नई दिल्ली: दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार (Delhi congress president Chaudhary Anil Kumar) ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक हजार मोहल्ला क्लीनिक (Mohalla Clinic) खोलने का दावा किया था परंतु केवल 450 मोहल्ला क्लीनिक खोले और जिसमें सरकार ने सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च कर दिए. जिन्हें केजरीवाल सिर्फ विज्ञापनों और सरकार के रिकॉर्ड में ही वर्ल्ड क्लास बताते हैं जबकि हकीकत में पूरे कोरोना काल में जब जनता को सबसे अधिक स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता थी, अधिकतर मोहल्ला क्लीनिक बंद रहे और जनता को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ा.
मोहल्ला क्लीनिक में नहीं होते कोरोना टेस्ट
चौ. अनिल कुमार (Chaudhary Anil Kumar) ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिकों में न तो टेस्ट होते हैं और न ही टीकाकरण (Vaccination) किया जा सकता है, क्योंकि टीकाकरण के लिए तो मुख्यमंत्री ने मोहल्ला क्लीनिकों को स्वयं अयोग्य माना है. उन्होंने कहा कि मात्र एक-दो क्लीनिकों में ही कोविड टेस्ट के सैंपल लिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने मोहल्ला क्लीनिकों में 212 टेस्ट करने का दावा करने के विज्ञापन दिए परंतु हाईकोर्ट में मात्र 50 टेस्टों की पुष्टि की, जबकि हकीकत में गिने चुने टेस्ट ही होते हैं वह भी निजी लैब में भेजकर कराया जाता है.
केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं को पहुंचाया फायदा
चौ. अनिल कुमार ने आरोप लगाया कि अधिकतर मोहल्ला क्लीनिक अरविंद केजरीवाल सरकार (Kejriwal Gov) ने आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के कार्यकर्ताओं के घरों में किराए पर उन्हें आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए खोले हैं, जिसके तहत प्रत्येक मोहल्ला क्लीनिक मालिक को 30 हजार प्रतिमाह किराये के रुप में दिए जाते है. यही नहीं मोहल्ला क्लीनिक में जो बिजली के मीटर हैं उनके साथ कार्यकर्ताओं के निजी बिजली बिल भी दिल्ली सरकार वहन कर रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने मोहल्ला क्लीनिक में दवाइयों के वेंडिग मशीन लगाने का वायदा किया था परंतु एक भी मोहल्ला क्लीनिक में वेंडिग मशीन नहीं लगाई गई.