नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने जो 57 सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है. इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि मुस्लिम बहुल इलाके वाले सीटों पर भी बीजेपी ने एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतारा है.
इन विधानसभा सीटों में बहुतायत में रहते हैं मुस्लिम
दिल्ली के मटिया महल, बल्लीमारान, ओखला, सीलमपुर, मुस्तफाबाद, घोंडा यह वे सीटें हैं जहां पर मुस्लिम समुदाय के लोग बहुतायत में रहते हैं. लेकिन इन सीटों पर भी पार्टी ने नहीं उतारा है.
अल्पसंख्यक मोर्चा के महामंत्री बोले
इस बाबत ईटीवी भारत में प्रदेश भाजपा प्रदेश बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के महामंत्री बिलाल जैदी से बातचीत की तो उन्होंने उम्मीद जताई कि बाकी बचे 13 विधानसभा सीटों पर पार्टी हो सकता है, मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतारे. उन्होंने बातचीत में साफ कहा कि पार्टी को मुस्लिम बहुल सीटों पर मुस्लिम चेहरे को उतारना चाहिए था. लेकिन ऐसा नहीं किया तो हो सकता है पार्टी के सर्वे में जो जिताऊ प्रत्याशी हैं उन्हें टिकट दिया गया.
एनआरसी और सीएए का विरोध तो नहीं बना कारण
यह सवाल पूछे जाने पर कि क्या एनआरसी और सीएए को लेकर मुस्लिम समुदाय विरोध कर रहे हैं. इसके चलते पार्टी ने मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतारा? इस पर कोई बिलाल ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया.
उन्होंने कहा यह मसला नहीं है. केंद्र सरकार ने जो भी फैसले लिए हैं वह किसी जाति, धर्म, समुदाय को देखकर नहीं लिए. केंद्र के फैसले से सबको बराबर लाभ मिलता है. बिलाल ने उम्मीद जताई है कि बाकी बचे 13 सीट पर अभी प्रत्याशियों के नाम का ऐलान होना है, तो हो सकता है यहां पर किसी सीट पर मुस्लिम चेहरे को मौका पार्टी दे.
बता दें कि दिल्ली में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या तकरीबन 11 फीसद है. कई सीटें ऐसी है जहां पर मुस्लिमों की संख्या अच्छी खासी हैं और प्रत्याशी को जिताने में इनके वोट मायने रखता है.
मुस्लिम बहुल विधानसभा से इन प्रत्याशियों को पार्टी ने दिया है टिकट-
- मुस्तफाबाद से जगदीश प्रधान
- बाबरपुर से नरेश गौड़
- गोंडा से अजय महावर
- सीलमपुर से कौशल मिश्रा
- मटिया महल से रविंद्र गुप्ता
- बल्लीमारान से लता सोढ़ी
- ओखला से ब्रह्म सिंह