नई दिल्ली: क्रिप्टो करेंसी में फायदे का झांसा देकर लोगों से करोड़ों रुपए की जालसाजी कर आरोपी दुबई भाग गया. वहां से लौटते ही उसे आर्थिक अपराध शाखा ने दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी की पहचान उमेश वर्मा के रूप में हुई है. ईओडब्ल्यू के अनुसार आरोपी ने लोगों को प्रत्येक महीने 20 से 30 फीसदी मुनाफे का झांसा देकर उनसे ठगी की थी.
2017 में शुरू की थी 'प्लूटो एक्सचेंज' क्रिप्टो करेंसी
संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार, जोगिंदर कुमार और अन्य लोगों ने आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि उमेश वर्मा और उसके बेटे भारत वर्मा ने एक क्रिप्टो करेंसी 'प्लूटो एक्सचेंज' के नाम से शुरू की थी. उन्होंने 20 से 30 फीसदी प्रत्येक महीना मुनाफे का झांसा देकर लोगों से पैसे लगवाए. उन्हें यह भी कहा गया कि वह जब अन्य लोगों को उनके पास रुपये लगाने के लिए लाएंगे तो उन्हें इसके लिए कमीशन भी दिया जाएगा. उन्होंने 2017 में बड़ी मात्रा में इस कंपनी में पैसे लगाए लेकिन उन्हें ना तो रुपए वापस मिले और ना ही किसी प्रकार का मुनाफा हुआ. इसके अलावा कंपनी की तरफ से जो चेक दिया गया, वह भी बाउंस हो गया.
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एयरपोर्ट से गिरफ्तार हुआ दुबई से लौटा आरोपी
ठगी के बाद आरोपी दफ्तर बंद कर फरार हो गए थे. आरोपी दुबई में छिपा हुआ था. अब तक आर्थिक अपराध शाखा के पास लगभग 45 लोगों की शिकायत आई है जिनसे 2.5 करोड रुपए की ठगी की गई है. आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले को लेकर 2020 में मामला दर्ज किया था. उन्हें पता चला कि उमेश वर्मा इस कंपनी का मालिक था. उसने कनॉट प्लेस में ठगी के लिए दफ्तर खोला था. इस मामले में एसीपी कैलाश चंद्र की देखरेख में एसआई दीपक और सिपाही मनीष फोगाट की टीम पूरे मामले की छानबीन कर रही थी. पुलिस टीम ने उसे दुबई से एयरपोर्ट आने पर गिरफ्तार कर लिया.
डीयू से पढ़ा आरोपी पहले भी हो चुका गिरफ्तार
आरोपी दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ा हुआ है. वह पहले ग्रीटिंग कार्ड और ज्वेलरी का कारोबार करता था. इसमें उसे काफी घाटा हुआ. इसके बाद उसने लोगों को ठगी करने के इरादे से क्रिप्टो करेंसी लॉन्च की थी. उसे 2017 में डीआरआई द्वारा भी गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद क्रिप्टो करेंसी के नाम पर लोगों से बड़ी मात्रा में ठगी कर वह दुबई भाग गया था. वहां आरोपी अपना कारोबार कर रहा था. पुलिस उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है.