नई दिल्ली: रेलवे में अपराध लगातार बढ़ता जा रहा है. इसकी रोकथाम के लिए रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) और गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) काम करती है. लेकिन इसके बावजूद नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से जारी आंकड़े देखें तो आरपीएफ और जीआरपी में दर्ज होने वाले आपराधिक मामलों की संख्या बढ़ी है. जहां जीआरपी में दर्ज आपराधिक मामलों की संख्या 4.9 प्रतिशत बढ़ी है, वहीं आरपीएफ में दर्ज होने वाले आपराधिक मामलों की संख्या में 52 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. इसमें सबसे ज्यादा आपराधिक मामले महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश में दर्ज हुए हैं, जो कि चिंताजनक है.
आंकड़ो के मुताबिक 2020 में जीआरपी में 29,746 मामले दर्ज हुए. इसमें महाराष्ट्र में 11,508, उत्तर प्रदेश में 2,499 और दिल्ली में 2,117 मामले दर्ज किए गए. वहीं 2021 में जीआरपी में कुल 41,816 मामले दर्ज हुए, जिसमें महाराष्ट्र में 10,280 मामले, बिहार में 3,585, और उत्तर प्रदेश में 4,131 आपराधिक मामले दर्ज हुए. इसके बाद 2022 में जीआरपी ने कुल 67,104 आपराधिक मामले दर्ज किए. इसमें महाराष्ट्र में 19,860, बिहार में 6,630 और उत्तर प्रदेश में 6,286 आपराधिक मामले दर्ज किए गए.
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इसके अलावा आरपीएफ ने 2020 पूरे देश में 2,54,636 मामले दर्ज किए थे. इनमें भी सबसे ज्यादा आपराधिक मामले महाराष्ट्र (68,215) में दर्ज किए गए. वहीं उत्तर प्रदेश में 28,753 और मध्य प्रदेश में 19,099 मामले दर्ज किए गए. वहीं 2021 में 4,24,027 मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें महाराष्ट्र में 96,648, गुजरात में 49,587 और उत्तर प्रदेश में 4,351 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद वर्ष 2022 में आरपीएफ ने कुल 7,17,328 मामले दर्ज किए, जिसमें 1,46,621 मामले महाराष्ट्र में, 80,346 मामले गुजरात में और 55,152 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए.
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