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Ruckus in Delhi Assembly: दिल्ली विधानसभा सत्र की हंगामेदार शुरुआत, मंगलवार तक कार्यवाही स्थगित

दिल्ली विधानसभा सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामे के भेंट चढ़ गया. दोनों पक्षों की तरफ से हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी. इसके बाद मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम और तमाम विधायक उपराज्यपाल के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया.

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Published : Jan 16, 2023, 3:32 PM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का एलजी के खिलाफ प्रदर्शन.

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा सत्र की सोमवार को हंगामेदार शुरुआत हुई. सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के विधायक एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. बीजेपी के विधायक दिल्ली में प्रदूषण की बदतर हालत को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराते हुए अपनी बात रखना चाहते थे, तो वहीं आम आदमी पार्टी के विधायक उपराज्यपाल द्वारा सरकार के लिए गए फैसलों को पलटने के विरोध में अपनी बात रखने लगे.

आम आदमी पार्टी के विधायकों की नारेबाजी रुकते नहीं देख विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी. उसके बाद जब दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो फिर आम आदमी पार्टी के विधायक उपराज्यपाल के फैसले तथा हाल ही में दिल्ली के शिक्षकों को विदेश भेजकर ट्रेनिंग की अनुमति नहीं देने की बात को लेकर अध्यक्ष की कुर्सी के सामने आकर नारेबाजी करने लगे. हंगामा शांत होता न देख सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद विधानसभा पहुंचे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित तमाम मंत्री और विधायक उपराज्यपाल द्वारा लिए गए तमाम फैसले के खिलाफ प्रोटेस्ट शुरू कर दिया. सभी इस दौरान उपराज्यपाल से मिलने विधानसभा के लिए निकल पड़े. राजनिवास मार्ग तक सभी ने पैदल मार्च किया. जब उन्हें राजनिवास मार्ग पर रोका गया, तब अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह अपने साथ सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर लेकर आए हैं.

ये भी पढ़ेंः अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आप विधायकों का एलजी कार्यालय की ओर मार्च

सुप्रीम कोर्ट ने 4 जुलाई 2018 को बोला था कि उपराज्यपाल को कोई भी स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार नहीं है. उपराज्यपाल द्वारा फाइल अभी रोकने से सरकार का काम किस कदर प्रभावित होता है, इन सबके बारे में केजरीवाल ने वहां अपनी बात रखी. करीब एक घंटे तक सभी वहां रुके रहे. जब पुलिस के आला अधिकारी ने उन्हें बताया कि दो लोगों को उपराज्यपाल ने मिलने के लिए बुलाया है और मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मिलने जा सकते हैं, तब अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जाएंगे तो सभी विधायक साथ जाएंगे नहीं तो नहीं जाएंगे. उसके बाद जब अनुमति नहीं मिली तो सभी फिर वहां से लौट गए.

ये भी पढ़ेंः ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर दिल्ली विधानसभा पहुंचे बीजेपी विधायक, जानिए वजह

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का एलजी के खिलाफ प्रदर्शन.

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा सत्र की सोमवार को हंगामेदार शुरुआत हुई. सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के विधायक एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. बीजेपी के विधायक दिल्ली में प्रदूषण की बदतर हालत को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराते हुए अपनी बात रखना चाहते थे, तो वहीं आम आदमी पार्टी के विधायक उपराज्यपाल द्वारा सरकार के लिए गए फैसलों को पलटने के विरोध में अपनी बात रखने लगे.

आम आदमी पार्टी के विधायकों की नारेबाजी रुकते नहीं देख विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी. उसके बाद जब दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो फिर आम आदमी पार्टी के विधायक उपराज्यपाल के फैसले तथा हाल ही में दिल्ली के शिक्षकों को विदेश भेजकर ट्रेनिंग की अनुमति नहीं देने की बात को लेकर अध्यक्ष की कुर्सी के सामने आकर नारेबाजी करने लगे. हंगामा शांत होता न देख सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद विधानसभा पहुंचे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित तमाम मंत्री और विधायक उपराज्यपाल द्वारा लिए गए तमाम फैसले के खिलाफ प्रोटेस्ट शुरू कर दिया. सभी इस दौरान उपराज्यपाल से मिलने विधानसभा के लिए निकल पड़े. राजनिवास मार्ग तक सभी ने पैदल मार्च किया. जब उन्हें राजनिवास मार्ग पर रोका गया, तब अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह अपने साथ सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर लेकर आए हैं.

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सुप्रीम कोर्ट ने 4 जुलाई 2018 को बोला था कि उपराज्यपाल को कोई भी स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार नहीं है. उपराज्यपाल द्वारा फाइल अभी रोकने से सरकार का काम किस कदर प्रभावित होता है, इन सबके बारे में केजरीवाल ने वहां अपनी बात रखी. करीब एक घंटे तक सभी वहां रुके रहे. जब पुलिस के आला अधिकारी ने उन्हें बताया कि दो लोगों को उपराज्यपाल ने मिलने के लिए बुलाया है और मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मिलने जा सकते हैं, तब अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जाएंगे तो सभी विधायक साथ जाएंगे नहीं तो नहीं जाएंगे. उसके बाद जब अनुमति नहीं मिली तो सभी फिर वहां से लौट गए.

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