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नई एक्साइज पॉलिसी के विरोध में सभी वार्डों में जनमत संग्रह कराएगी दिल्ली कांग्रेस

नई एक्साइज पॉलिसी की घोषणा के बाद से ही दिल्ली की राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं, जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी दिल्ली के सभी वार्डों में जनमत संग्रह कराएगी और लोगों से उनकी राय लेगी.

Delhi congress to host referendum in 280 wards of delhi over new excise policy
नेता अलका लांबा
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Published : Mar 23, 2021, 11:03 PM IST

Updated : Mar 24, 2021, 12:27 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी की घोषणा के बाद से ही दिल्ली की राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अलका लांबा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि नई एक्साइज पॉलिसी के विरोध में दिल्ली कांग्रेस दिल्ली के सभी वार्डों में जनमत संग्रह कराएगी और लोगों से उनकी राय लेगी कि उनके वार्ड में शराब के नए दुकान खोलने चाहिए या नहीं. अगर लोग शराब की दुकान खोलने के लिए मना करते हैं तो दिल्ली कांग्रेस किसी भी कीमत पर दिल्ली सरकार को शराब की नई दुकानें नहीं खोलने देगी.

कांग्रेस नेता अलका लांबा से बात
नाकामियों को उजागर करने का प्लान

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अलका लांबा ने बताया कि दिल्ली कांग्रेस ने दिल्ली सरकार की नाकामियों को उजागर करने का प्लान बनाया है. दिल्ली सरकार का कहना है कि दिल्ली में 850 जगहों पर शराब बेचने और पीने का लाइसेंस दिया गया है जो पूरी तरह गलत है. अगर दिल्ली सरकार के सरकारी वेबसाइट पर नजर डाले तो पता लगेगा कि दिल्ली सरकार ने 850 नहीं बल्कि 1845 जगहों पर शराब बेचने और पीने का लाइसेंस दिया है.

दिल्ली सरकार ने शराब की दुकानों को बंद करने के बजाए उनका निजीकरण करने का फैसला किया है. लेकिन यहां भी एक बड़ा खेल है. जो बड़े-बड़े उद्योगपति शराब की दुकानों का ठेका लेंगे, उन्होंने सरकार के सामने कई शर्ते रखी थी. जिनमें एक शर्त यह भी थे कि शराब की बिक्री बढ़ाई जाए. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने शराब पीने की उम्र 25 साल से घटाकर 21 साल करने का फैसला किया है.



दोनों की भरेगी झोली

अलका लांबा ने बताया कि शराब पीने की उम्र घटाने से शराब के खरीदारों की संख्या बढ़ेगी जिससे उद्योगपति और दिल्ली सरकार दोनों की झोली भरेगी. दिल्ली सरकार को दो हजार करोड़ का फायदा होगा तो वही उद्योगपति भी अपनी खाली तिजोरी को भर सकेंग. लेकिन सवाल ये उठता है कि युवा क्या मांग रहा था और उसे क्या मिला.

युवा नौकरी मांग रहा था जबकि दिल्ली सरकार उन्हें शराब पीने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. अभी हाल ही में दिल्ली सरकार की बेरोजगारी का आंकड़ा आया था. उसमें यह बताया गया था कि पिछले कुछ महीनों में दिल्ली में बेरोजगारी की दर बढ़ी है. लोगों को रोजगार देने के बजाय दिल्ली सरकार उन्हें शराब पीने के लिए प्रोत्साहित कर रही है.



कराएंगे जनमत संग्रह

अलका लांबा ने बताया कि 27 मार्च से दिल्ली कांग्रेस दिल्ली के सभी 272 वार्ड में जाएगी और जनमत संग्रह कराएगी. सबसे पहले दिल्ली के उन 80 वार्डों में दिल्ली कांग्रेस जाएगी जहां कांग्रेस के शासनकाल के दौरान शराब का एक भी ठेका नहीं खुला था.

ये भी पढ़ें:-सरकार की नहीं शराब माफिया की है नई पॉलिसी, युवाओं को नशे में धकेलने की तैयारी: आदेश गुप्ता

45 वार्ड ऐसे हैं जहां शराब का बस एक ठेका है.दिल्ली सरकार इन 80 वार्ड में तीन शराब के ठेके खुलने पर विचार कर रही है. ऐसे सभी वार्ड में दिल्ली कांग्रेस जाएगी और महिलाओं के बीच जनमत संग्रह कराएगी. अगर महिलाओं ने शराब का ठेका खोलने से मना कर दिया तो किसी की हिम्मत नहीं है किन वार्डों में शराब के ठेके खोले जाएं.

आंकड़ें बताए सरकार

अलका लांबा ने बताया कि दिल्ली सरकार यह कह रही है कि दिल्ली के 80 वार्ड में शराब के ठेके नहीं है जिससे राजस्व का नुकसान हो रहा है. मनीष सिसोदिया यह बताएं कि अब तक दिल्ली सरकार को कितनी राजस्व का नुकसान हुआ है.

जब वार्ड में शराब के ठेके नहीं थे तो वहां शराब की आपूर्ति कैसे हो रही थी. दिल्ली सरकार शराब के दुकानों के निजीकरण की बात करती है लेकिन सरकार का मुख्य मकसद लोगों को शराब पिलाकर अपना राजस्व बढ़ाना है.

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी की घोषणा के बाद से ही दिल्ली की राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अलका लांबा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि नई एक्साइज पॉलिसी के विरोध में दिल्ली कांग्रेस दिल्ली के सभी वार्डों में जनमत संग्रह कराएगी और लोगों से उनकी राय लेगी कि उनके वार्ड में शराब के नए दुकान खोलने चाहिए या नहीं. अगर लोग शराब की दुकान खोलने के लिए मना करते हैं तो दिल्ली कांग्रेस किसी भी कीमत पर दिल्ली सरकार को शराब की नई दुकानें नहीं खोलने देगी.

कांग्रेस नेता अलका लांबा से बात
नाकामियों को उजागर करने का प्लान

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अलका लांबा ने बताया कि दिल्ली कांग्रेस ने दिल्ली सरकार की नाकामियों को उजागर करने का प्लान बनाया है. दिल्ली सरकार का कहना है कि दिल्ली में 850 जगहों पर शराब बेचने और पीने का लाइसेंस दिया गया है जो पूरी तरह गलत है. अगर दिल्ली सरकार के सरकारी वेबसाइट पर नजर डाले तो पता लगेगा कि दिल्ली सरकार ने 850 नहीं बल्कि 1845 जगहों पर शराब बेचने और पीने का लाइसेंस दिया है.

दिल्ली सरकार ने शराब की दुकानों को बंद करने के बजाए उनका निजीकरण करने का फैसला किया है. लेकिन यहां भी एक बड़ा खेल है. जो बड़े-बड़े उद्योगपति शराब की दुकानों का ठेका लेंगे, उन्होंने सरकार के सामने कई शर्ते रखी थी. जिनमें एक शर्त यह भी थे कि शराब की बिक्री बढ़ाई जाए. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने शराब पीने की उम्र 25 साल से घटाकर 21 साल करने का फैसला किया है.



दोनों की भरेगी झोली

अलका लांबा ने बताया कि शराब पीने की उम्र घटाने से शराब के खरीदारों की संख्या बढ़ेगी जिससे उद्योगपति और दिल्ली सरकार दोनों की झोली भरेगी. दिल्ली सरकार को दो हजार करोड़ का फायदा होगा तो वही उद्योगपति भी अपनी खाली तिजोरी को भर सकेंग. लेकिन सवाल ये उठता है कि युवा क्या मांग रहा था और उसे क्या मिला.

युवा नौकरी मांग रहा था जबकि दिल्ली सरकार उन्हें शराब पीने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. अभी हाल ही में दिल्ली सरकार की बेरोजगारी का आंकड़ा आया था. उसमें यह बताया गया था कि पिछले कुछ महीनों में दिल्ली में बेरोजगारी की दर बढ़ी है. लोगों को रोजगार देने के बजाय दिल्ली सरकार उन्हें शराब पीने के लिए प्रोत्साहित कर रही है.



कराएंगे जनमत संग्रह

अलका लांबा ने बताया कि 27 मार्च से दिल्ली कांग्रेस दिल्ली के सभी 272 वार्ड में जाएगी और जनमत संग्रह कराएगी. सबसे पहले दिल्ली के उन 80 वार्डों में दिल्ली कांग्रेस जाएगी जहां कांग्रेस के शासनकाल के दौरान शराब का एक भी ठेका नहीं खुला था.

ये भी पढ़ें:-सरकार की नहीं शराब माफिया की है नई पॉलिसी, युवाओं को नशे में धकेलने की तैयारी: आदेश गुप्ता

45 वार्ड ऐसे हैं जहां शराब का बस एक ठेका है.दिल्ली सरकार इन 80 वार्ड में तीन शराब के ठेके खुलने पर विचार कर रही है. ऐसे सभी वार्ड में दिल्ली कांग्रेस जाएगी और महिलाओं के बीच जनमत संग्रह कराएगी. अगर महिलाओं ने शराब का ठेका खोलने से मना कर दिया तो किसी की हिम्मत नहीं है किन वार्डों में शराब के ठेके खोले जाएं.

आंकड़ें बताए सरकार

अलका लांबा ने बताया कि दिल्ली सरकार यह कह रही है कि दिल्ली के 80 वार्ड में शराब के ठेके नहीं है जिससे राजस्व का नुकसान हो रहा है. मनीष सिसोदिया यह बताएं कि अब तक दिल्ली सरकार को कितनी राजस्व का नुकसान हुआ है.

जब वार्ड में शराब के ठेके नहीं थे तो वहां शराब की आपूर्ति कैसे हो रही थी. दिल्ली सरकार शराब के दुकानों के निजीकरण की बात करती है लेकिन सरकार का मुख्य मकसद लोगों को शराब पिलाकर अपना राजस्व बढ़ाना है.

Last Updated : Mar 24, 2021, 12:27 PM IST
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