नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में मृतक दोस्त की नाबालिग बेटी से रेप के आरोपी दिल्ली सरकार के निलंबित अधिकारी प्रमोदय खाका को लेकर दिल्ली भाजपा ने केजरीवाल सरकार को घेरा. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्लीवासी आज मीडिया के इस खुलासे से स्तब्ध हैं कि दिल्ली महिला एवं बाल कल्याण विभाग के निलंबित अधिकारी खाका का अपने अधीन काम करने वाली महिलाओं को परेशान और उनका यौन शोषण करने का इतिहास पुराना है.
सचदेवा ने कहा कि खाखा के खिलाफ कई मामलों के उजागर होने के बाद, अब यह अच्छी तरह से पूफ्र हो गया है कि केजरीवाल सरकार में किसी बहुत शक्तिशाली व्यक्ति के करीबी हैं. सीएम केजरीवाल, 2019 में पूर्व महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री कैलाश गहलोत और आतिशी और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को जवाब देना चाहिए कि खाका को किसका संरक्षण प्राप्त है.
प्रमोदय खाका पर यौन शोषण का आरोप: सचदेवा ने कहा कि यह जानकर हैरानी हुई कि खाखा पर दिल्ली सरकार के सेवा कुटीर में अधीक्षक के रूप में काम करते समय 4 महिला कर्मचारियों ने उत्पीड़न और यौन शोषण का आरोप लगाया था. शिकायत करने वाली महिलाओं में दो महिला काउंसलर, एक फिजियोलॉजिस्ट और एक वकील है. आश्चर्य की बात है कि 4 में से 2 मामलों में डब्ल्यू.सी.डब्ल्यू.डी. की आंतरिक समिति ने खाका को 2022 में तब क्लीन चिट दे दिया था, जब वो मंत्री के ओएसडी थे.
कार्रवाई के बदले मिली पदोन्नति: बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि एक साल से भी कम समय में अलग-अलग महिलाओं द्वारा खाखा के खिलाफ 4 मामले दर्ज किए गए, फिर भी दिल्ली सरकार ने उसे निलंबित करने के बजाय उप निदेशक के पद पर पदोन्नति कर दी. मंत्री कैलाश गहलोत ने तो उन्हें अपना ओएसडी बना लिया.
दिल्ली भाजपा की ये मांग: सचदेवा ने मांग की है कि दिल्ली सरकार को खाका के खिलाफ यौन शोषण के सभी मामलों को फिर से खोलना चाहिए. साथ ही सभी मामलों को देखने और उनके अभियोजन को सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष अधिकारी की नियुक्ति करनी चाहिए.
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