नई दिल्ली: चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) का अनुमान है कि भारत और कनाडा के बीच उत्पन्न विवाद का असर व्यापार जगत पर भी पड़ सकता है. देश में मसूर की दाल का सबसे बड़ा हिस्सा कनाडा से इंपोर्ट होता है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टूडो ने भारत पर आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या का सनसनीखेज आरोप लगाया है. इससे भारतीय व्यापारी भी नाराज हैं.
चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि कनाडा को आर्थिक रूप से सबक सिखाने की जरूरत है. सीटीआई ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है. इसमें बृजेश गोयल ने कहा कि कनाडा खालिस्तानी आतंकियों का गढ़ बनता जा रहा है. वहां खुलेआम हिन्दुस्तान विरोधी पोस्टर लग रहे हैं. भारतीय दूतावास पर प्रदर्शन करते हैं. जस्टिन टूडो वहां होने वाले चुनाव की वजह से भारत पर मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं. अब कनाडा की आर्थिक रूप से कमर तोड़ने की आवश्यकता है.
बृजेश ने बताया कि भारत में सालना लगभग 23 लाख टन मसूर दाल की खपत होती है. घरेलू स्तर पर सालाना लगभग 15-16 लाख टन मसूर दाल का उत्पादन होता है और बाकी का आयात किया जाता है. पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने कनाडा से 37 करोड़ डॉलर मूल्य के 4.85 लाख टन मसूर दाल का आयात किया था.
गोयल ने केंद्र सरकार से वैकल्पिक देशों से आयात होने वाली दाल की इंपोर्ट ड्यूटी घटाने की मांग की. अमेरिका से दाल आयात पर 30 प्रतिशत का शुल्क लगता है, जिसे खत्म करने की मांग की. ताकि अमेरिका से दाल का आयात हो सकें. इसके अलावा रूस, सिंगापुर और तुर्किये जैसे देशों से भी मसूर दाल के इंपोर्ट की संभावना तलाशे जाने की मांग की.
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