डा जिमखाना क्लब में वेटर का काम करता था. इसके बाद उसने कई रेस्टोरेंट में कैशियर की नौकरी की. 2020 में रेस्टोरेंट बंद होने पर वह बेरोजगार हो गया. जिसके बाद वह ठगी के धंधे में संलिप्त हो गया और दफ्तर खोल कर लोगों से ठगी करने लगा. दूसरा आरोपी नबील अहमद आठवीं कक्षा तक पढ़ा है. उसके पिता ड्राईक्लीनिंग की दुकान चलाते थे. वह लोगों को दुकान और दफ्तर किराए पर दिलवाता था.

इसी दौरान वह राधेश्याम के साथ ठगी करने लगा. राधेश्याम की गिरफ्तारी के बाद वह रविंद्र शाह के गैंग में शामिल हो गया था. तीसरा आरोपी जोबनजीत सिंह दसवीं कक्षा तक पढ़ा है. उसकी मुलाकात अमृतसर गोल्डन टेंपल में लकी से हुई थी. लकी ने उसे राधेश्याम से मिलवाया जो इस तरीके से ठगी करता था. उन्होंने कई लोगों से ठगी की. राधेश्याम की गिरफ्तारी के बाद वह रविंद्र शाह के साथ काम कर रहा था.

नई दिल्ली: क्राइम ब्रांच ने अंगड़िया (financier) बनकर बड़े कारोबारियों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले तीन ठगों को गिरफ्तार किया है. इन ठगों ने कारोबारियों की ब्लैक मनी को व्हाइट करने के नाम पर उन्होंने ठगी को अंजाम दिया. बीते डेढ़ साल में वह लगभग 10 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके थे. आरोपियों के पास से 45 लाख रुपये बरामद हुए हैं. तीनों आरोपी पंजाब भागने की फिराक में थे.

संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार के अनुसार क्राइम ब्रांच की टीम को सूचना मिली थी कि रविंद्र शाह और उसका गैंग ठगी की कई वारदातों में शामिल है. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने उसके बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया. पुलिस टीम ने गुप्त सूचना पर रविंद्र, नबील अहमद और जोबनजीत सिंह को जीटी करनाल रोड से गिरफ्तार कर लिया है.

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आरोपियों की गाड़ी से 45 लाख रुपए नगद एवं फर्जी दस्तावेज बरामद हुए. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनके खिलाफ ठगी के दो दर्जन से ज्यादा मामले अलग-अलग राज्यों में दर्ज हैं. उनके पास मौजूद रुपए प्रेम नगर और राजस्थान के भिवाड़ी में दर्ज दो मामलों से संबंधित पाए गए हैं. आरोपी वारदात के बाद रुपये लेकर पंजाब भागने की फिराक में थे.


गोहत्या के लिए गायों को उठाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का सदस्य गिरफ्तार


पुलिस टीम को पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनके गैंग में एक दर्जन से ज्यादा सदस्य हैं. वह खुद को अंगड़िया बता कर कारोबार वाले इलाके जैसे चांदनी चौक, जयपुर के चांदपोल, अहमदाबाद, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई आदि जगह पर दफ्तर खोलते हैं. इन जगहों पर बड़े कारोबारियों को उनका काला धन प्रॉपर्टी के जरिए सफेद करने का वह झांसा देते हैं.

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आरोपी करोबारियों को बताते हैं कि NGO या RTGS के जरिए उनकी काली कमाई को सफेद कर दिया जाएगा. जब शिकार उनके जाल में फंस जाता तो वह उसकी रकम लेकर इस दफ्तर को बंद कर फरार हो जाते थे. प्रेम नगर इलाके में दर्ज मामले में आरोपियों ने चांदनी चौक के कारोबारी को प्रेम नगर में प्रॉपर्टी दिलाने के नाम पर उससे 22 लाख रुपये ठगे थे. वहीं भिवाड़ी के मामले में एक कारोबारी से 2.78 करोड़ रुपए उन्होंने लिए थे, जिसमें से 23 लाख रुपये पुलिस ने बरामद कर लिए हैं.


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संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार के अनुसार यह गैंग लगभग डेढ़ साल से चल रहा था और अब तक करोड़ों रुपए की ठगी कर चुका था. ठगी की रकम से उन्होंने शॉपिंग मॉल में कई जगह हुक्का पार्लर और दुकानें खरीदी थीं. 6 माह पहले आरोपियों ने चांदनी चौक में दफ्तर खोल कर एक कारोबारी से दो करोड़ रुपये की ठगी की थी. 3 महीने पहले भागीरथ प्लेस के पास उन्होंने दफ्तर खोला और एक कारोबारी से एक करोड़ रुपये ठग लिए. 2 महीने पहले उन्होंने अहमदाबाद में एक कारोबारी से एक करोड़ रुपये ठगे. एक महीने पहले ही उन्होंने मध्य प्रदेश के रीवा कारोबारी से एक करोड़ रुपये ठगे थे.


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आरोपी रविंद्र शाह नौवीं कक्षा तक पढ़ा है. वह पहले हुड्डा जिमखाना क्लब में वेटर का काम करता था. इसके बाद उसने कई रेस्टोरेंट में कैशियर की नौकरी की. 2020 में रेस्टोरेंट बंद होने पर वह बेरोजगार हो गया. जिसके बाद वह ठगी के धंधे में संलिप्त हो गया और दफ्तर खोल कर लोगों से ठगी करने लगा. दूसरा आरोपी नबील अहमद आठवीं कक्षा तक पढ़ा है. उसके पिता ड्राईक्लीनिंग की दुकान चलाते थे. वह लोगों को दुकान और दफ्तर किराए पर दिलवाता था.

इसी दौरान वह राधेश्याम के साथ ठगी करने लगा. राधेश्याम की गिरफ्तारी के बाद वह रविंद्र शाह के गैंग में शामिल हो गया था. तीसरा आरोपी जोबनजीत सिंह दसवीं कक्षा तक पढ़ा है. उसकी मुलाकात अमृतसर गोल्डन टेंपल में लकी से हुई थी. लकी ने उसे राधेश्याम से मिलवाया जो इस तरीके से ठगी करता था. उन्होंने कई लोगों से ठगी की. राधेश्याम की गिरफ्तारी के बाद वह रविंद्र शाह के साथ काम कर रहा था.

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