नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने 16,17 ओर 18 जनवरी को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. इस बार विधानसभा के सत्र में पिछले सत्रों की तरह क्वेश्चन ऑवर नहीं होगा. जबकि, यह सत्र पिछले सत्र की कार्रवाई का एक्सटेंडेड सेशन होगा. एमसीडी के सदन में हुए हंगामे को लेकर विधानसभा सत्र में चर्चा होने के साथ बीजेपी के खिलाफ सत्ता पक्ष की तरफ से निंदा प्रस्ताव पेश किया जा सकता है. बीजेपी के आठ विधायकों ने विधानसभा के सत्र में एमसीडी हंगामे को लेकर केजरीवाल से जवाब भी मांगा जाएगा. शीत कालीन सत्र को लेकर अभी दिल्ली सरकार ने कोई घोषणा नहीं की है.
बीजेपी के विधायक अभय वर्मा ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि हर बार की तरह इस बार भी दिल्ली विधानसभा के सत्र में क्वेश्चन आवर नहीं है. दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री सवालों का जवाब देने से लगातार बच कर भाग रहे हैं. क्वेश्चन आवर में हमें अपने क्षेत्र के बारे में हो रहे विकास कार्यों के बारे में जानकारी मिलती है. दिल्ली सरकार ने विधानसभा सत्र को बुलाया गया है. ताकि हंगामा खड़ा किया जा सके. जनता के बीच में सरकार के कामों को लेकर गलतफहमी फैलाने के लिए इस सत्र को बुलाया गया है.
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उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र का ज्ञापन आया है. उसमें किसी भी कामकाज का कोई जिक्र नहीं है. आप की मर्जी होगी तो वह सत्र को एक दिन चलाएंगे, मर्जी होगी तो 3 दिन तक चलाएंगे. 16 जनवरी को सत्र की कार्रवाई शुरू होने से महज एक घंटे पहले एजेंडा दिया जाता है. 6 जनवरी को जिस तरह से एमसीडी के सदन में आप पार्षद और विधायकों ने हंगामा किया था. उस मामले की पोल बीजेपी के विधायक विधानसभा सत्र में ना सिर्फ खोलेंगे बल्कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूरे मामले पर जवाब भी मांगा जाएगा.
एमसीडी के सदन में हंगामा आप द्वारा किया गया बहुमत भी आप के पास है और शपथ लेने से भी यही लोग भाग रहे हैं. बीजेपी के सभी आठ विधायक विधानसभा सत्र में पुरजोर तरीके से अपनी बात रखने के साथ केजरीवाल सरकार की पोल खोलेंगे और मुख्यमंत्री से एमसीडी में हुए हंगामे को को लेकर जवाब मांगा जाएगा.
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