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आयुष्मान भारत योजना में लोगों के इलाज के नाम पर हो रहा करोड़ों का घोटाला: प्रियंका कक्कड़

आम आदमी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना पर सवाल उठाया है. उन्होंने पीएम मोदी से कई रिपोर्ट और आंकड़ों के माध्यम से प्राप्त हुए डाटा के आधार पर सवाल उठाया. कक्कड़ ने मोदी सरकार से आयुष्मान भारत योजना के फर्जीवाड़े को लेकर सवाल किया है.

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Published : Aug 11, 2023, 10:32 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. इसी कड़ी में अब आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना को फर्जीवाड़े का अड्डा बताया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना में 1.68 करोड़ फर्जी अकाउंट हैं. लोगों के इलाज के नाम पर करोड़ों का घोटाला हो रहा है. सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक योजना के 11 करोड़ बेनिफिसियरीज में से करीब 3.67 करोड़ संदिग्ध और 1.69 करोड़ फर्जी अकाउंट हैं.

फर्जी मरीज के साथ फर्जी हॉस्पिटल भी शामिल: सीएजी के मुताबिक, पूरे देश में आयुष्मान योजना के तहत 26 हजार पैनल में शामिल किए गए हैं, लेकिन अस्पतालों में ना डॉक्टर है ना मशीन और ना ही बेड. एक ही आईडी के जरिए अलग-अलग हॉस्पिटल में एक ही समय पर इलाज किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में कहा था कि भगवान ने उनको दरिद्र नारायण की सेवा करने का एक अवसर दिया है. इसीलिए उन्होंने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरुआत की, जिसको आयुष्मान भारत के नाम से भी जाना जाता हैं. इसमें ऐसे परिवार आते हैं, जिनकी कुल मासिक आय 10 हजार या उससे कम है.

प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि स्टडी 'ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज इंडेक्स’ के मुताबिक हमारी सरकार लोगों की हेल्थ पर जीडीपी का 2 फीसदी से भी कम खर्च करती है. हेल्थ पर खर्च करने के मामले में हमारी रैंक 154/180 है, जो बहुत निचले स्तर पर है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को सदन में डब्ल्यूएचओ का आंकड़ा बताया था, उसी डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हेल्थ स्पेंडिंग में भारत 191 देशों में 184 नंबर पर है. वहीं, नीति आयोग की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक देश में लगभग 40 करोड़ लोग मध्यम वर्ग से हैं. यह लोग प्राइवेट मेडिकल हेल्थ इंश्योरेंस भी नहीं ले सकते हैं. इनकी इनकम 10 हजार प्रति महीने से भी ज्यादा है. ऐसे में वह आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं.

ये भी पढ़ें: Ayushman Bharat : सरकार की गंभीरता पर सवाल, अस्पतालों के अल्टीमेटम से मरीज हलकान

कैग की रिपोर्ट पर सवाल: प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि सदन में एक आंकड़ा पेश किया गया था, जिसमें बताया गया कि इस योजना के लगभग 5-6 लाख लोग प्रतिदिन वेरिफाई किया जा रहा है. सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार करीब 10 लाख लोग एक अमान्य मोबाइल नंबर से रजिस्टर हैं. कैग रिपोर्ट की रिपोर्ट बताती है कि मृतक लोगों को भी इसके तहत पैसा जा रहा है. अभी योजना के 11 करोड बेनिफिसरी हैं, जिनमें से करीब 3.67 करोड़ बेनिफिसरी संदिग्ध हैं. करीब 1.69 करोड़ फर्जी बेनेफिसरी है, जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है.

उन्होंने कहा, "मैं मानती हूं कि यह चोर एथिकल होंगे, तो भी 1.68 करोड़ जो फर्जी अकाउंट है. अगर उन्होंने 50 हजार भी इस स्कीम से निकाले हैं तो भी सीधा-सीधा 8445 करोड़ का घपला हो रहा है. यह पैसा कहां जा रहा है, इस पर कौन बात करेगा? क्या मोदी जी इसकी जांच करेंगे? स्कीम की हकीकत क्या है, वह कल कैग रिपोर्ट ने साफ कर दी. स्कीम सिर्फ पेपर और टीवी पर ही अच्छी लगती है."

ये भी पढ़ें: AAP Taunts PM Modi: आप का पीएम मोदी पर तंज, कहा- मणिपुर में हिंसा के बावजूद भाजपा विकास यात्रा कर मना रही जश्न

नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. इसी कड़ी में अब आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना को फर्जीवाड़े का अड्डा बताया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना में 1.68 करोड़ फर्जी अकाउंट हैं. लोगों के इलाज के नाम पर करोड़ों का घोटाला हो रहा है. सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक योजना के 11 करोड़ बेनिफिसियरीज में से करीब 3.67 करोड़ संदिग्ध और 1.69 करोड़ फर्जी अकाउंट हैं.

फर्जी मरीज के साथ फर्जी हॉस्पिटल भी शामिल: सीएजी के मुताबिक, पूरे देश में आयुष्मान योजना के तहत 26 हजार पैनल में शामिल किए गए हैं, लेकिन अस्पतालों में ना डॉक्टर है ना मशीन और ना ही बेड. एक ही आईडी के जरिए अलग-अलग हॉस्पिटल में एक ही समय पर इलाज किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में कहा था कि भगवान ने उनको दरिद्र नारायण की सेवा करने का एक अवसर दिया है. इसीलिए उन्होंने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरुआत की, जिसको आयुष्मान भारत के नाम से भी जाना जाता हैं. इसमें ऐसे परिवार आते हैं, जिनकी कुल मासिक आय 10 हजार या उससे कम है.

प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि स्टडी 'ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज इंडेक्स’ के मुताबिक हमारी सरकार लोगों की हेल्थ पर जीडीपी का 2 फीसदी से भी कम खर्च करती है. हेल्थ पर खर्च करने के मामले में हमारी रैंक 154/180 है, जो बहुत निचले स्तर पर है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को सदन में डब्ल्यूएचओ का आंकड़ा बताया था, उसी डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हेल्थ स्पेंडिंग में भारत 191 देशों में 184 नंबर पर है. वहीं, नीति आयोग की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक देश में लगभग 40 करोड़ लोग मध्यम वर्ग से हैं. यह लोग प्राइवेट मेडिकल हेल्थ इंश्योरेंस भी नहीं ले सकते हैं. इनकी इनकम 10 हजार प्रति महीने से भी ज्यादा है. ऐसे में वह आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं.

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कैग की रिपोर्ट पर सवाल: प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि सदन में एक आंकड़ा पेश किया गया था, जिसमें बताया गया कि इस योजना के लगभग 5-6 लाख लोग प्रतिदिन वेरिफाई किया जा रहा है. सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार करीब 10 लाख लोग एक अमान्य मोबाइल नंबर से रजिस्टर हैं. कैग रिपोर्ट की रिपोर्ट बताती है कि मृतक लोगों को भी इसके तहत पैसा जा रहा है. अभी योजना के 11 करोड बेनिफिसरी हैं, जिनमें से करीब 3.67 करोड़ बेनिफिसरी संदिग्ध हैं. करीब 1.69 करोड़ फर्जी बेनेफिसरी है, जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है.

उन्होंने कहा, "मैं मानती हूं कि यह चोर एथिकल होंगे, तो भी 1.68 करोड़ जो फर्जी अकाउंट है. अगर उन्होंने 50 हजार भी इस स्कीम से निकाले हैं तो भी सीधा-सीधा 8445 करोड़ का घपला हो रहा है. यह पैसा कहां जा रहा है, इस पर कौन बात करेगा? क्या मोदी जी इसकी जांच करेंगे? स्कीम की हकीकत क्या है, वह कल कैग रिपोर्ट ने साफ कर दी. स्कीम सिर्फ पेपर और टीवी पर ही अच्छी लगती है."

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