नई दिल्लीः दिल्ली बाल संरक्षण एवं अधिकार आयोग ने आंगनबाड़ियों में सूखे राशन वितरण की स्थिति की जांच के लिए रैपिड रिस्पॉन्स सर्वे का आयोजन किया है. जो की आंगनबाड़ियों में यह जांचेगी कि लाभार्थियों को सही और पर्याप्त मात्रा में राशन मिल रहा है या नहीं. इन लाभार्थियों में गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली महिलाएं और 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चे शामिल है.
85 फीसदी लाभार्थियों को मिला सूखा राशन
डीसीपीसीआर द्वारा बनाई गई रैपिड रिस्पांस टीम दिल्ली के 12 क्षेत्रों में राशन वितरण की जांच करेगी. जिसमें अमन विहार, चांदनी चौक, रोहिणी, शकूरपुर, ओखला, पटपड़गंज, भाटी माइंस, बाबरपुर, नजफगढ़, बरारी, शिव विहार और सीमापुरी इलाके शामिल है. डीसीपीसीआर के सर्वेक्षण के मुताबिक मई 2020 में 44 फीसदी की वृद्धि के साथ 85 फीसदी लाभार्थियों को सूखा राशन मिला है. लॉकडाउन के चलते सेवाएं बाधित होने के कारण लाभार्थियों को सूखा राशन कई इलाकों में 98 फीसदी तक सूखा राशन वितरित किया गया है, जिसमें दिल्ली का शिव विहार क्षेत्र शामिल है.
हर एक लाभार्थी को पोषण पहुंचाना डीसीपीसीआर का लक्ष्य
डीसीपीसीआर के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने बताया कि सूखे राशन में मां और बच्चे के लिए भुना हुआ चना, दलिया काला चना, गुड़, दिया जा रहा है. डीसीपीसीआर का लक्ष्य है कि हर एक लाभार्थी को नीतिगत तरीके से पोषण मिले. जिसके लिए वैश्विक महामारी के चलते हुए लॉकडाउन में भी लगातार मई महीने से जनवरी तक सूखा राशन गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए राशन वितरित किया गया है.