नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र में सुरक्षा में लगी सेंध के बाद बीते दो दिनों से यह मामला देश भर में चर्चा में है. इधर दिल्ली विधानसभा सत्र आज से शुरू हो रहा है. विधानसभा सत्र के दौरान किसी तरह की अप्रिय घटना ना हो इसके पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि किसी भी घटना से हमें सबक लेनी चाहिए.
संसद में हुई घटना के मद्देनजर विधानसभा में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. यहां सभी अलर्ट पर हैं. दरअसल, 28 जून 2017 को दिल्ली विधानसभा में भी दर्शक दीर्घा से दो शख्स ने पर्चा फेंका था और नारे लगाए थे. तब वहां अफरातफरी फैल गई थी. विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि तभी से विधानसभा की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.
दर्शक दीर्घा में आए लोगों को एंट्री तो नहीं रोकी जाएगी, नियमानुसार जो प्रक्रिया है उसके तहत पास बनवाकर लोग आ सकते हैं. लेकिन पिछले अनुभवों को देखते हुए दर्शक दीर्घा पर शीशे की दीवार तभी बना दी गई थी. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा का सत्र निर्धारित समय पर सुबह 11 बजे से शुरू होगा और इसकी शुरुआत प्रश्न काल से होगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा में हिस्सा लेने के लिए सभी विधायकों को नोटिस भेज दिया गया है. यह सत्र विधानसभा के चौथे सत्र के चौथे भाग की बैठक का हिस्सा होगा. अभी विधानसभा का सत्र दो दिन के लिए बुलाया गया है.
उल्लेखनीय है कि 15 दिसंबर यानि शुक्रवार को बुलाया गया दिल्ली विधानसभा का सत्र भी विधानसभा के चौथे सत्र का चौथा भाग है. पिछले सत्र में बैठक को अनिश्चितकाल के लिए जो स्थगित किया गया था, आज बुलाया गया सत्र भी उसी का हिस्सा माना जाएगा. विधानसभा में विपक्ष के विधायक कम दिनों के सत्र बुलाए जाने पर सवाल उठाते रहे हैं.
शीतकालीन अधिवेशन कम से कम 10 दिन का बुलाने की मांग: विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी सत्र के दौरान प्रश्न काल व अन्य चर्चाएं नियम के अनुसार नहीं कराए जाने को लेकर अपना विरोध जताते रहे हैं. उनका कहना है कि केजरीवाल सरकार ने आज से शुरू होने वाले शीतकालीन अधिवेशन को केवल औपचारिकता बना दिया है. इस सरकार के पास जनता के सवालों का कोई जवाब नही है. भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी सरकार विधानसभा में चर्चा से भाग रही है. इसीलिए शीतकालीन अधिवेशन मात्र दो दिन का ही रखा गया है ताकि जनता के हितों और समस्याओं पर चर्चा ही नहीं की जा सके.
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इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगी विपक्ष: विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा विधायक मुख्यमंत्री के आवास के निर्माण में सरकारी खजाने की बर्बादी, सतर्कता विभाग की फाइलों में हेरफेर की कोशिश, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में आप सरकार की विफलता, डीटीसी के बेड़े में पिछले नौ सालों में एक भी सीएनजी बस न आना, जल बोर्ड की खराब वित्तीय स्थिति, आठ साल से नए राशन कार्ड न बनना, पांच सालों से ओल्ड ऐज पेंशन बंद होना, दिल्ली में एक भी नया स्कूल-कॉलेज न खुलना और शिक्षकों की कमी, यमुना के मैली होने सहित कई विषयों पर चर्चा की मांग करते हुए घेरने की तैयारी में है.
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