नई दिल्ली: योग भारत की विरासत है और विरासत के साथ-साथ यह तन-मन को स्वस्थ रखने के लिए भी जरूरी है. लोगों तक किस तरह से सुगमता से योग पहुंचाया जा सके और उन्हें इसकी ट्रेनिंग दी जा सके. इसके लिए दिल्ली सरकार ने एक योजना तैयार की है. 2020-21 के दिल्ली सरकार (Delhi Government) देशभक्ति बजट में इसके लिए 25 करोड़ के फंड का प्रावधान भी किया गया था.
पूरी दिल्ली में 21 योग ट्रेनिंग सेंटर तैयार
दिल्ली सरकार की योजना है, लोगों के घरों तक योग शिक्षक पहुंचाने की. इस योजना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम कल उठाया गया, जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi cm Arvind Kejriwa) दिल्ली फार्मास्युटिकल एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (DPSRU) में सेंटर फॉर मेडिटेशन एंड योगा साइंसेस का उद्घाटन किया. इस सेंटर में योग शिक्षक (yoga teacher) तैयार किए जाने हैं और यहां उन्हें ट्रेनिंग (Training) की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. पूरी दिल्ली में ऐसे कुल 21 सेंटर तैयार किए गए हैं.
पहले बैच में 452 ने लिया है एडमिशन
इस योग सेंटर के सीनियर कंसलटेंट अमरेश झा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि इस सेंटर में डिप्लोमा कोर्स शुरू किया गया है. इसके अलावा 3 महीने का सर्टिफिकेट कोर्स भी है. इसके लिए डिप्लोमा कोर्स की फीस एक हजार रुपये है. शुरुआत में इस सेंटर के अंतर्गत कुल 452 लोगों ने ट्रेनिंग के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. इसका क्राइटेरिया बस इतना है कि अभ्यर्थी 12वीं पास होना चाहिए.
ट्रेनिंग के लिए हुई है 20 इंस्ट्रक्टर की नियुक्ति
अमरेश झा ने बताया कि ट्रेनिंग देने के लिए यूनिवर्सिटी ने यहां 20 पार्ट टाइम योग इंस्ट्रक्टर की नियुक्ति की है. यहां कंसलटेंट के रूप में काम करें कमलेश मिश्रा ने बताया कि यूं तो डिप्लोमा प्रोग्राम 1 साल का है, लेकिन 3 महीने का सर्टिफिकेट कोर्स करके भी कोई भी योग प्रशिक्षक बन सकेगा. आपको बता दें कि जिन्होंने अभी से ट्रेनिंग की शुरुआत की है, उनका डिप्लोमा कोर्स सितम्बर तक पूरा होगा.
सही अर्थों में जन आंदोलन बनाना लक्ष्य
2 अक्टूबर से ये योग शिक्षक लोगों को ट्रेनिंग (Training) देने लगेंगे. बीते दिन इस सेंटर के उद्घाटन के मौके पर सीएम केजरीवाल (Delhi cm Arvind Kejriwa) ने यह बात कही भी थी. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि जो बात कही जाती रही है कि योग को जन आंदोलन बनाना है, उसे सही अर्थों में हमें जमीन पर उतारना है. उस कार्यक्रम में दिल्ली फार्मास्युटिकल यूनिवर्सिटी के उपकुलपति डॉ. रमेश गोयल भी मौजूद रहे थे. आज वे ट्रेनिंग की प्रक्रिया का निरीक्षण करने पहुंचे थे.
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'ताकि लोग सिर्फ डिग्री लेकर न निकलें'
ईटीवी भारत से बातचीत में वीसी रमेश गोयल ने कहा कि पहले से यूनिवर्सिटी में फिटनेस सेंटर था, लेकिन अब एक वर्ष का डिप्लोमा कोर्स शुरू किया गया है. ध्येय यह है कि यहां से लोग सिर्फ डिग्री लेकर न निकलें, बल्कि पब्लिक हेल्थ में काम भी आएं. उन्होंने कहा पोस्ट कोविड का जो मानसिक तनाव है, उसे दूर करने में योग महत्वपूर्ण साबित होगा. यहां पर ट्रेंड कंसलटेंट और इंस्ट्रक्टर्स की नियुक्ति की गई है.
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खुद को निरोग रखना जरूरी
यहां ट्रेनिंग ले रहे कई लोगों से भी ईटीवी भारत ने बातचीत की. स्वाति ने बताया कि आजकल जिस तरह की बीमारियां बढ़ रहीं हैं, कोरोना से लेकर ब्लैक फंगस, डायबिटीज बीपी, इन सबके बीच खुद को निरोग रखना जरूरी है और मैं चाहती हूं कि इसमें अपना योगदान दे सकूं. वहीं, सरस्वती कामत ने कहा कि वे इस डिप्लोमा कोर्स के अलावा बीकॉम भी कर रहीं हैं, लेकिन योग के क्षेत्र में करियर बनाने का सोचा है.
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