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कोरोना का असर: बाजार में नहीं बिक रहे तिरंगे, फीकी पड़ी रौनक

हर साल स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा बेचने वाले छोटे कारोबारियों आजीविका कमाने के लिए सुनहरा मौका रहता था. लेकिन इस साल कोरोना के कारण बहुत कम खरीदार ही तिरंगा लेने आ रहे हैं. सुनिए इसको लेकर तिरंगा बेचने वाली मनीषा का क्या कहना है.

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Published : Aug 14, 2020, 7:59 PM IST

customers are not buying flags for independence day due to corona in delhi
कोरोना के कारण इस बार नहीं खरीद रहा कोई तिरंगा

नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस आते ही हर जगह तिरंगा लहराने लगता है. और लोग आजादी को याद करते हुए देश की आन, बान और शान का प्रतीक तिरंगा अपने घरों की छत, ऑफिस और गाड़ियों में लहराते हैं. ऐसे में यह तिरंगा कई लोगों के लिए आजीविका का साधन भी बनता है. इसीलिए हमें सड़कों, फुटपाथ और रेड लाइट पर तिरंगे बेचने वाले भी बड़ी संख्या में नजर आते हैं. लेकिन मौजूदा हालात में कोरोना के कारण ये लोग तिरंगा नहीं बेच पा रहे हैं और अगर कुछ लोग तिरंगा बेच भी रहे हैं, तो उन्हें खरीदार बहुत कम मिल रहे हैं.

कोरोना के कारण इस बार नहीं खरीद रहा कोई तिरंगा

हर साइज के तिरंगे हैं मौजूद


दक्षिण दिल्ली के इलाके में फुटपाथ पर तिरंगा बेच रही मनीषा ने ईटीवी भारत को बताया कि 5 दिन पहले उन्होंने तिरंगे झंडे की दुकान लगाना शुरू किया है. लेकिन इस बार बहुत कम लोग हैं, जो तिरंगा खरीद रहे हैं. उनके पास अलग-अलग साइज और अलग-अलग दाम वाले तिरंगे हैं. छोटे-बड़े हर एक प्रकार के लेकिन लोग तिरंगा नहीं ले रहे हैं.

बहुत कम लोग ले रहे तिरंगा

जहां पहले बाइक, ऑटो, बस, रिक्शा, चालक, तिरंगा खरीदते थे और अपने वाहनों पर लगाते थे. लेकिन अब बहुत कम लोग हैं जो तिरंगा ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके परिवार में सास-ससुर, छोटी बच्ची है. जिनके लिए आजीविका कमाने के लिए वह तिरंगा बेच रही हैं, इसके अलावा कुछ अन्य सामान भी बेच कर ही अपना गुजारा करती हैं.

आजीविका कमाने के लिए लोग परेशान


स्वतंत्रता दिवस आते ही खास तौर पर छोटे रेहड़ी पटरी वाले कारोबारियों के लिए सुनहरा मौका होता है. जब वह 15 अगस्त की सजावट से जुड़ा सामान और तिरंगा बेच कर अपना रोजगार कमा लेते हैं. लेकिन मौजूदा हालात में हर एक त्योहार और बाजारों की हालत भी खस्ता बनी हुई है. हर कोई अपनी आजीविका कमाने के लिए परेशान है. और यही नजारा स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा बेचने वालों का बना हुआ है.

नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस आते ही हर जगह तिरंगा लहराने लगता है. और लोग आजादी को याद करते हुए देश की आन, बान और शान का प्रतीक तिरंगा अपने घरों की छत, ऑफिस और गाड़ियों में लहराते हैं. ऐसे में यह तिरंगा कई लोगों के लिए आजीविका का साधन भी बनता है. इसीलिए हमें सड़कों, फुटपाथ और रेड लाइट पर तिरंगे बेचने वाले भी बड़ी संख्या में नजर आते हैं. लेकिन मौजूदा हालात में कोरोना के कारण ये लोग तिरंगा नहीं बेच पा रहे हैं और अगर कुछ लोग तिरंगा बेच भी रहे हैं, तो उन्हें खरीदार बहुत कम मिल रहे हैं.

कोरोना के कारण इस बार नहीं खरीद रहा कोई तिरंगा

हर साइज के तिरंगे हैं मौजूद


दक्षिण दिल्ली के इलाके में फुटपाथ पर तिरंगा बेच रही मनीषा ने ईटीवी भारत को बताया कि 5 दिन पहले उन्होंने तिरंगे झंडे की दुकान लगाना शुरू किया है. लेकिन इस बार बहुत कम लोग हैं, जो तिरंगा खरीद रहे हैं. उनके पास अलग-अलग साइज और अलग-अलग दाम वाले तिरंगे हैं. छोटे-बड़े हर एक प्रकार के लेकिन लोग तिरंगा नहीं ले रहे हैं.

बहुत कम लोग ले रहे तिरंगा

जहां पहले बाइक, ऑटो, बस, रिक्शा, चालक, तिरंगा खरीदते थे और अपने वाहनों पर लगाते थे. लेकिन अब बहुत कम लोग हैं जो तिरंगा ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके परिवार में सास-ससुर, छोटी बच्ची है. जिनके लिए आजीविका कमाने के लिए वह तिरंगा बेच रही हैं, इसके अलावा कुछ अन्य सामान भी बेच कर ही अपना गुजारा करती हैं.

आजीविका कमाने के लिए लोग परेशान


स्वतंत्रता दिवस आते ही खास तौर पर छोटे रेहड़ी पटरी वाले कारोबारियों के लिए सुनहरा मौका होता है. जब वह 15 अगस्त की सजावट से जुड़ा सामान और तिरंगा बेच कर अपना रोजगार कमा लेते हैं. लेकिन मौजूदा हालात में हर एक त्योहार और बाजारों की हालत भी खस्ता बनी हुई है. हर कोई अपनी आजीविका कमाने के लिए परेशान है. और यही नजारा स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा बेचने वालों का बना हुआ है.

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