नई दिल्ली: देश की राजधानी में कोरोना के कारण लगातार हो रही मौत के पीछे के कारणों की पड़ताल करने और मौत पर लगाम लगाने के मद्देनजर दिल्ली सरकार की तरफ से बीते हफ्ते 4 समितियों का गठन किया गया था. इन चारों समितियों को 10 अस्पतालों में कोरोना के कारण होने वाली मौत के कारणों का अध्य्यन करने की जिम्मेदारी दी गई थी. इन समितियों ने बुधवार शाम मुख्यमंत्री केजरीवाल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.
बढ़ाया जाए प्लाज्मा का इस्तेमाल
जीटीबी अस्पताल के लिए समिति की तरफ से कहा गया है कि कोविड वार्डों को शुरुआती जांच के लिए एचएफएनओ या बीआईपीपी मशीनों से लैस किया जाना चाहिए. ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि गंभीर मरीज जल्द से जल्द आइसीयू तक पहुंचें. समिति ने कोरोना मरीजों के इलाज में जल्द से जल्द प्लाज्मा का उपयोग बढ़ाने की भी सिफारिश की है.
'आईसीयू बेड्स में बढ़ोतरी'
समिति ने सफदरजंग अस्पताल के लिए अपनी सिफारिश में कहा है कि यहां मरीजों का तत्काल पता लगाने और उन्हें वार्ड से क्रिटिकल एरिया में शिफ्ट करने के लिए चेतावनी स्कोर कार्ड का उपयोग किया जाना चाहिए. साथ ही, अधिक खतरे वाले मामलों को आइसीयू या एचडीयू में जरूरत के हिसाब से ट्रांसफर किया जाना चाहिए और जरूरत के अनुसार आईसीयू बेड्स की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है.
सर गंगाराम के लिए सिफारिश
दिल्ली के सबसे बड़े कोरोना अस्पताल लोकनायक अस्पताल के लिए भी समिति ने यही सिफारिश की है. वहीं, सर गंगा राम अस्पताल के लिए समिति की तरफ से कहा गया है कि लम्बे समय तक वेंटिलेशन पर रह रहे मरीजों में जटिलताओं का शिघ्र पता लगाया जाए. बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट और जयपुर गोल्डन अस्पताल के लिए एचएफएनसी के इस्तेमाल की सिफारिश की गई है.
कल हुई थी 11 मौत
इन रिपोर्टर्स के मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तत्काल प्रभाव से कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि अब हमें कोरोना से मौत के आंकड़े को शून्य पर लाने के किए काम करना है. आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों में हर दिन कोरोना से होने वाली मौत के मामलों में कुछ कमी आई है. बीते दिन के हेल्थ बुलेटिन के अनुसार ये संख्या 11 थी.