नई दिल्ली: राजधानी में लगातार बढ़ते साइबर अपराधों को लेकर दिल्ली पुलिस ने 1 दिसंबर 2021 को राजधानी के प्रत्येक जिले में एक साइबर थाना प्रारंभ किया था. 1 साल में साइबर थानों में 14 सौ से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए. इस दौरान करीब 548 मुकदमे दिल्ली पुलिस द्वारा सुझाए गए, जिसमें 15 सौ से अधिक गिरफ्तारियां की गई है. इस दौरान आंकड़ों में साफ दिखा कि दिल्ली के संपन्न इलाकों में साइबर अपराध अधिक है. इसमें न केवल साइबर ठगी बल्कि साइबरबुलीइंग और सेक्सटॉर्शन जैसे मामले भी शामिल हैं.
आंकड़ों के अनुसार, साइबर पुलिस थानों के संचालन के एक वर्ष में 1,477 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और 548 मामले सुलझाए गए हैं. इन पुलिस थानों में आमतौर पर ईमेल और सोशल मीडिया धोखाधड़ी, डेटा चोरी, रैंसमवेयर, एटीएम और क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, बीमा घोटाला, लॉटरी घोटाला, सेक्सटॉर्शन, चीनी ऋण ऐप घोटाला और बच्चों के मामले सामने आए हैं. साइबर सेल के पुलिस उपायुक्त प्रशांत गौतम के अनुसार, ऐसे मामलों में जहां चाइल्ड पोर्नोग्राफी या बच्चे के ऑनलाइन उत्पीड़न की सूचना दी जाती है.
पुलिस को शिकायत पर कार्रवाई करने और 24 घंटे के भीतर पीड़ित और सिम प्रदाता से संपर्क करने के लिए बाध्य किया जाता है. उन्होंने कहा, "अगर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है, तो 14 दिनों के भीतर कार्रवाई की गई रिपोर्ट दर्ज करना अनिवार्य है. उन्होंने बताया कि ज्यादातर शिकायतकर्ता महिलाएं और नाबालिग है. शिकायतें कोविड काल के बाद बढ़ी है. अधिकांश धोखाधड़ी में कोई परिष्कृत तकनीक नहीं है. अधिकांश लोग भुगतान ऑनलाइन मोड का उपयोग कर करते हैं, जो साइबर अपराधों में वृद्धि का एक और कारण है.
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क्या करें- साइबर अपराधों को लेकर स्थानीय पुलिस और अन्य एजेंसियां लगातार लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है. साइबर एक्सपर्ट हिमांशु मिश्रा बताते हैं कि जब भी आपको यह लगे कि आप किसी साइबर अपराध का शिकार होने वाले हैं तो सबसे पहले बिना डरे स्थानीय पुलिस को उसकी सूचना दें. साथ ही प्रयास करें कि अपनी निजी जानकारियां अनजान व्यक्तियों को ना दें. सेक्सटॉर्शन का शिकार होने पर आरोपियों की मांगें माने जाने पर आप अधिक मुसीबत में फंस सकते हैं, इसलिए धमकियों पर बिना ध्यान दिए अपने परिवार और पुलिस को इसकी सूचना जरूर दें.
क्या नहीं करें
- सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती से पहले अपने स्तर पर भी जांच पड़ताल करें
- किसी भी अनजान व्यक्ति से अपनी निजी जानकारी या घर का पता साझा ना करें
- कभी भी मुलाकात के लिए किसी सार्वजनिक स्थल का ही चयन करें
- जब तक मिलने वाले व्यक्ति की पूरी जानकारी आपको ना मिले तब तक किसी भी निजी स्थान पर मिलने के लिए ना जाएं
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हिमांशु मिश्रा, साइबर विशेषज्ञ- साइबर अपराध बढ़ने का कारण ही ठगों का नेटवर्क तेजी से फैलना है। आरोपियों द्वारा अपना नेटवर्क बढ़ने का उन्हें बड़ा फायदा मिलता है। नेटवर्क बड़ा होने के चलते ठग पुलिस की पकड़ से बचे रहते है, क्योंकि आरोपी नए लोगों के जरिए ही ठगी करते है, ठग बैंक अकाउंट, फोन, सिम कार्ड और पीड़ितों से बात करने के लिए इन्हीं लोगों का इस्तेमाल करते है. जिसके चलते वह खुद पुलिस से बचकर निकल जाते है.
जिले एफआईआर केस निस्तारित गिरफ्तारी लंबित मामले
आउटर 77 36 94 41
आउटर नॉर्थ 59 20 227 39
साउथ 123 52 137 71
साउथ ईस्ट 165 48 122 117
साउथ वेस्ट 73 27 52 46
नॉर्थ वेस्ट 74 42 129 32
नॉर्थ ईस्ट 42 22 77 20
सेंट्रल 63 32 n/a 31
ईस्ट 61 30 62 31
द्वारका 136 42 99 94
शाहदरा 160 41 91 119
रोहिणी 122 53 221 69
नई दिल्ली 47 16 34 31
वेस्ट 139 33 64 106
नॉर्थ 136 54 107 82
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