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Nursery Admission: निजी स्कूलों की मनमानी, शिक्षा विभाग की सुस्ती से छात्रों के दाखिले पर संकट

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Published : Apr 7, 2023, 3:10 PM IST

राजधानी में नर्सरी कक्षा में दाखिले को लेकर निजी स्कूलों द्वारा मनमानी की जा रही है. इस बारे में शिक्षा विभाग ने एक परिपत्र जारी किया है, जिसमें शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए प्रवेश के लिए रिपोर्ट करने की अंतिम तिथि 15 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है.

Crisis on admission of students
Crisis on admission of students

नई दिल्ली: दिल्ली के 1,700 से अधिक निजी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), वंचित समूह (डीजी कैटेगरी) के तहत 25 फीसदी सीटों पर चयनित छात्रों को अलॉट हुए स्कूलों में दाखिला पाना टेढ़ी खीर साबित हो रही है. निजी स्कूलों की मनमानी और शिक्षा विभाग की सुस्ती ने चयनित छात्रों के दाखिला पर संकट खड़ा कर दिया है. आलम यह है कि जिन छात्रों को ईडब्ल्यूएस डीजी कैटेगरी के तहत अलॉट हुए स्कूलों में दाखिला मिलना था, उन्हें डॉक्यूमेंट्स के भंवर जाल में फंसाकर स्कूल प्रमुख दाखिला देने से मना कर रहे हैं.

इस कारण से अब तक चयनित छात्रों को निजी स्कूलों में नर्सरी, केजी और पहली कक्षा में दाखिला नहीं मिल रहा है, जिससे अभिभावक परेशान हैं. जानकारी के लिए बता दें कि, नर्सरी में दाखिले की 25 फीसदी आरक्षित सीटों पर हर सत्र में निजी स्कूलों की ओर से मनमानी की जाती है. लेकिन शिक्षा विभाग ऐसे स्कूलों पर समय रहते एक्शन नहीं ले पाता है.

गौर करने वाली बात यह है कि 31 मार्च तक नर्सरी दाखिला कार्यक्रम संपन्न हो गया है, लेकिन अभी भी भारी संख्या में ईडब्ल्यूएस और डीजी कैटेगरी के तहत चयनित छात्रों का दाखिला नहीं हो पाया है. यही वजह है कि शिक्षा विभाग ने अभिभावकों को एक और मौका दिया है, जिसके तहत वह 15 अप्रैल तक स्कूल जाकर दाखिला ले सकते हैं. आइए जानते हैं क्या है शिक्षा विभाग के परिपत्र में

क्या लिखा है परिपत्र में: शिक्षा विभाग ने अपने परिपत्र में कहा है कि, शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए प्रवेश स्तर की कक्षाओं में दिल्ली के आवंटित निजी गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों में ईडब्ल्यूएस/डीजी और सीडब्ल्यूएसएन श्रेणी के प्रवेश के लिए रिपोर्टिंग की अंतिम तिथि का विस्तार किया गया है. 14 मार्च को ईडब्ल्यूएस और डीजी कैटेगरी के तहत पहली लिस्ट निकाली गई थी. इस लिस्ट के तहत 29 मार्च तक चयनित छात्रों को स्कूल जाकर दाखिला पक्का करना था. शिक्षा विभाग ने कहा कि, कम्प्यूटरीकृत ड्रॉ के सफल उम्मीदवारों के प्रवेश के लिए ईडब्ल्यूएस/डीजी और सीडब्ल्यूएसएन श्रेणी (दिव्यांग और स्पेशल बच्चे) के दिशा-निर्देशों के संबंध में शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए प्रवेश हेतु रिपोर्ट करने की अंतिम तिथि 15 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है. सभी संबंधित निजी गैर सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त स्कूलों को उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए निर्देशित किया गया है.आदेश की अवहेलना को गंभीरता से लिया जाएगा.

यह भी पढ़ें-Sports Festival: श्री अरबिंदो काॅलेज के एनसीवेब सेंटर ने किया खेल उत्सव का आयोजन

क्या कहना है अभिभावकों का: तारा अपार्टमेंट स्थित एक निजी स्कूल में ईडब्ल्यूएस/डीजी कैटेगरी के तहत चयनित छात्र अंकुर के पिता ने बताया कि, वह ऑटो चलाते हैं. उन्होंने अपने बच्चे का नर्सरी में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के तहत दाखिले के लिए आवेदन किया था. 14 मार्च को जारी हुई पहली लिस्ट में उनके बेटे का तारा अपार्टमेंट के एक बड़े निजी स्कूल में नाम आया. जब वह सारे दस्तावेज लेकर गए तो बहाना बनाकर स्कूल में दाखिला नहीं दिया गया. इसके बाद उन्होंने शिक्षा विभाग के कार्यालय से भी संपर्क किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. वहीं ओखला निवासी संजय ठाकुर ने बताया कि, गतवर्ष कोरोना के चलते उनका बच्चा दाखिले से वंचित रह गया था. इस साल उन्होंने दूसरे बच्चे के लिए आवेदन किया और उसका लिस्ट में नाम भी आया. लेकिन अब स्कूल दाखिला देने से मना कर रहा है. वहीं अन्य अभिभावकों का कहना है कि अब 15 अप्रैल तक समय मिला है, लेकिन हमारे पास सप्ताह भर का ही समय ही है.

यह भी पढ़ें-Ministry of Education: स्कूली शिक्षा में होंगे बड़े बदलाव, शिक्षा मंत्रालय ने तैयार मसौदे पर मांगे सुझाव

नई दिल्ली: दिल्ली के 1,700 से अधिक निजी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), वंचित समूह (डीजी कैटेगरी) के तहत 25 फीसदी सीटों पर चयनित छात्रों को अलॉट हुए स्कूलों में दाखिला पाना टेढ़ी खीर साबित हो रही है. निजी स्कूलों की मनमानी और शिक्षा विभाग की सुस्ती ने चयनित छात्रों के दाखिला पर संकट खड़ा कर दिया है. आलम यह है कि जिन छात्रों को ईडब्ल्यूएस डीजी कैटेगरी के तहत अलॉट हुए स्कूलों में दाखिला मिलना था, उन्हें डॉक्यूमेंट्स के भंवर जाल में फंसाकर स्कूल प्रमुख दाखिला देने से मना कर रहे हैं.

इस कारण से अब तक चयनित छात्रों को निजी स्कूलों में नर्सरी, केजी और पहली कक्षा में दाखिला नहीं मिल रहा है, जिससे अभिभावक परेशान हैं. जानकारी के लिए बता दें कि, नर्सरी में दाखिले की 25 फीसदी आरक्षित सीटों पर हर सत्र में निजी स्कूलों की ओर से मनमानी की जाती है. लेकिन शिक्षा विभाग ऐसे स्कूलों पर समय रहते एक्शन नहीं ले पाता है.

गौर करने वाली बात यह है कि 31 मार्च तक नर्सरी दाखिला कार्यक्रम संपन्न हो गया है, लेकिन अभी भी भारी संख्या में ईडब्ल्यूएस और डीजी कैटेगरी के तहत चयनित छात्रों का दाखिला नहीं हो पाया है. यही वजह है कि शिक्षा विभाग ने अभिभावकों को एक और मौका दिया है, जिसके तहत वह 15 अप्रैल तक स्कूल जाकर दाखिला ले सकते हैं. आइए जानते हैं क्या है शिक्षा विभाग के परिपत्र में

क्या लिखा है परिपत्र में: शिक्षा विभाग ने अपने परिपत्र में कहा है कि, शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए प्रवेश स्तर की कक्षाओं में दिल्ली के आवंटित निजी गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों में ईडब्ल्यूएस/डीजी और सीडब्ल्यूएसएन श्रेणी के प्रवेश के लिए रिपोर्टिंग की अंतिम तिथि का विस्तार किया गया है. 14 मार्च को ईडब्ल्यूएस और डीजी कैटेगरी के तहत पहली लिस्ट निकाली गई थी. इस लिस्ट के तहत 29 मार्च तक चयनित छात्रों को स्कूल जाकर दाखिला पक्का करना था. शिक्षा विभाग ने कहा कि, कम्प्यूटरीकृत ड्रॉ के सफल उम्मीदवारों के प्रवेश के लिए ईडब्ल्यूएस/डीजी और सीडब्ल्यूएसएन श्रेणी (दिव्यांग और स्पेशल बच्चे) के दिशा-निर्देशों के संबंध में शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए प्रवेश हेतु रिपोर्ट करने की अंतिम तिथि 15 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है. सभी संबंधित निजी गैर सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त स्कूलों को उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए निर्देशित किया गया है.आदेश की अवहेलना को गंभीरता से लिया जाएगा.

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क्या कहना है अभिभावकों का: तारा अपार्टमेंट स्थित एक निजी स्कूल में ईडब्ल्यूएस/डीजी कैटेगरी के तहत चयनित छात्र अंकुर के पिता ने बताया कि, वह ऑटो चलाते हैं. उन्होंने अपने बच्चे का नर्सरी में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के तहत दाखिले के लिए आवेदन किया था. 14 मार्च को जारी हुई पहली लिस्ट में उनके बेटे का तारा अपार्टमेंट के एक बड़े निजी स्कूल में नाम आया. जब वह सारे दस्तावेज लेकर गए तो बहाना बनाकर स्कूल में दाखिला नहीं दिया गया. इसके बाद उन्होंने शिक्षा विभाग के कार्यालय से भी संपर्क किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. वहीं ओखला निवासी संजय ठाकुर ने बताया कि, गतवर्ष कोरोना के चलते उनका बच्चा दाखिले से वंचित रह गया था. इस साल उन्होंने दूसरे बच्चे के लिए आवेदन किया और उसका लिस्ट में नाम भी आया. लेकिन अब स्कूल दाखिला देने से मना कर रहा है. वहीं अन्य अभिभावकों का कहना है कि अब 15 अप्रैल तक समय मिला है, लेकिन हमारे पास सप्ताह भर का ही समय ही है.

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