नई दिल्ली: व्यापारियों के संगठन चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने प्रधानमंत्री मोदी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर मांग की है कि केंद्र सरकार चीनी उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगाए. सीटीआई के संयोजक बृजेश गोयल ने कहा है कि चीन न केवल कोरोना महामारी का जनक है, बल्कि हमारे देश का सबसे बड़ा दुश्मन भी है.
'चीन को सबक सिखाना जरूरी'
हाल में गलवान घाटी में चीन द्वारा की गई कायरतापूर्ण हरकत का जिक्र करते हुए सीटीआई ने इस पत्र के जरिए कहा है कि चीन को सबक सिखाने के लिए उसकी अर्थव्यवस्था को कमजोर करना सबसे महत्वपूर्ण है. 2019-20 में भारत ने चीन से लगभग 65 बिलियन डॉलर का सामान आयात किया है और भारत चीन का बहुत बड़ा बाजार है.
'लम्बी योजना की तैयारी'
इस पत्र में कहा गया है कि चीनी उत्पादों की निर्भरता रातों रात खत्म नहीं हो सकती, इसके लिए एक लंबी योजना तैयार करनी होगी और इसके लिए 3 चरणों में लघु , मध्यम और दीर्घकालिक स्तरीय रणनीति बनानी पड़ेगी. ऐसी वस्तुएं जो भारत में भी बन रहीं हैं, जैसे खिलौने, कपड़ा, जूते, इलेक्ट्रिक आइटम और कॉस्मेटिक आदि, सबसे पहले इनके आयात पर प्रतिबंध की जरूरत है.
'चरणबद्ध तरीके से लगे प्रतिबंध'
ऑटो पार्ट्स , मशीनरी और इंजीनियरिंग पार्ट्स को बैन किया जाना चाहिए, क्योंकि इनके लिए चीन पर हमारी निर्भरता को खत्म करने के लिए अन्य विकल्प तलाशना और भारत में इनका बेहतर तकनीक विकसित करना जरूरी होगा. वहीं, उच्च टैक्नोलॉजी की वस्तुओं का चीन से आयात रोकने के लिए दूसरे देशों से इसका विकल्प तलाशना और भारत को एक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को प्रोत्साहन देना होगा.
'समीक्षा के लिए गठित हो पैनल'
इसके अलावा व्यापारियों के इस संगठन ने यह मांग भी की है कि भारत सरकार चीनी कंपनियों को सड़क, रेल परियोजना और निर्माण परियोजनाओं में ठेके देना बंद करे. साथ ही, भारत-चीन व्यापार के मुद्दे पर समीक्षा के लिए एक्सपर्ट्स, नौकरशाहों और व्यापार व उद्योग संगठनों से जुड़े लोगों को मिलाकर एक पैनल या कमेटी का गठन किया जाए.