नई दिल्ली: राजधानी में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में सबसे ज्यादा अपराध छोटे बच्चों के साथ हो रहे हैं. यह खुलासा प्रजा फाउंडेशन के द्वारा आरटीआई से जुटाई गई जानकारी में हुआ है. इसके आंकड़े बताते हैं कि साल 2018-19 के दौरान दुष्कर्म की 63 फीसदी वारदातें नाबालिग के साथ हुई हैं. इतना ही नहीं पिछले 3 साल की बात करें तो प्रत्येक साल बच्चों का प्रति होने वाले यौन शोषण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं.
नबालिगों के साथ सबसे ज्यादा अपराधिक मामले दर्ज
जानकारी के मुताबिक प्रजा फाउंडेशन ने राजधानी में अप्रैल 2018 से लेकर मार्च 2019 के बीच हुए अपराधों को लेकर रिपोर्ट जारी की है. इसमें बताया गया है कि राजधानी में इस अवधि के दौरान दुष्कर्म की 1965 वारदातें हुई हैं. जिनमें से 63 फीसदी वारदातें छोटे बच्चों के साथ या कहें नाबालिगों के साथ हुई है. आंकड़े बताते हैं कि साल 2018-19 में पॉक्सो के तहत 1237 मामले दर्ज किए गए हैं. यह अपने आप में हैरान करने वाला आंकड़ा है क्योंकि प्रत्येक साल इसमें बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.
बाहरी दिल्ली में महिला अपराध सबसे ज्यादा
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि महिलाओं के प्रति सबसे ज्यादा अपराध बाहरी दिल्ली में हुए हैं. बाहरी दिल्ली में सबसे ज्यादा दुष्कर्म की 218, छेड़छाड़ की 378 और बहला-फुसलाकर भगाने के 863 मामले दर्ज हुए हैं. वहीं चोरी कर मामलों में सबसे ज्यादा घटनाएं उत्तर-पश्चिम जिला में हुई जिनकी संख्या 12,875 हैं.
अपहरण के 94 फीसदी मामले बच्चों के साथ
प्रजा फाउंडेशन की रिपोर्ट में बताया गया है कि अपहरण और बहला-फुसलाकर भगाने के कुल मामले में से 94 फीसदी बच्चों के साथ हुए हैं. साल 2018-19 के दौरान कुल 5555 बच्चों का अपहरण हुआ है. इनमें से 70 फीसदी मामलों में लड़कियों का अपहरण किया गया है.
पुलिस नहीं कर पाई समय पर जांच
दिल्ली पुलिस को लेकर प्रजा फाउंडेशन की रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2017 में 4,02,512 मामलों की जांच पुलिस द्वारा की जानी थी. इनमें से 35 फीसदी मामलों में साल के अंत तक जांच पूरी नहीं हो पाई थी.
इसकी एक बड़ी वजह पुलिसकर्मियों की कमी है. साल 2018-19 के दौरान दिल्ली पुलिस में 11 फीसदी पुलिसकर्मियों की कमी थी. वहीं इस समय में जांच अधिकारी की 36 फीसदी कमी थी.