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आज से शुरू होगा दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र, इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री रखेंगे अपनी बात

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Published : Jan 16, 2023, 7:09 AM IST

Updated : Jan 16, 2023, 7:28 AM IST

दिल्ली विधानसभा में आज से शुरू हो रहे तीन दिवसीय विशेष सत्र का हंगामे से भरा होने की उम्मीद है. इस सत्र में बीजेपी के विधायकों द्वारा क्वेश्चन आवर खत्म किए जाने और विपक्ष के सवाल ना लिए जाने के साथ शीतकालीन सत्र ना बुलाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री को घेरा जाएगा. वहीं एमसीडी के सदन में सामने आई शर्मनाक तस्वीरों को लेकर विधानसभा सत्र में हंगामा होना तय माना जा रहा है. इसके अलावा एलजी के साथ चल रहे दिल्ली सरकार के मतभेदों और अन्य मुद्दों के ऊपर भी दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद विधानसभा में अपनी बात रखेंगे.

Delhi Assembly special three day session
Delhi Assembly special three day session

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है, जो 18 जनवरी तक चलेगा. इस बार विधानसभा का सत्र ऐसे समय पर बुलाया गया है, जब दिल्ली का सियासी पारा ना सिर्फ पूरे तरीके से गरमाया हुआ है, बल्कि आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों आमने-सामने हैं. सड़क पर दोनों राजनीतिक दलों के द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. दरअसल 6 जनवरी को एमसीडी के सदन में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान हंगामा होने के बाद से राजनीतिक माहौल गर्म है. इसको देखते हुए इस बार दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र भी हंगामे से भरा रहने का अनुमान है.

वहीं दूसरी तरफ बीजेपी विधायक दल के नेता ओर नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी द्वारा पहले ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बार के विधानसभा सत्र को सीधे तौर पर असंवैधानिक करार देते हुए कई सवाल उठाए गए हैं. रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि पिछले कई सत्रों की तरह इस बार भी दिल्ली विधानसभा के सत्र में क्वेश्चन आवर नहीं है. विधायकों से जनता की समस्याएं और अपने क्षेत्र में विकास कार्य को लेकर सवाल पूछने का अधिकार दिल्ली सरकार ने छीन लिया है. दूसरी तरफ शीतकालीन सत्र अभी तक ना बुलाकर पिछले सत्र को एक्सटेंड कर बुलाया गया है, जो सीधे तौर पर नियमों का उल्लंघन किए जाने के साथ गैर संविधानिक भी है. विपक्ष के विधायकों को ना तो बोलने का समय दिया जा रहा है और ना ही सवाल पूछने का, जो अरविंद केजरीवाल सरकार के तानाशाही रवैये को दर्शाता है.

यह भी पढ़ें-Delhi Assembly Special Session : बीजेपी बोली- जनता की समस्याओं पर सदन में हो चर्चा

इस बार दिल्ली विधानसभा का सत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच में चल रही तीखी नोकझोंक और मतभेदों को लेकर खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विधानसभा सत्र के अंदर ना सिर्फ अपना पक्ष रखेंगे, बल्कि मुख्यमंत्री द्वारा दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों को देरी से मिल रहे वेतन के मुद्दे पर भी बात करेंगे. इन सबके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के द्वारा एमसीडी के सदन में हुए जबर्दस्त हंगामे और पार्षदों के बीच हुई हाथापाई के दौरान आम आदमी पार्टी के घायल हुए पार्षदों को लेकर विधानसभा सत्र में पूरे मामले पर ना सिर्फ बात रखी जा सकती है, बल्कि बीजेपी और एलजी पर भी जमकर निशाना साधा जा सकता है.

यह भी पढ़ें-LG के साथ मीटिंग के बाद भड़के केजरीवाल, कहा- आपको अच्छा संवैधानिक एक्सपर्ट रखने की जरूरत

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है, जो 18 जनवरी तक चलेगा. इस बार विधानसभा का सत्र ऐसे समय पर बुलाया गया है, जब दिल्ली का सियासी पारा ना सिर्फ पूरे तरीके से गरमाया हुआ है, बल्कि आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों आमने-सामने हैं. सड़क पर दोनों राजनीतिक दलों के द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. दरअसल 6 जनवरी को एमसीडी के सदन में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान हंगामा होने के बाद से राजनीतिक माहौल गर्म है. इसको देखते हुए इस बार दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र भी हंगामे से भरा रहने का अनुमान है.

वहीं दूसरी तरफ बीजेपी विधायक दल के नेता ओर नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी द्वारा पहले ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बार के विधानसभा सत्र को सीधे तौर पर असंवैधानिक करार देते हुए कई सवाल उठाए गए हैं. रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि पिछले कई सत्रों की तरह इस बार भी दिल्ली विधानसभा के सत्र में क्वेश्चन आवर नहीं है. विधायकों से जनता की समस्याएं और अपने क्षेत्र में विकास कार्य को लेकर सवाल पूछने का अधिकार दिल्ली सरकार ने छीन लिया है. दूसरी तरफ शीतकालीन सत्र अभी तक ना बुलाकर पिछले सत्र को एक्सटेंड कर बुलाया गया है, जो सीधे तौर पर नियमों का उल्लंघन किए जाने के साथ गैर संविधानिक भी है. विपक्ष के विधायकों को ना तो बोलने का समय दिया जा रहा है और ना ही सवाल पूछने का, जो अरविंद केजरीवाल सरकार के तानाशाही रवैये को दर्शाता है.

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इस बार दिल्ली विधानसभा का सत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच में चल रही तीखी नोकझोंक और मतभेदों को लेकर खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विधानसभा सत्र के अंदर ना सिर्फ अपना पक्ष रखेंगे, बल्कि मुख्यमंत्री द्वारा दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों को देरी से मिल रहे वेतन के मुद्दे पर भी बात करेंगे. इन सबके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के द्वारा एमसीडी के सदन में हुए जबर्दस्त हंगामे और पार्षदों के बीच हुई हाथापाई के दौरान आम आदमी पार्टी के घायल हुए पार्षदों को लेकर विधानसभा सत्र में पूरे मामले पर ना सिर्फ बात रखी जा सकती है, बल्कि बीजेपी और एलजी पर भी जमकर निशाना साधा जा सकता है.

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Last Updated : Jan 16, 2023, 7:28 AM IST
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