नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा सचिवालय ने हटाए गए रिसर्च फेलो, एसोसिएट फेलो को दोबारा रिपोर्ट करने का आदेश जारी किया है. यह आदेश दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद जारी किया गया है. बीते 21 सितंबर को दिल्ली विधानसभा से हटाए गए रिसर्च फेलो स्कॉलर को दोबारा बहाल करने का आदेश दिल्ली हाईकोर्ट ने जारी किया था. दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल की अनुमति से यह आदेश जारी हुआ है.
अगली सुनवाई तक पदों पर बने रहेंगे: दिल्ली हाईकोर्ट ने 21 सितंबर को आदेश दिया था कि दिल्ली असेंबली रिसर्च फेलो के रूप में लगे प्रोफेशनल इस मामले की अगली सुनवाई तब तक अपने पदों पर बने रहेंगे. अगली सुनवाई 6 दिसंबर को निर्धारित की गई है. उन्हें इन महीनों में स्टाइपेंड राशि दी जाएगी. अदालत ने फेलो की याचिका पर दिल्ली विधानसभा सचिवालय, सर्विसेज और वित्त विभाग को दो सप्ताह के भीतर पक्ष रखने का आदेश भी दिया है.
दिल्ली असेंबली रिसर्च फेलो का अनुबंध 5 जुलाई को उपराज्यपाल के आदेश पर समाप्त कर दिया गया था. इसके बाद दिल्ली विधानसभा अनुसंधान केंद्र के 17 फेलो ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी थी. दिल्ली विधानसभा से हटाए गए रिसर्च फेलो, स्कॉलर याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान तर्क दिया था कि उनके स्टाइपेंड का भुगतान न करना और सेवाओं को बंद करना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और यह शक्ति का दुरुपयोग है. उनका कहना था कि वे दिल्ली असेंबली रिसर्च सेंटर में कार्यरत थे, जो विधानसभा और अध्यक्ष के तत्वावधान में कार्य करता है. उनकी सेवाओं को इस तरह से समाप्त नहीं किया जा सकता है.
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विधानसभा अध्यक्ष ने जताई थी आपत्ति: रिसर्च फेलो को हटाए जाने को लेकर दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने भी एलजी को पत्र लिखकर आपत्ति जताई थी. उन्होंने 7 जुलाई को उपराज्यपाल को पत्र लिखकर कहा था कि दिल्ली विधानसभा के लिए फेलोशिप बंद करने का कोई कारण नहीं है. दिल्ली असेंबली रिसर्च सेंटर के फेलो के खिलाफ की गई कोई भी कार्रवाई दिल्ली असेंबली रिसर्च सेंटर ( डीएआरसी ) के विशेषाधिकार का उल्लंघन और सदन की अवमानना माना जा सकता है.
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