नई दिल्ली: राजधानी में एमसीडी चुनावों के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है. ऐसा माना जा रहा है कि दिसंबर में गुजरात विधानसभा के साथ ही दिल्ली में एमसीडी चुनाव भी कराए जा सकते हैं. इसी कड़ी में बीजेपी की दिल्ली प्रदेश इकाई ने एमसीडी चुनावों की तैयारी शुरू करते हुए वॉर रूम तैयार कर लिया है और पार्टी द्वारा प्रदेश कार्यालय में हर रोज कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.
बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में दो लॉन मौजूद हैं और दोनों ही जगह एमसीडी चुनाव के मद्देनजर वॉटरप्रूफ टेंट बनाए गए हैं. कार्यालय के आगे की तरफ छोटे लॉन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए टेंट तैयार किया गया है, वहीं जरूरी बैठकों के लिए कार्यालय के पिछले हिस्से के बड़े लॉन को विशाल सभागार में तब्दील किया गया है. इस एक साथ 500 से 600 लोग बैठ सकते हैं. इस सभागार का निर्माण प्रमुख रूप से चुनावों के समय किए जाने वाले विभिन्न सम्मेलन, पार्टी की जरूरी बैठकों और चुनावी कार्यक्रमों के साथ चुनाव की रणनीति को तैयार करने के लिए किया गया है.
इस बड़े सभागार में रिमूवेबल स्ट्रक्चर्स की सहायता से 21 अलग-अलग छोटे कमरे भी तैयार किए गए हैं, जिनका साइज तकरीबन 8×8 का है. इन सभी कमरों को बीजेपी की प्रदेश इकाई के द्वारा एमसीडी चुनाव के मद्देनजर बनाए गए अलग-अलग विभागों को अलॉट किया जाएगा. दूसरी तरफ बीजेपी द्वारा एमसीडी चुनाव के मद्देनजर सोशल मीडिया वॉर रूम भी पूरी तरीके से तैयार कर लिया गया है. साथ ही ट्रेंडिंग न्यूज़ और एनालिसिस को लेकर भी एक अलग से रूम तैयार किया गया है.
दिल्ली बीजेपी की प्रदेश इकाई के द्वारा एमसीडी चुनाव के मद्देनजर जनसंपर्क अभियान भी शुरू कर दिया गया है. इस पूरे अभियान के तहत बीजेपी की प्रदेश इकाई के सभी छोटे से लेकर बड़े नेता, ना सिर्फ लोगों के बीच में जाएंगे बल्कि सीधे तौर पर संवाद कर पार्टी की विचारधारा को लोगों के बीच रखने का प्रयास करेंगे. साथ ही एमसीडी में रहते हुए बीजेपी द्वारा किए गए कामों के बारे में भी लोगों को बताया जाएगा. अभियान के तहत दिल्ली के सांसद-विधायक भी लोगों के बीच में जाकर केजरीवाल सरकार की कारगुजारी को उजागर करेंगे.
इसके साथ ही बीजेपी के द्वारा एमसीडी चुनाव से पहले 1 नवंबर से 15 नवंबर तक ओबीसी और एससी कैटेगरी को पार्टी के साथ जोड़ने के लिए विशेष तौर पर समाज सम्मेलन के कार्यक्रम को चलाया जाएगा. इसके तहत हर रोज बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में विभिन्न जातियों को जोड़ने को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. साथ ही दिल्ली में भी अलग-अलग जगहों पर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित कराए जाएंगे.
दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी में भी अंदरूनी तौर पर एमसीडी चुनावों को लेकर बैठकों और रणनीति बनाने की शुरूआत हो चुकी है. हालांकि आप के प्रदेश कार्यालय में फिलहाल तैयारियां को लेकर बड़े स्तर पर हलचल नहीं दिखाई दे रही है. वहीं आप कार्यालय के बाहर पार्टी के नेताओं द्वारा इस तरह के पोस्टर जरूर लगवाए गए हैं कि एमसीडी चुनाव के मद्देनजर पार्षदों के बायोडाटा प्रदेश कार्यालय में नहीं लिए जा रहे हैं. आम आदमी पार्टी द्वारा एमसीडी चुनाव को लेकर प्रदेश कार्यालय में अलग से सोशल मीडिया वॉर रूम को तैयार किया जा रहा है, जहां चुनावों को लेकर पार्टी द्वारा सोशल मीडिया स्ट्रेटजी को बनाने के साथ इंप्लीमेंट किए जाने को लेकर भी कई जरूरी और महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे.
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वहीं कांग्रेस की बात की जाए तो दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में चुनावों को लेकर फिलहाल कोई हलचल नहीं दिख रही है. डीपीसीसी के अध्यक्ष अनिल चौधरी के द्वारा परिसीमन गलत तरीके से किए जाने को लेकर हाईकोर्ट में अपील की गई है जिसपर 14 तारीख को सुनवाई है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो इस बार दिल्ली का एमसीडी चुनाव, कांग्रेस के लिए राजधानी में अस्तित्व की लड़ाई माना जा रहा है. वहीं यह चुनाव, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी के लिए भी एक बड़ी चुनौती होने वाला है.
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