नई दिल्ली: हिन्दी के दिग्गज दक्षिण भारतीय गायक एसपी बालासुब्रमण्यम की सोमवार को पुण्यतिथि है. वह एक बहुमुखी कलाकार थे, जिन्होंने अपनी बेहतरीन आवाज से पांच दशक तक लाखों प्रशंसकों के दिलों पर राज किया. सलमान खान की फिल्मों के लिए कई गानों में अपनी आवाज देने वाले बालासुब्रमण्यम को दिल्ली के लोग भी बड़ी शिद्दत के साथ याद करते हैं.
दिल्ली में रहने वाले मशहूर संतूर वादक और म्यूजिक कंपोजर पंडित अभय रुस्तम सोपोरी ने एसपी बालसुब्रमनियम की पुण्यतिथि पर उनको याद करते हुए बताया कि बालासुब्रमण्यम भारत के बेशुमार प्लेबैक सिंगर थे. हिंदी सिनेमा में इनका बहुत बड़ा योगदान है. इसके अलावा उन्होंने कई अन्य भाषाओं में लिखे गीतों को भी अपनी आवाज दी. जो गाने बालासुब्रमण्यम ने गाए, वह महज गाने ही नहीं बने, बल्कि संस्कृति का हिस्सा बन गए. एक दौर तो ऐसा भी आया, जब सभी गानों की रिकॉर्डिंग बालासुब्रमण्यम द्वारा की जा रही थी और हर गाना सुपरहिट हो रहा था. इन गानों को आज भी लोग याद करते हैं. उन्होंने अपनी करियर की शुरुआत तमिल और तेलुगु भाषा के गानों से की थी, लेकिन जब उन्होंने हिंदी में गाने गाए, तो उनकी पहचान को चार चांद लग गया.
पंडित अभय ने बताया कि बालासुब्रमण्यम ने सलमान खान के कई गाने गए. कहा जाए तो वह सलमान खान की आवाज बन गए थे. चाहे वह 'मैंने प्यार किया' के गाने हों या 'हम आपके हैं कौन' के गाने. इसके अलावा उनका जो गाने का तरीका था, शब्दों को बोलने की शैली या लब्जों के उच्चारण का तरीका था, वह एक शैली बन गई. बालासुब्रमण्यम की शैली को कई लोगों के उसी अंदाज में गाने की कोशिश की. अभय का मानना है कि एक कलाकार के लिए सबसे बड़े गर्व की बात तब होती है, जब लोग उसको कॉपी करने लगे. उन्होंने देश को न सिर्फ गाने दिए, बल्कि गानों की एक शैली भी दी है.
बता दें कि बालासुब्रमण्यम ने बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर के लिए 6 बार नेशनल फिल्म अवॉर्ड जीते. साथ ही उनको 2001 में पद्मश्री और 2011 में पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. दक्षिण भारत में पहचान बना चुके बालासुब्रमण्यम ने 1981 में आई हिंदी फिल्म 'एक दूजे के लिए' के लिए पहली बार हिंदी में गाना गाया. कमल हासन, रजनीकांत, एमजीआर से लेकर सलमान खान और शाहरुख खान तक भारत के लगभग हर सुपरस्टार के लिए एसपी बालासुब्रमण्यम ने गाना गाया.
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वहीं, पश्चिम दिल्ली के गांधर्व संगीत महाविद्यालय में शास्त्रीय संगीत की अध्यापिका और युवा गायिका सावानी मुद्गल ने बताया कि डॉ. बालासुब्रमण्यम ने न केवल साउथ की भाषाओं में गीत गाए, बल्कि हिंदी गानों को भी आवाज दी। वो एक ऐसे गायक थे, जो हर शैली के सिंगर के लिए प्रेरणा का विशेष चेहरा थे और रहेंगे।
मशहूर गायिका विधि शर्मा ने डॉ बालासुब्रमण्यम को याद करते हुए बताया कि आज उन्होंने फेमस गायक एसपी बालासुब्रमण्यम को उनकी पुण्यतिथि के दिन याद किया और उनके गानों को गुनगुनाया. उन्होंने बताया कि बालासुब्रमण्यम के सभी गीतों ने लाखों करोड़ों लोगों के मन को छुआ है. आज उनकी पुण्यतिथि में एक गायिका होने के नाते उनको कोटि कोटि नमन करती हूं.
सिंगर नहीं बनना चाहते थे बालासुब्रमण्यम
एसपी बालासुब्रमण्यम कभी सिंगर नहीं बनना चाहते थे. वो इंजीनियर बनने का सपना देखते थे. इंजीनियरिंग के दौरान टाइफाइड की वजह से बालासुब्रमण्यम को पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी थी, जिसे बाद में उन्होंने पूरा किया. पढ़ाई के साथ वह कई सारी संगीत प्रतियोगिता में भी भाग लेते और जीत भी जाते थे. करियर की शुरुआत से लेकर आखिरी वक्त तक वो कई तमिल और तेलुगु फिल्मों में काम करते रहे. गायक होने के साथ-साथ बालासुब्रमण्यम संगीतकार, संगीत निर्देशक, अभिनेता, डबिंग कलाकार और फिल्म निर्माता भी थे. उनके दोस्त उन्हें प्यार से 'बालू' कहते थे. एसपी बालासुब्रमण्यम के पिता स्वर्गीय एसपी सांबामूर्ति भी एक कलाकार थे, जिन्होंने नाटकों में अभिनय किया था. उनकी माता शकुंतलम्मा गृहणी थी. उनके दो भाई और पांच बहनें हैं, जिनमें गायक एसपी शैलजा भी शामिल हैं.
बता दें कि 25 सितंबर 2020 को कोरोना महामारी की चपेट में आने से उनका देहांत हो गया था. बालासुब्रमण्यम का जन्म 4 जून 1946 को हुआ था. उन्होंने अपने पूरे संगीतमय जीवन में तेलुगु, तमिल, मलयालम, कन्नड़ और हिंदी सहित 16 भाषाओं में 40,000 से अधिक गाने गाए. उन्होंने एक दिन में सबसे अधिक गाने का रिकॉर्ड करने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी जीता था.
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