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धूम्रपान फ्री बना दिल्ली का एम्स परिसर, तंबाकू खाने और सिगरेट पीने पर लगेगा जुर्माना - अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान

दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences) एम्स को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए इसे तंबाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है. यहां प्रतिदिन 40 हजार लोगों का आना-जाना लगा रहता है, इसलिए इसे गंदगी और प्रदूषण मुक्त रखने के लिए ये निर्णय लिया गया है. अब परिसर में तंबाकू चबाते या घूम्रपान करते कोई पकड़ा जाएगा तो उस पर 200 रुपये जुर्माना (fine will be imposed on eating tobacco) लगेगा.

धूम्रपान फ्री बना दिल्ली का एम्स परिसर
धूम्रपान फ्री बना दिल्ली का एम्स परिसर
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Published : Dec 16, 2022, 10:03 AM IST

नई दिल्ली : देश की राजधानी के सबसे प्रतिष्ठित अस्पताल All India Institute of Medical Sciences यानी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को तंबाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है. अब यदि कोई इस परिसर में इसका सेवन करता पाया जाएगा तो उसके इस कृत्य को दंडनीय अपराध माना जाएगा और इसका उल्लंघन करने वाले पर 200 रुपये का जुर्माना (fine will be imposed on eating tobacco) लगाया जाएगा. अस्पताल ने कहा है कि परिसर में धूम्रपान या तंबाकू चबाते पाए जाने वाले डॉक्टरोंं, स्थायी या संविदा कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


रोजाना 10 से 12 हजार मरीज आते हैं ओपीडी में : एम्स प्रशासन जल्द ही इसके बारे में आदेश जारी कर सकता है. इसलिए एम्स में यदि इलाज के लिए जाते हैं और धूम्रपान करने की आदत है जो जरा संभल जाएं. एम्स प्रशासन का फैसला लागू होने के बाद एम्स में धूम्रपान करना जेब पर भारी पड़ सकता है. एम्स में प्रतिदिन 10 से 12 हजार मरीज ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचते हैं. दिल्ली एम्स में रोजाना 40 हजार लोगों की आवाजाही रहती है.

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40 हजार लोगों का रोज होता है आना-जाना : दो हजार से ज्यादा मरीज हर वक्त अस्पताल में भर्ती रहते हैं. हर मरीज के साथ एक से दो तीमारदार भी होते हैं. इस तरह मरीजों और तीमारदारों को मिलाकर एम्स में प्रतिदिन करीब 20 हजार लोगों की भीड़ होती है. इसके अलावा एम्स में करीब 1800 हजार कर्मचारी, मेडिकल व नर्सिंग के छात्र हैं. लिहाजा एम्स में प्रतिदिन करीब 40 हजार लोगों की आवाजाही होती है. कई लोग एम्स में धूमपान करते देखे भी जाते हैं.


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नई दिल्ली : देश की राजधानी के सबसे प्रतिष्ठित अस्पताल All India Institute of Medical Sciences यानी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को तंबाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है. अब यदि कोई इस परिसर में इसका सेवन करता पाया जाएगा तो उसके इस कृत्य को दंडनीय अपराध माना जाएगा और इसका उल्लंघन करने वाले पर 200 रुपये का जुर्माना (fine will be imposed on eating tobacco) लगाया जाएगा. अस्पताल ने कहा है कि परिसर में धूम्रपान या तंबाकू चबाते पाए जाने वाले डॉक्टरोंं, स्थायी या संविदा कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


रोजाना 10 से 12 हजार मरीज आते हैं ओपीडी में : एम्स प्रशासन जल्द ही इसके बारे में आदेश जारी कर सकता है. इसलिए एम्स में यदि इलाज के लिए जाते हैं और धूम्रपान करने की आदत है जो जरा संभल जाएं. एम्स प्रशासन का फैसला लागू होने के बाद एम्स में धूम्रपान करना जेब पर भारी पड़ सकता है. एम्स में प्रतिदिन 10 से 12 हजार मरीज ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचते हैं. दिल्ली एम्स में रोजाना 40 हजार लोगों की आवाजाही रहती है.

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40 हजार लोगों का रोज होता है आना-जाना : दो हजार से ज्यादा मरीज हर वक्त अस्पताल में भर्ती रहते हैं. हर मरीज के साथ एक से दो तीमारदार भी होते हैं. इस तरह मरीजों और तीमारदारों को मिलाकर एम्स में प्रतिदिन करीब 20 हजार लोगों की भीड़ होती है. इसके अलावा एम्स में करीब 1800 हजार कर्मचारी, मेडिकल व नर्सिंग के छात्र हैं. लिहाजा एम्स में प्रतिदिन करीब 40 हजार लोगों की आवाजाही होती है. कई लोग एम्स में धूमपान करते देखे भी जाते हैं.


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