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दिल्ली की अदालत ने गोवा में दर्ज दुष्कर्म के मामले में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई न करने का निर्देश दिया

दिल्ली की एक कोर्ट (Delhi Patiala House Court) ने दुष्कर्म के मामले में दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि गोवा में दर्ज एक दुष्कर्म के मामले में आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई न करे. कोर्ट ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 3 नवंबर, 2022 को सूचीबद्ध किया है.

delhi court directs no coercive action
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Published : Oct 25, 2022, 10:35 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट (Delhi Patiala House Court) ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वह गोवा के वर्ना पुलिस स्टेशन में दर्ज एक दुष्कर्म के मामले से संबंधित एक जीरो एफआईआर में आरोपी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे. पटियाला हाउस कोर्ट के एडिशनल जज राजिंदर सिंह ने राजीव चौक मेट्रो पुलिस स्टेशन को मामले में अगली सुनवाई तक कार्रवाई न करने का निर्देश दिया.

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, महिला ने गोवा के वर्ना पुलिस स्टेशन में फोरेंसिक लैब में कार्यरत वैज्ञानिक अधिकारी पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए जीरो एफआईआर दर्ज कराई है. पीड़िता ने बताया कि वह गुरुग्राम में काम करती है और आरोपी ने उससे शादी का वादा कर के शारीरिक संबंध बनाए. उसने यह भी बताया कि आरोपी और वह एक ही कार्यक्षेत्र से हैं. गोवा के पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, पीड़िता और आरोपी एक दूसरे को जनवरी 2017 से अगस्त 2022 तक जानते थे. पीड़िता का आरोप है कि आरोपी ने उसे दोस्ती करने के लिए उकसाया.

एफआईआर में पीड़िता ने यह भी दर्ज कराया है कि आरोपी ने उसे राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर उससे मिलने के लिए उकसाया, जहां उसने जबरदस्ती उसका हाथ पकड़ा और उसे चूमा. महिला ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी उसे मध्य प्रदेश और गुरुग्राम ले गया और शादी की बात कहकर उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया, जिसके बाद वह शादी की बात से मुकर गया. यह जीरो एफआईआर 18 अक्टूबर को गोवा के वर्ना पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी जिसे राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दी गई थी.

यह भी पढ़ें-नाबालिग बच्ची को आइटम कहना पड़ा भारी, कोर्ट ने सिखाया ये सबक

हालांकि, दिल्ली पुलिस के जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि राजीव चौक मेट्रो स्टेशन थाने में आधिकारिक तौर पर जीरो एफआईआर नहीं मिली है. उन्होंने आगे कहा कि, इसलिए उन्हें मामले के तथ्यों की जानकारी नहीं है. अदालत ने दिल्ली पुलिस को शिकायतकर्ता से पूछताछ कर बयान दर्ज करने का निर्देश दिया है. कोर्ट के 18 अक्टूबर को दिए गए आदेश के मुताबिक सुनवाई की अगली तारीख तक आरोपी पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी. अदालत ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 3 नवंबर, 2022 को सूचीबद्ध किया है.

एएनआई

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट (Delhi Patiala House Court) ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वह गोवा के वर्ना पुलिस स्टेशन में दर्ज एक दुष्कर्म के मामले से संबंधित एक जीरो एफआईआर में आरोपी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे. पटियाला हाउस कोर्ट के एडिशनल जज राजिंदर सिंह ने राजीव चौक मेट्रो पुलिस स्टेशन को मामले में अगली सुनवाई तक कार्रवाई न करने का निर्देश दिया.

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, महिला ने गोवा के वर्ना पुलिस स्टेशन में फोरेंसिक लैब में कार्यरत वैज्ञानिक अधिकारी पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए जीरो एफआईआर दर्ज कराई है. पीड़िता ने बताया कि वह गुरुग्राम में काम करती है और आरोपी ने उससे शादी का वादा कर के शारीरिक संबंध बनाए. उसने यह भी बताया कि आरोपी और वह एक ही कार्यक्षेत्र से हैं. गोवा के पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, पीड़िता और आरोपी एक दूसरे को जनवरी 2017 से अगस्त 2022 तक जानते थे. पीड़िता का आरोप है कि आरोपी ने उसे दोस्ती करने के लिए उकसाया.

एफआईआर में पीड़िता ने यह भी दर्ज कराया है कि आरोपी ने उसे राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर उससे मिलने के लिए उकसाया, जहां उसने जबरदस्ती उसका हाथ पकड़ा और उसे चूमा. महिला ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी उसे मध्य प्रदेश और गुरुग्राम ले गया और शादी की बात कहकर उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया, जिसके बाद वह शादी की बात से मुकर गया. यह जीरो एफआईआर 18 अक्टूबर को गोवा के वर्ना पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी जिसे राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दी गई थी.

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हालांकि, दिल्ली पुलिस के जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि राजीव चौक मेट्रो स्टेशन थाने में आधिकारिक तौर पर जीरो एफआईआर नहीं मिली है. उन्होंने आगे कहा कि, इसलिए उन्हें मामले के तथ्यों की जानकारी नहीं है. अदालत ने दिल्ली पुलिस को शिकायतकर्ता से पूछताछ कर बयान दर्ज करने का निर्देश दिया है. कोर्ट के 18 अक्टूबर को दिए गए आदेश के मुताबिक सुनवाई की अगली तारीख तक आरोपी पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी. अदालत ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 3 नवंबर, 2022 को सूचीबद्ध किया है.

एएनआई

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