नई दिल्लीः कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर लागू लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों के पलायन का सिलसिला जारी है. इसी बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक बार फिर प्रवासी मजदूरों से अपील की कि वे पलायन न करें. आज ना कल लॉकडाउन खत्म होगा. उसके बाद सबको नौकरी मिलेगी, काम मिलेगा. सबके हित में होगा कि जो जहां हैं वहीं रहें.
मजदूरों की पीड़ा देखकर होता है दुःख
केजरीवाल ने कहा कि सरकारों द्वारा की गई तमाम कोशिशों के बावजूद मजदूरों का पलायन रुक नहीं रहा है. जैसा कि वह सोशल मीडिया पर रिपोर्ट देख रहे हैं मजदूरों को स्थिति दयनीय है. पैरों में छाले हैं, कोई अपने बच्चों को कंधे पर कोई अपनी मां को गोद में लेकर सैकड़ों किलोमीटर सफर कर रहा है. यह सब देखकर वह काफी दुख होता है.
लॉकडाउन खत्म होने के बाद काम मिलेगा
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सारा सिस्टम फेल हो गया है. कोई भी सरकारें काम नहीं कर रही हैं. इसलिए वे गुजारिश करते हैं कि दिल्ली में जो भी मजदूर हैं चाहे वह किसी भी राज्य से आए हो रहा है, वहीं रुके. दिल्ली सरकार उनके खाने और रहने का इंतजाम कर रही है. लॉकडाउन खत्म होने के बाद उन्हें काम भी जरूर मिलेगा.
सीएम ने विपक्ष के सवाल को बताया गलत
केजरीवाल ने विपक्ष द्वारा कोरोना से लड़ने वाले डॉक्टरों अन्य कर्मचारियों के लिए सरकार द्वारा पांच सितारा होटल और अस्पतालों में इंतजाम पर भी अपनी बात कही. केजरीवाल ने कहा कि क्या सरकार का इतना फर्ज नहीं बनता है कि वे कोरोना से लड़ाई लड़ने वाले का अच्छा ख्याल रखें? क्या दिल्ली सरकार कोरोना के शिकार सरकारी कर्मचारियों की मौत पर उनके परिजनों को जो सम्मान राशि देती है यह गलत है?
कोरोना मरीजों की संख्या पर ये बोले मुख्यमंत्री
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या को लेकर कहा कि अब तक करीब 7000 मामले सामने आए हैं. जिनमें से करीब 1500 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं. बाकी सबका घर पर इलाज चल रहा है और ऐसे मरीजों के लिए सरकार जल्द ही उनके घर के समीप ही स्वास्थ्य सेंटर खोलने जा रही है. गंभीर मरीजों पर उनकी खुद नजर है और सरकार चाहती है कि कोरोना से जाने ना जाए.