नई दिल्ली: बरसों पुरानी कई मूलभूत मांगों को लेकर एम्स के लगभग 16 हजार कर्मचारी 52 दिन बाद एक साथ हड़ताल पर जा सकते हैं. इन 16 हजार कर्मचारियों, नर्सिंग स्टाफ का प्रतिनिधित्व करने वाली तीनों एसोसिएशन ने मिलकर 25 अक्टूबर से एम्स में हड़ताल करने की अग्रिम सूचना एम्स प्रशासन को दी है.
नर्सिंग स्टाफ यूनियन के अध्यक्ष हरीश काजला ने कहा कि हमने सारे लीगल पॉइंट को देखते हुए हड़ताल को करने का फैसला लिया है. इसके लिए निर्धारित 42 दिन का मिनिमम समय से 12 दिन आगे का समय लेकर हड़ताल करने का फैसला लिया है, जिससे कि एम्स प्रशासन को भी समय मिल सके और वह हमारी मांग को लेकर जरूरी कदम उठा सके.
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ऑफिसर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अजीत सिंह ने कहा कि यह हड़ताल नहीं, बल्कि अस्तित्व बचाने की लड़ाई है. जब कर्मचारी को ही किसी टेस्ट के लिए 1 महीने की डेट कम से कम मिलती है, तो और क्या उम्मीद रख सकते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सीएचएस में दवाइयां नहीं मिलती, कर्मचारी जानकार का कार्ड नहीं बनवा सकते हैं, तो और क्या उम्मीद की जा सकती है.
कर्मचारी यूनियन के प्रेसिडेंट सत्य प्रकाश कालिया ने कहा कि जो भी फाइलें यहां से आगे बनकर जाती हैं, वह एम्स प्रशासन से हेल्थ मिनिस्ट्री में जाकर रुक जाती हैं. कभी हेल्थ मिनिस्ट्री से निकलकर फाइनेंस मिनिस्ट्री पहुंचती हैं, तो वहां अटक जाती हैं. जिसका परिणाम जीरो रिजल्ट के रूप में सामने आता है.
उन्होंने कहा कि यही कारण है कि हम तीनों यूनियन ने सालों से चली आ रही पेंडिंग मांग को लेकर एक साथ मिलकर 25 अक्टूबर से हड़ताल करने का कड़ा फैसला लिया है।.इससे संबंधित जॉइंट लेटर एम्स प्रशासन को इसलिए दिया गया, जिससे की यह ना कहा जाए कि अचानक हड़ताल का फैसला ले लिया गया.